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Prayagraj: 'चुनौतियों से भरा है दूरस्थ शिक्षा का आने वाला दौर, कसौटी पर खरा उतरना होगा', बोलीं कुलपति प्रो. सीमा सिंह

Prayagraj News: कुलपति सीमा सिंह ने कहा, 'आने वाला दूरस्थ शिक्षा का दौर चुनौतियों से भरा है। दूरस्थ शिक्षा पद्धति को पारंपरिक शिक्षा पद्धति चुनौती दे रही है।'

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 11 Jan 2024 10:43 PM IST
Prayagraj News
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 कुलपति प्रो सीमा सिंह (Social Media)

Prayagraj News : उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (UPRTOU) के दूरस्थ शिक्षा जागरूकता प्रकोष्ठ की ओर से माघ मेला क्षेत्र में गुरुवार (11 जनवरी) को दूरस्थ शिक्षा जागरूकता शिविर का उद्घाटन कुलपति प्रो सीमा सिंह (VC Prof. Seema Singh) ने किया। इस अवसर पर कुलपति सीमा सिंह ने कहा, 'आने वाला दूरस्थ शिक्षा का दौर चुनौतियों से भरा है। दूरस्थ शिक्षा पद्धति को पारंपरिक शिक्षा पद्धति चुनौती दे रही है।'

उन्होंने कहा, जिस तरह से 'नैक' से 'ए डबल प्लस' रैंक वाले शिक्षण संस्थानों को दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम चलाने की मंजूरी मिल रही है, उसके बाद हमें अपनी कसौटी पर खरा उतरना होगा। जिससे हमारे कार्यक्रमों की लोकप्रियता अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके।

वीसी ने बताए दूरस्थ शिक्षा के लाभ

प्रोफेसर सिंह ने आगे कहा, 'माघ मेला क्षेत्र में स्थित यह जागरुकता शिविर मुक्त विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार का उचित माध्यम है। इसका लाभ मेले में आने वाले हर जिज्ञासु को अवश्य मिलना चाहिए। दूरस्थ शिक्षा के लाभ गिनाते हुए उन्होंने कहा कि, यह नौकरी पेशा लोगों, किसानों, घरेलू महिलाओं के करियर संवर्धन में काफी सहायक सिद्ध हो रही है।'

'दूरस्थ शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ेगी'

इस अवसर पर मुख्य अतिथि अजय कुमार सिंह, पूर्व वित्त अधिकारी, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने कहा कि, 'मेले में स्थापित इस शिविर के माध्यम से दूरस्थ शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। अधिक से अधिक लोगों तक विश्वविद्यालय के शैक्षिक कार्यक्रमों की जानकारी पहुंचेगी। इस विश्वविद्यालय में हर आयु वर्ग के लोग अपनी पसंद के अनुसार कार्यक्रमों का चयन कर सकते हैं।'

उपेंद्र कुमार सिंह- कम लागत में प्रभावी शिक्षा, दूरस्थ शिक्षा

सारस्वत अतिथि रेलवे के पूर्व अधिकारी उपेंद्र कुमार सिंह ने स्वरचित काव्य रचना के माध्यम से दूरस्थ शिक्षा की उपयोगिता सिद्ध की। उन्होंने कहा कि, 'कम लागत में प्रभावी शिक्षा मुक्त विश्वविद्यालय उपलब्ध करा रहे हैं जिसका लाभ समाज के हर वर्ग को उठाना चाहिए।'

'भगवान राम के आदर्श स्वरूप पर हो जागरूकता कार्यक्रम'

विशिष्ट अतिथि डॉ हरीश चन्द्र जायसवाल, पूर्व वरिष्ठ परामर्शदाता, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने कहा कि, 'मेला क्षेत्र में जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से विश्वविद्यालय के लोकप्रिय कार्यक्रमों में छात्र संख्या में वृद्धि होगी। उन्होंने आगे कहा कि, भगवान राम के आदर्श स्वरूप पर विश्वविद्यालय को जागरूकता कार्यक्रम प्रारंभ करना चाहिए।'

पीपी दुबे- मुक्त विश्वविद्यालय की पहुंच कोने-कोने तक

कृषि विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर पी पी दुबे ने कहा, 'मुक्त विश्वविद्यालय की पहुंच आज प्रदेश के हर कोने में हो गई है। संगम क्षेत्र में शिविर की स्थापना से देश भर से आने वाले स्नानार्थियों को विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।

इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत दूरस्थ शिक्षा जागरूकता प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रोफेसर विनोद कुमार गुप्ता एवं विषय प्रवर्तन डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने किया। कार्यक्रम का संचालन दूरस्थ शिक्षा जागरूकता प्रकोष्ठ के सह प्रभारी डॉ अनिल कुमार सिंह भदौरिया एवं धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी शशि भूषण सिंह तोमर, परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह, प्रोफेसर पीपी दुबे, प्रोफेसर आशुतोष गुप्ता, प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी, प्रोफेसर प्रशांत कुमार स्टालिन, प्रोफेसर एस कुमार, प्रोफेसर पी के पांडेय, प्रोफेसर रुचि बाजपेई, प्रोफ़ेसर वीके गुप्ता, प्रोफेसर छत्रसाल सिंह, प्रोफेसर ए के मलिक, डॉ मीरा पाल आदि शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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