Lucknow News: राष्ट्रपति मुर्मू ने बुक्सा जनजाति के लोगों को दिए वनाधिकार पत्र, बीबीएयू के दीक्षांत में भी हुईं शामिल

Lucknow News: राष्ट्रपति मुर्मू ने लखनऊ में बुक्सा जनजाति के लोगों के साथ संवाद किया। राष्ट्रपति ने इस दौरान बुक्सा जनजाति के लोगों को वन अधिकार पत्र भी बांटे।

Jugul Kishor
Published on: 13 Feb 2023 5:59 AM GMT
Lucknow News
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Pic: Social Media)

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Lucknow News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तर प्रदेश दौरे पर हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने 13 फरवरी 2023 को राजधानी लखनऊ में बुक्सा जनजाति के लोगों के साथ संवाद किया। राष्ट्रपति ने इस दौरान बुक्सा जनजाति के लोगों को वन अधिकार पत्र भी बांटे। राष्ट्रपति के साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं। राजभवन के गांधी सभागार में ये कार्यक्रम आयोजित किया गया।
लखनऊ में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विवि (बीबीएयू) का 10वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल हुईं। इस दौरान समारोह में 100 से अधिक मेधावियों को मेडल दिये। दीक्षांत समारोह में यूनिवर्सिटी के स्नातक, परास्नातक, पीएचडी पास मेधावियों को डिग्री भी दी।


जानें बुक्सा जनजाति के बारे में?

बुकसा अथवा भोक्सा जनजाति के लोग उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद के छोटी-छोटी बस्तियों में निवास करते हैं। बुक्सा पुरूषों का कद और आंखे छोटी होती हैं। उनकी पलके भारी होती हैं। चेहरा चौड़ा एवं नाक चपटी होती है। स्त्रियों में गोल चेहरा, गेहूं रंग के होते हैं। यह लोग हिंदी बोलते हैं। बुक्सा लोगों का मुख्य भोजन मछली और चावल है। इस जनजाति में ज्यादातर पुरूष शराब के आदी होते हैं। इन लोगों में बंदर गाय और मोर का मांस खाना वर्जित मना जाता है।

बुक्सा समुदाय के लोगों की पारंपरिक वेशभूषा में धोती कुर्ती, सदरी और पगड़ी मुख्य है। महिलाओं गहरी लाल, नीले या काले रंग की छींट का लहंगा चोली और ओढ़नी पहनती हैं। बुक्सा जनजातियों के परिवार अधिकांश संयुक्त तथा विस्तृत परिवार हैं। बुक्सा जनजाति के लोग चामुंडा देवी की पूजा करते हैं। इनके व्रत और त्योहार हिंदुओं के समान ही होते हैं। होली, दिवाली, दशहरा, जन्माष्टमी इनके प्रमुख त्योहार हैं । इनकी बिरादरी पंचायत प्रमुख राजनीतिक संगठन है, बिरादरी पंचायत चार स्तरों में बंटी होती है जिनके सर्वोच्च अधिकारी तखत, मुंसिफ, दरोगा और सिपाही नाम से जाने जाते हैं। इन सभी के अधिकार वंशागत होते हैं और इन्हें समाज में बड़े सम्मान से देखा जाता है। बुक्सा जनजाति के लोगों की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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