×

Mahakumbh 2025: सनातन बोर्ड पर संतों में अभी से घमासान, शांभवी पीठाधीश्वर बोले जरूरत नहीं

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में सनातन बोर्ड के गठन के लिए बैठक के बाद बैठक आयोजित करने का सिलसिला जारी है। कुंभ में निरंजनी अखाड़े के शिविर में धर्माचार्यों ने सनातन बोर्ड के गठन के लिए 27 जनवरी को धर्म संसद बनाने का ऐलान कर दिया है ।

Dinesh Singh
Published on: 23 Jan 2025 9:36 PM IST
Mahakumbh 2025
X

Mahakumbh 2025 ( Pic- Social- Media)

Mahakumbh 2025: सनातन बोर्ड के गठन को लेकर महाकुंभ में नया विवाद छिड़ गया है। साधु संतों में इस विषय को लेकर आम सहमति बनती नहीं नजर आ रही है। शंकराचार्य और कुछ अन्य धार्मिक पीठाधीश्वरों ने इसे लेकर अलग लाइन लेना शुरू कर दिया है।

सनातन बोर्ड नहीं हिन्दू राष्ट्र पहली जरूरत

प्रयागराज महाकुंभ में सनातन बोर्ड के गठन के लिए बैठक के बाद बैठक आयोजित करने का सिलसिला जारी है। कुंभ में निरंजनी अखाड़े के शिविर में धर्माचार्यों ने सनातन बोर्ड के गठन के लिए 27 जनवरी को धर्म संसद बनाने का ऐलान कर दिया है । इधर शाभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने जोर देकर कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना आज करोड़ों सनातन धर्मियों की आकांक्षा है। यदि भारत को हिंदू राष्ट्र तत्काल घोषित नहीं किया गया तो देश की एकता और अखंडता एक बार फिर खतरे में पड़ जायेगी। भारत एक बार विभाजन का दंश झेल चुका है। इसलिए इस पर विचार करने की जरूरत है।

शाम्भवी पीठाधीष्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि दुनिया में ईसाइयों के 127, मुस्लिमांे के 57, बौद्धों के 15 राष्ट्र हैं। यहां तक कि यहूदियों का भी एक देश इजरायल है। लेकिन दुनिया में करीब पौने दो अरब हिंदुओं की आबादी है परंतु उसका एक भी देश नहीं है। यही कारण है कि सनातन संस्कृति पर दूसरे धर्म के लोगों का लगातार हमला हो रहा है। यदि भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाता है तो सरकारें सनातन संस्कृति कि संरक्षण और संवर्धन के लिए कानूनी रूप से जिम्मेदारी होंगी। फिर भविष्य में कोई पाकिस्तान नहीं बनेगा। शांभवी पीठाधीश्वर ने कहा कि कुछ लोग सनातन बोर्ड के गठन की बात कर रहे हैं। यह बेतूकी बात है। इससे सीमित लोगों का देश के धार्मिक स्थलों पर एकाधिकार हो जायेगा। यदि देश हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाता है तो सनातन बोर्ड के गठन जैसी छोटी बात की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी नहीं हैं सहमत

अखाड़ों के अलावा शंकराचार्यों में भी इस पर सहमति नहीं बन पा रही है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि सनातन बोर्ड के गठन से न फायदा है न नुकसान। अगर यह सरकार के अधीन हो गया तो इसमें सरकारों का हस्तक्षेप बढ़ जाएगा।



Shalini Rai

Shalini Rai

Next Story