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NCR ने भरपूर किया सौर ऊर्जा का इस्तेमाल, 7 माह में बचाए 3.27 Cr. रुपए, 78.8 लाख यूनिट बिजली उत्सर्जित
North Central Railway: वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले सात माह में उत्तर-मध्य रेलवे ने सौर ऊर्जा से 78.8 लाख यूनिट बिजली उत्सर्जित की। इस दौरान 6622 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई।
Prayagraj News : 'सौर मिशन' पर राष्ट्रीय पहल के अनुसरण में उत्तर-मध्य रेलवे ने सौर ऊर्जा उत्पादन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। महाप्रबंधक उत्तर-मध्य रेलवे सतीश कुमार के मार्ग निर्देशन और प्रधान मुख्य बिजली इंजीनियर अनूप कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में उत्कृष्ट रख-रखाव, सौर ऊर्जा संयंत्र के संचालन की सघन मॉनिटरिंग और सौर मिशन-2021-22 के तहत किये गए अभिनव प्रयासों के कारण, वर्ष 2022-23 में उत्तर मध्य रेलवे में सौर संयंत्रों की उत्पादकता सभी जोनल रेलवे में सबसे अधिक थी। पिछले, वित्तीय वर्ष में, सौर ऊर्जा का उपयोग करके 125 लाख यूनिट ऊर्जा उत्पन्न कर 5.2 करोड़ रुपए की बचत की गई।
इसी गति को जारी रखते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले सात माह (अप्रैल-अक्टूबर) में उत्तर मध्य रेलवे द्वारा 78.8 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण के एक बड़े लक्ष्य की ओर एक कदम है, इससे राजस्व में भी पर्याप्त बचत हुई है। इस प्रकार सौर ऊर्जा के उपयोग से रुपये 3.27 करोड़ की शुद्ध राजस्व बचत दर्ज की गई है। उत्तर मध्य रेलवे की कुल स्थापित क्षमता 11.13 मेगावाट है। इसमें से 185 के डब्ल्यू पी रेलवे द्वारा स्थापित किया गया है। शेष 10949 के डब्ल्यू पी क्षमता दो प्रमुख सौर ऊर्जा डेवलपर्स (SPD) Azure और ReNew द्वारा PPP आधार पर स्थापित की गई है।
कार्बन उत्सर्जन में 6622 मीट्रिक टन की कमी
स्टेशन भवन, कारखाने, ट्रेनिंग विद्यालय, अस्पताल, मेमू कार शेड, महाप्रबंधक कार्यालय और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय भवन आदि प्रमुख स्थानों पर रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं । इस वर्ष सौर ऊर्जा का उपयोग करके उत्तर मध्य रेलवे द्वारा कार्बन उत्सर्जन में लगभग 6622 मीट्रिक टन की कमी की गई है। सौर संयंत्रों के प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण पैरामीटर कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर (सीयूएफ) है। उत्तर-मध्य रेलवे के सौर पैनलों ने वर्ष के दौरान 13.8 प्रतिशत का सीयूएफ दर्ज किया है।
सौर ऊर्जा के प्रयोग के संवर्धन के लिए सौर संयंत्रों के रखरखाव को अत्यधिक महत्व दिया जा रहा है। इसके लिए उठाए गए कुछ कदम इस प्रकार हैं:
• प्रत्येक संयंत्र के लिए इनवर्टर वार सौर ऊर्जा उत्पादन की निगरानी की जा रही है।
• ऊर्जा और सीयूएफ संयंत्रों की मासिक के स्थान पर दैनिक मॉनिटरिंग की जा रही है।
• छत की मरम्मत, इनवर्टर, केबल आदि के कारण खराब/विघटित संयंत्रों को ठीक किया गया है।
• सौर पैनलों की गुणवत्तापूर्ण सफाई पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
• सौर्य संयंत्रो के निकट सूर्य की किरणों को अवरोधित करने वाले पेड़ों की छंटाई।
• अनुरक्षण कर्मचारियों की ट्रेनिंग और संवेदीकरण के लिए 25 प्वाइंट सोलर मिशन रेडी रेकनर सचित्र रूप में जारी किया गया।
• हिंदी में 25 विषयों पर तकनीकी और व्यावहारिक उपयोगी वीडियो क्षेत्रीय पर्यवेक्षकों के ज्ञानवर्धन के लिए जारी किए गए हैं।
• ऊर्जा और अन्य महत्वपूर्ण डेटा के व्यवस्थित प्रलेखन और मॉनिटरिंग के लिए एस.एस.ई को सोलर डायरी की प्रणाली की शुरुआत की गई।
अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम को बधाई
महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे सतीश कुमार ने इस उपलब्धि के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम को बधाई दी। कुल गैर-कर्षण विद्युत ऊर्जा खपत में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। चालू वित्त वर्ष में 1.34 MWp सौर संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमे प्रयागराज मंडल 0.75 मेगावाट, झांसी 0.4 मेगावाट और आगरा मंडल 0.19 मेगावाट की क्षमता वृद्धि करेंगे। इसमे प्रयागराज मंडल द्वारा टुंडला स्टेशन पर 150 kWp तथा MDDTI कानपुर पर 250 kWp लगाया जा चुका है, बाकि स्थानों पर सोलर प्लांट्स दिसंबर 2023 तक लगने की उम्मीद है। इन नए सोलर प्लांट्स लगने पर एनसीआर की कुल सोलर पॉवर प्लांट क्षमता 12.47 MWp हो जाएगी I