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Mahakumbh 2025: स्वामी चिन्मयानंद बापू ने महाकुंभ में अदाणी समूह के सेवाकार्यों की प्रशंसा की एवं साधुवाद दिया
Mahakumbh 2025: विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट के संस्थापक मानस एवं श्रीमद्भागवत मर्मज्ञ स्वामी चिन्मयानंद बापू ने महाकुंभ में अदाणी समूह के सेवाकार्यों की प्रशंसा की एवं साधुवाद दिया।
Swami Chinmayanand Bapu News (Image From Social Media)
Mahakumbh 2025: विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट के संस्थापक मानस एवं श्रीमद्भागवत मर्मज्ञ स्वामी चिन्मयानंद बापू ने महाकुंभ में अदाणी समूह के सेवाकार्यों की प्रशंसा की एवं साधुवाद दिया। वीडियो संदेश के माध्यम से बापू ने कुंभ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कुंभ में अलौकिक दिव्य शक्तियों की उपस्थिति रहती है महाकुंभ में तमाम प्रकार के सेवा कार्य चलाए गए पर लाखों लोगों के दो जून भोजन व्यवस्था में जाने माने उद्योगपति एवं अदाणी समूह मुखिया श्री गौतम अदाणी ने इस्कान के साथ मिलकर जो महाप्रसाद का सहयोग किया वह अद्वितीय और अनूठा है।
इसके अतिरिक्त अदाणी समूह ने गीता प्रेस के माध्यम से करोड़ों विशिष्ट आरती संग्रह को प्रकाशित करा कर लोगों में फ्री वितरण किया और चार दर्जन से ऊपर गोल्फ कार्ट के माध्यम से असहाय वृद्ध जनों, माताओं बहनों को संगम स्नान सुगम किया इसके लिए श्री गौतम अदाणी जी बधाई के पात्र हैं। अदाणी समूह के महाकुंभ के सेवा कार्यों की मैं प्रशंसा करता हूँ।
कौन हैं चिन्मयानंद बापू
चिन्मयानंद बापू एक प्रमुख कथा वाचक और अद्भुत गायक हैं। उन्हें बचपन से ही महाभारत, श्रीमद्भागवत और राम चरित्र मानस जैसे प्राचीन महाकाव्य की गहरी समझ और दर्शनशास्त्र का उत्कृष्ट ज्ञान है। भगवान श्री राम और श्री हनुमान जी के महान भक्त, राष्ट्रीय संत श्री चिन्मयानंद बापू महान संत कवि श्री तुलसीदास को अपना आदर्श मानते हैं।
बापू को देश और विदेशों में अंग्रेजी में हिंदू मूल्यों और आध्यात्मिकता की शिक्षा देने, वैश्विक हिंदू सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। स्वामी चिन्मयानंद में निःस्वार्थ सेवा, विनम्रता, प्रेमपूर्ण स्वीकृति, धैर्य, करुणा और गहरी भक्ति के गुण मौजूद हैं।
बापू का कहना है कि अपने बारे में और अपनी कमज़ोरियों और मूर्खताओं के बारे में सख्त और बुद्धिमानी से आलोचनात्मक रहें। लेकिन, अपने शब्दों और व्यवहार को प्यार से बचाएं। प्यार सबसे बड़ी प्रेरक शक्ति है जिसे हम जीवन में जानते हैं। मानव इतिहास की त्रासदी बढ़ती सुख-सुविधाओं के बीच घटती ख़ुशी है।
ऑन ए क्वेस्ट स्वामी चिन्मयानंद के जीवन पर आधारित फिल्म है। यह उन्हें एक शरारती बच्चे, विद्रोही युवा, देशभक्त स्वतंत्रता-सेनानी, जिज्ञासु पत्रकार और आध्यात्मिक गुरु के लिए उत्सुक साधक के रूप में दिखाती है।