×

महाकुंभ में भगदड़ की कहानी नई नहीं पुरानी, जब चली गयी थी 800 लोगों की जान

Mahakumbh Bhahdad Ka Itihas: मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करने के लिए भारी संख्या में लोगों की भीड़ महाकुंभ पहुंची और स्नान करने के दौरान अचानक भगदड़ मच गयी।

Shishumanjali kharwar
Published on: 29 Jan 2025 1:28 PM IST
mahakumbh stampede history
X

mahakumbh stampede history

Mahakumbh Bhahdad Ka Itihas: प्रयागराज में 144 साल के महाकुंभ के शुरूआत के दिन से ही संगम में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। मौनी अमावस्या पर लगभग 12-15 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की संभावना जतायी गयी थी। वहीं मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करने के लिए भारी संख्या में लोगों की भीड़ महाकुंभ पहुंची और स्नान करने के दौरान अचानक भगदड़ मच गयी। जिसे कई श्रद्धालुओं की मौत होने की संभावना जतायी जा रही है।

इसके साथ ही कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गये हैं। जिनका उपचार कराया जा रहा है। प्रयागराज में भगदड़ हो जाने के बाद जनपद की सीमाओं को सील कर दिया गया है। साथ ही हाईवे को भी ब्लॉक कर दिया गया है। लेकिन यह कोई पहला अवसर नहीं है जब मौनी अमावस्या पर भारी संख्या में महाकुंभ में भीड़ उमड़ी हो और भगदड़ मची हो। इससे पहले भी प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर भगदड़ मच चुकी है। जिसमें 800 लोगों की जान चली गयी थी। आइए जानते हैं महाकुंभ में कब-कब भगदड़ मची।

मौनी अमावस्या पर भगदड़ में चली गयी थी 800 जानें

यह हादसा साल 1954 में तीन फरवरी को घटित हुई थी। उस समय प्रयागराज का नाम इलाहाबाद था। उस समय कुंभ मेल के आयोजन के दौरान उस समय अफरा-तफरी मच गयी। जब अचानक कुंभ मेले में एक हाथी कंट्रोल से बाहर हो गया। इसके बाद क्षेत्र में पर कोहराम मच गया था। हाथी से खुद को बचाने के लिए लोग इधर-उधर भागने लगे। हर तरफ चीख पुकार मच गयी। इस दौरान लगभग 800 लोगों की जान चली गयी थी।

इस घटना के बाद कुंभ मेले में हाथी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। घटना के बाद सरकार ने सबक लेते हुए किसी भी धार्मिक आयोजन में भीड़ प्रबंधन के लिए रणनीति बदली। इसके बाद से ही कुंभ के दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए लाउडस्पीकर लगाये जाने लगे। लाइट की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाने लगा। कुंभ में प्रमुख स्थलों पर वीआईपी लोगों की यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया। खोया-पाया समेत कई तरह की व्यवस्थाएं की गयीं।

हरिद्वार कुंभ में 200 लोगों की गयी थी जान

हरिद्वार में कुंभ के दौरान लगभग 200 लोगों की मौत हो गयी थी। दरअसल 1986 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और सांसदों के साथ हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान पहुंच गये थे। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने आम जनता को नदी के किनारे रोक दिया। जिससे लोग आक्रोषित हो गये और भगदड़ मच गयी। जिससे 200 लोगों की जान चली गयी थी।

नासिक में कुंभ में हुई 39 लोगों की मौत

महाराष्ट्र के नासिक में 2003 में कुंभ मेले के दौरान उस समय भगदड़ मच गई थी। जब अचानक गोदावरी नदी में पवित्र डुबकी लगाने के लिए हजारों श्रद्धालु एक साथ एकत्रित हो गये थे। जिसके बाद वहां भगदड़ मच गयी। इस घटना में 39 लोगों की मौत हो गयी थी। वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे।

प्रयागराज कुंभ में फुटओवर ब्रिज गिरने से 42 लोगों की गयी जान

प्रयागराज में कुंभ के दौरान साल 2013 में भी भगदड़ मच गयी थी। लेकिन यह भगदड़ संगम घाट पर नहीं बल्कि प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर मची थी। यहां भारी भीड़ एक साथ एक फुट ओवर ब्रिज पर पहुंच गयी। जिससे वह ढह गया। इसके बाद वहां भगदड़ मच गयी। इस हादसे में 42 लोगों की मौत हो गयी थी। वहीं 45 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

Next Story