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Prayagraj News: महाकुंभ में धर्म ध्वजा समारोह में शामिल होने से क्यों रोक दिए गए अखाड़े के पदाधिकारी
Prayagraj News: पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और उसके भ्राता अखाड़े कहे जाने वाले श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती ने पूरे विधि विधान के साथ अपने अपने अखाड़ों के इष्ट का आवाहन कर अपनी धर्म ध्वजा महाकुम्भ क्षेत्र में फहरा दी।
Prayagraj News: महाकुंभ के छावनी क्षेत्र में हर अखाड़े की धर्म ध्वजा उस अखाड़े और उसके संतों के लिए खास मौका है जिसका सभी संत इंतजार करते हैं। प्रयागराज महाकुंभ में निरंजनी और आनंद अखाड़े की धर्म ध्वजा स्थापित की गई लेकिन निरंजनी अखाड़े के धर्म ध्वजा समारोह में शामिल होने से उस अखाड़े में श्री महंत और सभी पदाधिकारी रोक दिए गए । वजह भी बेहद दिलचस्प है।
सहोदर अखाड़ों की धर्म ध्वजा लेकिन दोनों का अलग अंदाज
प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम महाकुम्भ 2025 में आस्था और अध्यात्म के विविध रंग निखरने लगे हैं। सनातन धर्म के शिखर संन्यासियों के दो अखाड़ों ने एक ही दिन में महाकुम्भ क्षेत्र में अपने अपने अखाड़े की धर्म ध्वजा स्थापित की। अखाड़ा क्षेत्र में अखाड़ों के संतो की मौजूदगी से दिव्य और भव्य कुम्भ की अनुभूति जीवंत हो गई।
निरंजनी अखाड़े की धर्म ध्वजा स्थापना में श्री महंतो की नो एंट्री
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और उसके भ्राता अखाड़े कहे जाने वाले श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती ने पूरे विधि विधान के साथ अपने अपने अखाड़ों के इष्ट का आवाहन कर अपनी धर्म ध्वजा महाकुम्भ क्षेत्र में फहरा दी। परंपरा, प्रतिष्ठा और अनुशासन के मूलमंत्र को लेकर चलने वाले श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती की धर्मध्वजा की भी स्थापना हुई। अखाड़े के अध्यक्ष स्वामी शंकरानन्द सरस्वती ने बताया कि 41 फीट के ध्वज दंड में अखाड़े के प्रमुख संतों की मौजूदगी में पूरे विधि विधान के साथ अखाड़े की धर्म ध्वजा स्थापित कर दी गई। इस समारोह में जहां आनंद अखाड़े के सभी महंत और बड़े पदाधिकारी भी शामिल हुए वहीं निरंजनी अखाड़े के धर्म ध्वजा स्थापना समारोह में उस अखाड़े के श्री महंत और पदाधिकारी हिस्सा लेने से रोक दिए गए।
निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी का कहना है कि हमारे अखाड़े की परम्परा है कि धर्म ध्वजा स्थापना में अखाड़े का कोई भी श्री महंत या बड़ा पदाधिकारी हिस्सा नहीं लेता। इसलिए नागा संन्यासियों की अगुवाई में अखाड़े की धर्म ध्वजा स्थापित हुई। अब 4 जनवरी को निरंजनी अखाड़े का छावनी प्रवेश होगा तभी अखाड़े के पदाधिकारियों की अखाड़े में एंट्री हो सकेगी।