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Prayagraj Kumbh 2025: यूपी में राम की नगरी अयोध्या के बाद क्यों ट्रेंड करने लगा श्रृंगवेरपुर धाम, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
Prayagraj Kumbh 2025: श्रृंगवेरपुर धाम का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री आ रहे हैं। अयोध्या के बाद सीएम योगी ने निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर को देश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन का हब बना दिया।
Prayagraj Kumbh 2025: राम नगरी अयोध्या के बाद यूपी का एक और स्थान ट्रेंड कर रहा है। अगर आप इसे प्रयागराज सोच रहे तब भी आप सही नहीं हैं क्योंकि इस स्थान का नाम श्रृंगवेरपुर धाम। पीएम मोदी खुद इसका उद्घाटन करने प्रयागराज आ रहे हैं।
श्रृंगवेरपुर धाम अचानक क्यों ट्रेंड करने लगा
प्रयागराज जिले में गंगा नदी किनारे स्थित श्रृंगवेरपुर धाम का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री आ रहे हैं। अयोध्या के बाद सीएम योगी ने निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर को देश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन का हब बना दिया।
सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान का कायाकल्प 4950.23 लाख की लागत से कराया गया। पहले चरण में यहां ₹3132.06 लाख की लागत से निषाद राज पर्यटन पार्क स्थल बना जो निषादराज और भगवान राम से जुड़ी विरासत को नया आयाम देती है।इसमें निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की विशाल मूर्ति की स्थापना इसमें प्रमुख है।
श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के पर्यटन विकास हेतु ₹ 1818.90 लाख की लागत से भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयरटेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैण्डस्केपिंग एवं हॉर्टीकल्चर, आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच बनवाए गए। श्रृंग्वेरपुर में निषादराज गुह्य सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना 2034 लाख की लागत से संस्कृति विभाग की तरफ से की गई ।
कुंभ नगरी प्रयागराज के तीर्थाटन विकास के लिए भगवान प्रभु राम से जुड़े स्थलों को चिह्नित करने के बाद उन्हें रामायण सर्किट के रूप में पर्यटन के मानचित्र पर स्थान दिया गया है । इस महाविकास से श्रृंगवेरपुर धाम इस समय ट्रेंड कर रहा है। पीएम मोदी 13 दिसंबर को प्रयागराज आ रहे हैं जहां वह इस धाम का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे।
भगवान श्रीराम की बहन शांता का भी है श्रृंगवेरपुर से कनेक्शन
अयोध्या का नाम अगर श्री राम से अभिन्न रूप से जुड़ा है तो श्रृंगवेरपुर धाम का श्री राम की बड़ी बहन शांता से । भगवान राम निषादराज गुह्य के मिलन के साक्षी रहे श्रृंगवेरपुर की भगवान श्री राम के जीजा श्रृंगी ऋषि और बहन शांता के साथ भी पहचान है। ये वहीं श्रृंगी ऋषि हैं जिन्होंने अयोध्या नरेश दशरथ के पुत्र प्राप्ति न होने पर पुत्रेष्ठी यज्ञ कराया जिसके बाद दशरथ के चार पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न । ऋषि श्रृंगी और शांता से जुड़े इसी स्थान पर श्रृंगी ऋषि का एक प्राचीन मंदिर है जिसमें रोटियां प्रसाद में चढ़ाते है। इसे स्थानीय भाषा में रोट कहा जाता है।