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CNG बोट से गंगा की सेहत सुधारने की तैयारी, घाट किनारे बनेंगे पंप

वर्तमान समय में गंगा में डीजल से चलने वाले मोटर बोट चलते हैं। इसके अलावा गंगा की गोद में चप्पू चलते हैं। लेकिन अब स्थानीय प्रशासन ने सीएनजी बोट को भी गंगा में उतारने की तैयारी शुरु कर दी है।

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Published on: 15 Oct 2020 6:11 PM IST
CNG बोट से गंगा की सेहत सुधारने की तैयारी, घाट किनारे बनेंगे पंप
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CNG बोट से गंगा की सेहत सुधारने की तैयारी, घाट किनारे बनेंगे पंप (Photo by social media)

वाराणसी: गंगा सिर्फ एक नदी नहीं है बल्कि आस्था का केंद्र है। शायद यही कारण है कि गंगा सफाई को लेकर मोदी सरकार बेहद संजीदा है। नमामि गंगे अभियान के जरिये गंगा सफाई का काम जारी है। अब इसका असर भी दिखने लगा है। इसी क्रम में गंगा को लेकर सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। मां गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए वाराणसी के गंगा घाट में CNG बोट चलाई जाएंगी।

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सीएनजी बोट से सुधरेगी गंगा की सेहत

वर्तमान समय में गंगा में डीजल से चलने वाले मोटर बोट चलते हैं। इसके अलावा गंगा की गोद में चप्पू चलते हैं। लेकिन अब स्थानीय प्रशासन ने सीएनजी बोट को भी गंगा में उतारने की तैयारी शुरु कर दी है। दरअसल, पिछले कुछ सालों में पर्यावरण के संतुलन को डीजल बोट से निकले धुएं ने बिगाड़ दिया है जिसके चलते प्रशासन ने यह कदम उठाया है।

सीएनजी स्टेशन का निर्माण शुरू

वाराणसी की गंगा घाट पर डीजल से चलने वाली नावों से होने वाले प्रदूषण से गंगा और जलीय जंतुओं को बचाने के लिए अब नदी में CNG बोट्स चलाई जाएगी। इससे आवाज भरी और धुआं फेंकती मोटर बोट से काशी भ्रमण करने वाले पर्यटकों को निजात मिलेगा। वाराणसी प्रशासन इस पर गंभीरता से काम कर रहा है। इसके लिए सीएनजी पेट्रोल पंप का काम भी शुरू हो चुका है। अगले साल तक इस काम को पूरा कर जनता को समर्पित किया जाएगा।

varanasi-ghat varanasi-ghat (Photo by social media)

क्यों है महत्तवपूर्ण ?

वाराणसी के गंगा घाट पर लगभग 1500 बोट्स डीजल इंजन की चलती है, जिससे नाव से आवाज के साथ-साथ धुंआ भी निकलता है। इससे गंगा को काफी नुकसान पहुंचता है। सीएनजी बोट्स के चलने से न सिर्फ गंगा में होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि इसके साथ ही नावों से निकलने वाली आवाज भी कम होगी। जिससे पर्यटको को नौका विहार करने में सुविधा मिलेगी।

जलीय जंतुओं को भी मिलेगी राहत

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में जल परिवहन के साथ-साथ गंगा किनारे की विकास योजनाओं के तहत इस घाट का विकास किया जा रहा है। काशी में इस आकर्षक कार्य के प्लान का शुभारंभ हो गया है। इससे न सिर्फ पर्यटन को लाभ पहुचेगा बल्कि गंगा में रहने वाले जलीय जंतुओं को भी राहत मिलेगी। डीजल बौट से निकलने वाले धुंए से कहीं न कहीं गंगा भी प्रदूषित होती हैं और जलीय जतुंओ को नुकसान पहुंचता है। बता दें कि प्रशासन की इस पहल से पर्यटको की संख्या में भी इजाफा होगा।

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खिरकिया घाट बनेगा मॉडल घाट

घाटों का शहर कहा जाने वाला वाराणसी का खिरकिया घाट बनारस के मॉडल घाट के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इस घाट पर योगशाला ,वॉकिंग ग्राउंड ,पार्किंग के साथ वो सारी सुविधाएं मौजूद होंगी जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगी।

आशुतोष सिंह

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