अतीक के बेटे को ढेर करने वाले DSP सहित UP Police के 17 जांबाजों को राष्ट्रपति वीरता मेडल

UP News: उत्तर प्रदेश पुलिस के 17 जवानों को गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने आज यानी 14 अगस्त को इसकी घोषणा की है।

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Published on: 14 Aug 2024 4:26 AM GMT (Updated on: 14 Aug 2024 5:04 AM GMT)
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UP News (Pic: Social Media)

UP News: कल यानी 15 अगस्त 2024 को देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। दिल्ली में लाल किला पर ध्वजारोहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही देश के सभी राज्य से विशिष्ट सेवा देने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश पुलिस के 17 जवानों को गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने आज यानी 14 अगस्त को इसकी घोषणा की है। साथ ही विशिष्ट सेवा के लिए चार पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति पदक से नवाजा जाएगा। वहीं सराहनीय सेवा के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के 70 जवानों को पुरस्कृत किया जाएगा।

दो डिप्टी एसपी सहित छह सदस्यीय टीम ने किया था एनकाउंटर

17 पुलिसकर्मियों में पूर्व सांसद और गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर मोहम्मद गुलाम का एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। असद और गुलाम, उमेश पाल हत्याकांड में पांच लाख के इनामी थे। पिछले साल अतीक और अशरफ अहमद की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी। इससे पहले झांसी में 13 अप्रैल 2023 को असद और मोहम्मद गुलाम का एनकाउंटर किया गया था। अपराधियों को ढेर करने वाली यूपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल की 6 सदस्यीय टीम सहित कुल 17 पदाधिकारियों को राष्ट्रपति का वीरता पदक मिलेगा।


किसे मिलता है गैलेंट्री अवॉर्ड?

राष्ट्रपति पुलिस पदक भारत में पुलिसकर्मियों को दिया जाने वाला एक सम्मान है। 1 मार्च 1951 को स्थापित यह पदक वीरता या विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। पदक के वीरता संस्करण को उच्च प्राथमिकता दी जाती है। यह पदक प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर प्रदान किया जाता है । गैलेंट्री अवॉर्ड "जीवन और संपत्ति बचाने, या अपराध को रोकने या अपराधियों को गिरफ्तार करने में वीरता के लिए" दिया जाता है। यह पदक भारत में पुलिस सेवा के किसी भी सदस्य को दिया जा सकता है। पुरस्कार के लिए पद या सेवा में समय की परवाह नहीं की जाती। मेडल पाने वालों को एक मासिक वजीफा दिया जाता है जो उन्हें रिटायर होने के बाद भी मिलता है। पुलिसकर्मी की मृत्यु के बाद यह उनके जीवित पति या पत्नी को दिया जाता है।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

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मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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