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Prayagraj News: नेशनल ट्रस्ट के कार्यक्रम निदेशक ने की सी.पी. बच्चो से ख़ास मुलाकात, बढ़ाया मनोबल
Prayagraj News: गूगल ट्रांसलेटर बना विदेश से इलाज के लिए आने वाले अभिभावकों के लिए वरदान।
Prayagraj News: नेशनल ट्रस्ट के कार्यक्रम निदेशक उमेश कुमार शुक्ल का प्रयागराज के त्रिशला फाउंडेशन में आगमन हुआ। उमेश कुमार शुक्ल विगत कई वर्षो से दिव्यंगता के क्षेत्र में निरंतर कार्यरत है एवं सरकार की विभिन्न योजनाओं (निरामया, लीगल गार्डियनशिप, ज्ञान प्रभा एजुकेशनल सपोर्ट, घरौंदा ग्रुप होम फॉर एडल्ट आदि) के द्वारा दिव्यांगजानो के बेहतर भविष्य एवं समाज में एक उत्तम स्थान दिलाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने त्रिशला फाउंडेशन द्वारा कर्नलगंज इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में सेरेब्रल पॉलिसी से प्रभावित बच्चो एवं उनके अभिभावकों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उमेश ने निरामया, लीगल गार्डियनशिप, ज्ञान प्रभा एजुकेशनल सपोर्ट, घरौंदा ग्रुप होम फॉर एडल्ट जैसी केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों एवं योजनाओ के बारे में दिव्यांगजनों एवं अभिभावकों को जागरूक किया।
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विशेष तौर पर उन्होंने लीगल गार्डियनशिप एवं निरामया स्कीम पर ज्यादा जोर देते हुए लीगल गार्डियनशिप के महत्व पर प्रकाश डाला एवं अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चो के भविष्य के लिए लीगल गार्डियन अवश्य बनाये। साथ ही यूडी.आई.डी. कार्ड के विषय में भी अभिभावकों को बताया की प्रत्येक सेरेब्रल पॉलिसी बच्चे के पास उसका यू.आई.डी. कार्ड अवश्य होना ही चाहिए जिससे वो आने वाले समय में सरकार की प्रत्येक योजना का लाभ उठा पाए एवं ज्ञान प्रभा एजुकेशनल सपोर्ट जैसे अनेको स्कीम के द्वारा अपने बच्चो की अच्छी शिक्षा एवं बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए कार्य करें और सही समय रहते बच्चो का स्कूल में दाखिला अवश्य कराये ताकि आने वाले भविष्य में वो पढ़ लिख कर एक उचित मुकाम हासिल कर सकें।
त्रिशला फाउंडेशन में इलाज करा रहें विभिन्न देशो (अमेरिका, कनाडा, सऊदी अरेबिया, बांग्लादेश, यू.के., अंगोला, श्रीलंका, नेपाल आदि) से आये सेरेब्रल पॉलिसी बच्चो एवं उनके अभिभावकों से विशेष मुलाकात कर उनके प्रश्नों का उत्तर दिया, एवं अंगोला से आये अभिभावक से गूगल ट्रांसलेटर के माध्यम से बात करके काफी प्रभावित हुए एवं उनके बच्चो के बेहतर भविष्य की कामना की। प्रश्नोत्तरी सत्र में अभिभावकों ने विभिन्न प्रकार के प्रश्न उमेश से पूछे, जिसमे दी जाने वाली अनुदान राशि एवं इलाज से सम्बंधित प्रश्न शामिल थे। उमेश ने आश्वासन दिया कि वो अभिभावकों की बात आगे उच्च-स्तर पर जरुर रखेंगे।
अंत में सेरिब्रल पॉलिसी क्षेत्र में त्रिशला फाउंडेशन द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्य के लिए डॉ. जितेन्द्र कुमार जैन एवं उनकी टीम की सराहना की एवं फाउंडेशन के उज्जवल भविष्य की कामना की। सेरेब्रल पॉलिसी से प्रभावित बच्चो के इलाज के देश से ही नहीं बल्कि विदेशो से भी लोग प्रयागराज स्थित त्रिशला फाउंडेशन में इलाज करने के लिए आते है। विदेश से आये लोगो को यहाँ आने पर कई तरह की कठिनाइयो का भी सामना करना पड़ता और इन्ही में से एक सबसे बड़ी कठिनाई है “भाषा को ना समझ पाना”
इस समस्या का बहुत ही रोचक समाधान निकाला। ऐसे में यहाँ आकर इलाज कराना शायद असंभव ही हो जाता, यदि गूगल ट्रांसलेटर का सहारा उन्हें ना मिला होता।