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Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ के अतिथियों को बनाइये पेइंग गेस्ट, सिर्फ 50 में रजिस्ट्रेशन कराकर करें कमाई लोकल

Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज के लोगों को अपने मकान में पेइंग गेस्ट फैसिलिटी शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को घर जैसा माहौल मिल सके। इसकी शुरुआत भी हो गई है।

Syed Raza
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Published on: 7 Nov 2024 6:45 PM IST
Mahakumbh 2025 ( Pic- Social- Media)
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Mahakumbh 2025 ( Pic- Social- Media)

Mahakumbh 2025: महाकुंभ शुरू होने से पहले ही यहां पर आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की देखरेख में कोई कमी न आने पाए, इसके लिए योगी सरकार ने जमीनी स्तर पर इंतजाम शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में प्रयागराज के लोगों को अपने मकान में पेइंग गेस्ट फैसिलिटी शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को घर जैसा माहौल मिल सके। इसकी शुरुआत भी हो गई है। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पर्यटन विभाग के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन कराकर गुड बिहेवियर, बेस्ट क्लीनिंग व हॉस्पिटैलिटी की ट्रेनिंग ले रहे हैं। अधिक से अधिक लोगों को इस व्यवस्था से जोड़ने के लिए टोल फ्री नंबर और व्हाट्सएप नम्बर भी जारी कर दिया गया है। इस व्यवस्था से न सिर्फ श्रद्धालुओं को महंगे होटल्स की बजाय पेइंग गेस्ट की बेहतर सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार का साधन मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि हो सकेगी।

2000 पेइंग गेस्ट रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य

योगी सरकार के निर्देश पर दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम को अविस्मरणीय बनाने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी जा रही है। यहां देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की मेहमाननवाजी सरकार की प्राथमिकता में है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप इसमें स्थानीय प्रशासन के साथ साथ स्थानीय लोगों को भी भागीदार बनाने की पहल की जा रही है। पर्यटन विभाग की ओर से फिलहाल 2000 मकानों में पेइंग गेस्ट फैसिलिटी शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। पेइंग फैसिलिटी में श्रद्धालुओं को रहने और खाने की सुविधा प्राप्त होती है। जरूरत के हिसाब से इसकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है।

मात्र 50 रुपए में होगा रजिस्ट्रेशन

प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि इस योजना से जुड़ने की प्रक्रिया काफी आसान है। ऐसे स्थानीय लोग जिनके पास खुद का मकान है वो इससे जुड़कर इस महान सांस्कृतिक आयोजन में भागीदार बन सकते हैं। इसके लिए क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय से महज 50 रुपए का एक चालान फॉर्म भरकर जमा करना होगा। इसमें कमरों के फोटो और नगर निगम को दिए जाने वाले टैक्स की रसीद लगानी होगी। जिसके बाद पर्यटन विभाग की तरफ से वेरिफिकेशन की एक सामान्य प्रक्रिया पूरी करनी होगी। वेरिफिकेशन के बाद पर्यटन विभाग की ओर से लाइसेंस जारी किया जाएगा, जिसके बाद मकान मालिक पेइंग गेस्ट सुविधा प्रदान करने में सक्षम होंगे। जिन मकानों को पेइंग गेस्ट की सुविधा हेतु लाइसेंस जारी किया जाएगा, उनकी सूची मेला प्रशासन की वेबसाइट और एप पर भी प्रदर्शित की जाएगी। वहां से भी पर्यटक और श्रद्धालु पेइंग गेस्ट फैसिलिटी के लिए एप्रोच कर पाएंगे।

3 साल के लिए मान्य होगा लाइसेंस

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी के अनुसार वेरिफिकेशन के बाद जो लाइसेंस दिया जाएगा वो 3 साल के लिए मान्य होगा। इसके तहत कम से कम दो और अधिकतम पांच कमरे का रजिस्ट्रेशन कराए जाने की योजना है। लाइसेंस पाने वालों को पर्यटन विभाग की ओर से स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जा रही है। उन्हें श्रद्धालुओं और पर्यटकों के साथ अच्छे बर्ताव, उनकी सुविधा का हर तरह से ध्यान रखने के लिए बारीक से बारीक बातें सिखाई जा रही हैं। इसमें मार्केटिंग के साथ सूचना, समस्या समाधान, बेहतर सर्विस, इंटीरियर डेकोरेशन के साथ मेंटेनेंस का ख्याल रखना भी शामिल है। इसके अलावा सिक्योरिटी और भोजन का बेहतर इंतजाम के साथ ही हाइजीन का विशेष ध्यान रखने के विषय में भी गाइड किया जा रहा है।

न कोई फीस, न कोई टैक्स

इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें किसी प्रकार की कोई सालाना फीस या टैक्स भरने की कोई बाध्यता नहीं है। होटल के नॉर्म्स और एनओसी के झंझट में भी नहीं पड़ना होगा। इसमें सिर्फ लैंड डॉक्युमेंट्स और एफिडेविट लगाकर लाइसेंस प्राप्त किया जा सकेगा। सुविधा प्रदान करने का किराया भी मकान मालिक द्वारा ही निर्धारित किया जाएगा, इसमें पर्यटन विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने बताया कि अब तक 50 मकानों का रजिस्ट्रेशन कराया जा चुका है। काफी फाइलें प्रोसेस में हैं।इन नंबर्स पर मिल सकती है और अधिक जानकारी

हेल्पलाइन -05322408873

वॉट्सएप नंबर 9140398639



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Shalini Rai

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