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Prayagraj News: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में नई शिक्षा प्रणाली लागू करने की तैयारी, जानिए क्या आएगा बदलाव
Prayagraj News: पूरब का ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय (allduniv) द्वारा अगले शिक्षा सत्र 2023-2024 के तहत नई शिक्षा प्रणाली के तर्ज पर प्रथम सत्र का आयोजन करने को तैयार है।
Prayagraj News: केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल से ही नई शिक्षा प्रणाली को लागू करने का निर्देश जारी कर दिया था और जिसको लेकर सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित राज्य सरकार मंथन में लग गए थे। इसका प्रारूप तैयार करने और लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाने लगे थे। इसी क्रम में पूरब का ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय (allduniv) द्वारा अगले शिक्षा सत्र 2023-2024 के तहत नई शिक्षा प्रणाली के तर्ज पर प्रथम सत्र का आयोजन करने को तैयार है।
पाठ्यक्रम में मिलेंगे ज्यादा विकल्प
इस शुरुआती सत्र में विश्वविद्यालय द्वारा संचालित होने वाले छह अनिवार्य पाठ्यक्रम जिनमें जेईई के माध्यम से कंप्यूटर एजुकेशन, प्रोफेशनल स्टडी(आईपीएस) के अंतर्गत डाटा साइंस, जैसे कोर्स के अलावा इंट्रीगेटेड लॉ कोर्स और एमबीए के कोर्स शामिल हैं। इसके अलावा वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में नौ विषय तथा यूरोपीय भाषा के रूप में फ्रेंच, रूसी, जर्मन तथा प्राच्य भाषा में उर्दू, संस्कृत और अंग्रेजी को भी सिखाया जाएगा। इसके अलावा नैतिक चरित्र निर्माण और एनसीसी को लेकर भी अलग से कोर्स का भी प्रावधान है।
जेईई और सीयूईटी के माध्यम से होगा प्रवेश
इस विषय में बात करते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि नई शिक्षा प्रणाली के तहत केंद्र सरकार की इच्छा है कि छात्र किसी एक विषय के साथ बदतर न रह जाए और वार्णभट्ट के कादम्बनी की तरह छात्रों का अलग-अलग विषयों में पूरी तरीके से पकड़ हो। जिसको लेकर पिछले वर्ष से ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय अपने सभी सहायक महाविद्यालय के साथ मिलकर नए शिक्षा प्रणाली के तहत शुरुआत में किस तरह के विषयों का चयन किया जा सकता है, इसपर मंथन कर रहा था। जिसके बाद नई शिक्षण सत्र वर्ष 2023-2024 में छह अनिवार्य विषय एवं एक वैकल्पिक विषय जो दक्षता से संबंधित होगा को शामिल किया गया है।
इस पूरी शिक्षा व्यवस्था में अभी सभी छः विषयों में 40 बच्चों (प्रत्येक विषय) का एडमिशन किया जाएगा जोकि जेईई और सीयूईटी के माध्यम से होगा। इसके अलावा व्यक्तित्व विकास के लिए नौ अलग-अलग विषयों पर जिसमें खेलकूद, संगीत, मानसिक विकास, एनसीसी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वित्तीय बाजार और थिएटर चिकित्सा जैसे विषयों पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा फ्रेंच रूसी और जर्मन जैसी यूरोपियन भाषाएं और उर्दू संस्कृत और अंग्रेजी जैसी प्राच्य भाषाओं पर छात्रों को शिक्षा प्रदान की जाएगी, जिससे छात्रों का चारित्रिक एवं नैतिक विकास होना सुनिश्चित होगा।
केंद्र सरकार की परिकल्पना होगी साकार
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले वर्ष चेन्नई शिक्षा प्रणाली के तहत दो अलग-अलग चरणों में नई शिक्षा प्रणाली को लागू करने की बात कहीं गई थी। जिसमें कक्षा 6 से 8 तक कौशल विकास एवं उसके बाद कक्षा 9 से 12 तक शैक्षिक विकास की बात कही गई थी। इसके अलावा उच्च स्तरीय शिक्षा में भी परिवर्तन की बात करते हुए कुछ विषयों को अनिवार्य रूप से छात्रों को पढ़ने के लिए कहा गया था। जिसके बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित सभी राज्य सरकारों ने नई शिक्षा प्रणाली के तहत मंथन करना शुरू कर दिया गया था। इस मंथन में सभी प्रकार के बोर्ड एवं विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया था। अब शिक्षण सत्र 2023-2024 इस प्रणाली को धीरे-धीरे लागू करने एवं तीन स्तर पर पूरी शिक्षा प्रणाली को लागू करने की कवायद शुरू कर दी गई है।