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Prayagraj MahaKumbh 2025: महाकुंभ में नागा संन्यासी कर रहे ऊर्ध्व बाहु की साधना, ताउम्र एक हाथ खड़ा रहने का है संकल्प

Prayagraj MahaKumbh 2025: महाकुंभ नगर के अखाड़ा सेक्टर में अखाड़े के संतों ने अपनी कुटिया बनाकर धूनी रमाना शुरू कर दिया है। जूना अखाड़ा इसमें सबसे आगे है। अखाड़े के नागा संन्यासी महेश गिरी ऊर्ध्व बाहु की साधना कर रहे हैं।

Dinesh Singh
Published on: 17 Dec 2024 8:52 PM IST
Prayagraj MahaKumbh 2025: महाकुंभ में नागा संन्यासी कर रहे ऊर्ध्व बाहु की साधना, ताउम्र एक हाथ खड़ा रहने का है संकल्प
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महाकुंभ में नागा संन्यासी कर रहे ऊर्ध्व बाहु की साधना, ताउम्र एक हाथ खड़ा रहने का है संकल्प (newstrack)

Prayagraj MahaKumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ नगर के अखाड़ा सेक्टर में सनातन धर्म के शीर्ष कहे जाने वाले 13 अखाड़ों के साधु संन्यासियों का जमघट होता जा रहा है। नागा साधुओं ने तो अपनी साधना भी यहां शुरू कर दी है। नागा संन्यासियों की उर्ध्व बाहु साधना सबसे ज्यादा अपनी तरफ ध्यान खींच रही है।

अनोखी साधु, अनोखी साधना

महाकुंभ नगर के अखाड़ा सेक्टर में अखाड़े के संतों ने अपनी कुटिया बनाकर धूनी रमाना शुरू कर दिया है। जूना अखाड़ा इसमें सबसे आगे है। अखाड़े के नागा संन्यासी महेश गिरी ऊर्ध्व बाहु की साधना कर रहे हैं। महेश गिरी ने ऊर्ध्व बाहु की तपस्या का संकल्प लिया है। महेश गिरी इसमें अपना एक हांथ एक ही स्थिति में सर के ऊपर खड़ा रखते हैं कभी भी नीचे नहीं करते। उनका कहना है कि इसमें वैसे तो बहुत पीड़ा होती है। इस प्रक्रिया में हाथ की नसे सूखने लगती हैं। रात में वह अपने एक हाथ को कपड़े से बांध देते हैं ताकि हाथ खड़ा रहे। दर असल महेश गिरी हठ योग साधक हैं। अपने उठे हुए हाथ को वह शिव रूप बताते हैं। दिन रात भगवान शिव का जाप करते हैं। महेश गिरी का संकल्प इसे आजीवन करते रहना है।

सनातन धर्म की एकजुटता संदेश दे रहे है हठ योगी नागा संन्यासी अपने किसी संकल्प को लेकर हठ साधनाएं करते हैं। जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी बताते हैं कि सभी अखाड़ों में हठ योगी होते है लेकिन अघोर पंथी इसमें आगे रहते हैं। इसके बाद जूना अखाड़ा है जिसमें एक पैर की साधना, अग्नि के ऊपर झूला बनाकर अग्नि साधना , हाथ उठाए रखने की ऊर्ध्व बाहु साधना ज्यादा नागा करते हैं। महेश गिरी भी उसी साधना के साधक हैं। नागा संन्यासी महेश गिरी कहते हैं कि आज सनातन धर्म पर हमले हो रहे हैं। सनातन धर्म कमजोर पड़ रहा है। लोग सनातन से भटक रहे हैं। लोग भगवान पर यकीन नहीं कर रहे हैं इन्हें सनातन की एकजुटता का अनुभव ऐसे साधक ही कराते हैं। यही उनका संकल्प है।



Ragini Sinha

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