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Mahakumbh 2025: तीसरे अमृत स्नान की अखाड़ों ने शुरू की तैयारी, बसंत पंचमी पर स्वर्ण सिंहासन पर सवार होकर अमृत स्नान के लिए आएंगे आचार्य

Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के बाद अब सभी अखाड़ों में बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

Dinesh Singh
Published on: 30 Jan 2025 8:49 PM IST
Mahakumbh 2025
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Mahakumbh 2025: महाकुम्भ नगर, 30 जनवरी।* प्रयागराज महाकुम्भ के तीसरे अमृत स्नान के लिए अखाड़ों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। महंगे से महंगे सिंहासन और रथ बनवा रहे हैं अखाड़े । सभी अमृत स्नान की भव्यता और दिव्यता को पीछे छोड़ने की अखाड़ों की तैयारी है।

बसंत पंचमी के अमृत स्नान पर स्वर्ण सिंहासन पर सवार होंगे आचार्य

मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के बाद अब सभी अखाड़ों में बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि मौनी अमावस्या में परिस्थितियों की वजह से अखाड़ों ने अपने पूर्ण वैभव और लाव लश्कर के साथ अमृत स्नान नहीं किया था लेकिन बसंत पंचमी का अमृत स्नान सभी अखाड़े पूरी दिव्यता और भव्यता के साथ करेंगे। आचार्यों के रथ और महा मंडलेश्वरों के सिंहासन फूलों की लड़ियों से सजाए जाएंगे। गाजे बाजे के साथ नागा संन्यासियों के लम्बे जुलूस इसकी शोभा बढ़ाएंगे। श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद का कहना है कि उनके अखाड़े के आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी महराज स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान होकर बसंत पंचमी का अमृत स्नान करने जाएंगे।

अखाड़ों ने श्रद्धालुओं के लिए जारी की एडवाइजरी

सनातन धर्म के ध्वज वाहक 13 अखाड़ों ने महाकुंभ के मौनी अमावस्या के हादसे के बाद जो संवेदना अपने अमृत स्नान पर्व में सादगी के साथ दिखाई उसकी सब जगह भूरि भूरि प्रशंसा हुई है। अपने इसी दायित्व बोध को आगे बढ़ाते हुए अखाड़ों ने अपने भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए एक अपील जारी की है। श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधूत स्वामी अरुण गिरी का कहना है कि उन्होंने अपने भक्तों और बसंत पंचमी का स्नान करने आ रहे श्रद्धालुओं से अपील की है कि महाकुंभ क्षेत्र में अपने निकट के गंगा या यमुना में स्नान करें सभी लोग त्रिवेणी में ही पुण्य की डुबकी लगाए। साधु संत महात्माओं के स्नान का फल भी उनके भक्तों के लिए होता है।



Shalini Rai

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