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Jashn-e-Qawwali: साबरी ब्रदर्स ने सूफियाना अंदाज में गाया "छाप तिलक सब छीनी रे", जश्न-ए-कव्वाली का हुआ समापन

Prayagraj News: जश्न –ए- कव्वाली की आखिरी शाम को उस्ताद अमीन साबरी और साबरी ब्रदर्स के सूफियाना कलाम से लोग कायल हो गए। शुरू से अंत तक श्रोताओं की तालियां और साजिंदों की कलाकारी गलबहियां करती नजर आई।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 19 Nov 2023 8:54 PM IST
Jashn-e-Qawwali
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Jashn-e-Qawwali (Pic:Newstrack)

Prayagraj News: खुसरोबाग में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आयोजित जश्न –ए- कव्वाली की आखिरी शाम को उस्ताद अमीन साबरी और साबरी ब्रदर्स के सूफियाना कलाम से लोग कायल हो गए। शुरू से अंत तक श्रोताओं की तालियां और साजिंदों की कलाकारी गलबहियां करती नजर आई। उन्होंने अपने शानदार प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोह लिया। गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल को पेश करते हुए "तू देरो हरम का मालिक हैं" के साथ उन्होंने ईश्वर की प्रार्थना की। इसके बाद हिना फिल्म का सुपरहिट गाना "देर ना हो जाए" की प्रस्तुति पर संगीत प्रेमी मंत्रमुग्ध हो गए।

इसी के साथ "वही फिर हमें याद आने लगे हैं, जिन्हें भूलने में जमाने लगे हैं" पेश कर खूब तालियां बटोरी। "छाप तिलक सब छीनी रे.." गाकर गुलाबी ठंड में श्रोताओं का गर्मी का एहसास करा दिया। "एक मुलाकात जरूरी है सनम" कव्वाली ने श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। अंत में "प्रीत निभाना रे कान्हा, म्हाने भूल बिसर मत जाना" की प्रस्तुति से खूब वाहवाही लूटी। साबरी ब्रदर्स ने अपने सूफियाना कलाम से सुनने वालों को मदमस्त कर दिया।


गायकी में अमीर साबरी व तनवीर साबरी ने साथ दिया। वहीं मतीन साबरी ऑक्टोपैड, आसीफ ढोलक, नईम कोरस, अब्दुल्ला कीबोर्ड पर संगत की। केंद्र निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने कलाकारों को पुष्प गुच्छ और स्मृति पत्र देकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर केंद्र के अधिकारी व कर्मचारियों सहित काफी संख्या में श्रोता मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ आभा श्रीवास्तव ने किया।



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Durgesh Sharma

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