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Prayagraj News: झुग्गी झोपड़ी के बच्चों ने यूपी बोर्ड परीक्षा में लहराया परचम, डॉक्टर इंजीनियर बनना चाहते हैं छात्र
Prayagraj News: प्रयागराज के झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों बच्चों ने यूपी बोर्ड परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है। साथ ही उन बच्चों ने बस्ती में रहने वाले और बच्चों के लिए उम्मीद की किरणें जगा दी हैं।
Prayagraj News: जो बच्चे शिक्षा से कोसों दूर थे, जो कभी कूड़े और कबाड़ बिनते थे, जो कभी दूसरे के घरों में काम करते थे, होटल में वेटर और बर्तन धुलने का काम करते थे। आज उन्ही झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों ने अपनी बस्ती के साथ साथ अपने उन माता पिता का भी नाम रोशन किया है, जो कभी उन्हें स्कूल जाने से यह कहकर रोकते थे कि अगर पढ़ने जाओगे तो दूसरों के घरों पर काम कौन करने जाएगा? होटल में काम कौन करेगा? कूड़ा कौन बिनेगा और घर चलाने के लिये पैसे कहाँ से आएंगे? आज इन बच्चों के बोर्ड परीक्षा में आए शानदार रिजल्ट ने कई और बस्ती की बच्चों के स्कूल जाने का रास्ता खोल दिया है।
प्रथम श्रेणी से पास हुए बच्चे
प्रयागराज के चुंगी परेड और सीएमपी के पास हरिनगर झोपड़ पट्टी में रहने वाले बच्चों ने यूपी बोर्ड परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं। ऋतिक ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 80% अंक हासिल किया है, ऋतिक के पिता ठेले पर सब्जी बेचने का काम करते हैं। ऋतिक बड़ा होकर इंजीनियरिंग करना चाहता है।
इन बच्चों ने लहराया परचम
अमित ने 78% अंक हासिल किया है। अमित के पिता मजदूरी का काम करते हैं। अमित बड़ा होकर डॉक्टर बनना चाहता है। दीपक कोरी ने 74% अंक हासिल किया है। दीपक पहले होटल में वेटर का काम करता था। दीपक विश्वकर्मा ने 74% अंक हासिल किया है। दीपक की मां दूसरे के घरों में झाड़ू पोछा का काम करती हैं। नाजों ने बोर्ड परीक्षा में 72% अंक हासिल किया है। नाजों के पिता ऑटो ड्राइवर हैं।
12वीं में भी बच्चों ने लहराया परचम
खुश्बु बानो ने 12वीं में 85% अंक हासिल कर साबित कर दिया कि अगर बस्ती के बच्चियों को पढ़ने का मौका मिले तो वो कुछ भी कर सकती हैं। खुश्बु के पिता रिक्शा चलाते हैं। खुश्बु बैंकिंग के क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हैं। शनि ने 70% अंक हासिल करने के साथ साथ गणित विषय में 100 में से 96 अंक प्राप्त कर दिखा दिया कि झुग्गी झोपड़ी के बच्चो में अपार प्रतिभा है बस आवश्यकता है उन्हे सही मार्गदर्शन और सहयोग की। कोमल ने 70% अंक हासिल किया है। कोमल के पिता कबाड़ चुनते हैं। कोमल आगे चलकर आईपीएस बनना चाहती हैं।
दस घंटे कराई जाती थी पढ़ाई
इन झुग्गी बस्तियों के बच्चों ने कठिन परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई कर बोर्ड परीक्षा में शानदार सफलता हासिल किया है। आठ वर्ष पहले इन सभी बच्चों का दाखिला एक ज्योति शिक्षा की संस्था ने अलग अलग स्कूलों में कराया। साथ ही साथ इन बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की पूरी जिम्मेदारी शुरुआत परिवार के द्वारा पिछले आठ सालों से निर्वहन की जा रही है। इन बच्चों को सभी विषयों की तैयारी प्रतिदिन संस्था के शिक्षकों के द्वारा दस दस घण्टे कराई गई, जिसकी वजह से बच्चों ने शानदार सफलता अर्जित किया और साथ ही बस्ती के और बच्चों के लिये शिक्षा की उम्मीद की किरण जगा दी।