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Rashtrapati In UP: गांव के लल्ला के लिए उमड़ी भीड़, राष्ट्रपति ने CM संग किये इस मंदिर के दर्शन
President Visit Kanpur Dehat : कानपुर देहात में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने गृह जनपद के परौंख गांव पहुंच गए हैं।
President Visit Kanpur Dehat : उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात तय कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) अपने गृह जनपद कानपुर देहात (Kanpur Dehat) के परौंख गांव पहुंच गए हैं और उन्होंने गांव पहुंचते ही सबसे पहले पथरी देवी मंदिर (Pathri Devi Temple) पहुंच कर दर्शन और पूजा अर्चना करी है। उनके साथ उनकी पत्नी सविता कोविन्द, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी मंदिर के दर्शन किए हैं।
वही गांव के अंदर अपने लल्ला को देखने के लिए गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है लेकिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गांव वाले राष्ट्रपति का दूर से ही अभिवादन कर पा रहे हैं और वहीं गांव के लल्ला का स्वागत करने के लिए वृद्ध ही नहीं युवा और महिलाएं भी पंडाल में स्वागत के लिए पहुंच गए हैं। पीएसी जवानों के राष्ट्रगान के बाद बालिकाओं ने स्वागत गान किया। अफसर भी लगातार गांव का भ्रमण करके सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।
राष्ट्रपति ने किया संबोधन
भारतीय संस्कृति में 'मातृ देवो भव', 'पितृ देवो भव', 'आचार्य देवो भव' की शिक्षा दी जाती है। हमारे घर में भी यही सीख दी जाती थी। माता-पिता और गुरु तथा बड़ों का सम्मान करना हमारी ग्रामीण संस्कृति में अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है। आज इस अवसर पर देश के स्वतन्त्रता सेनानियों व संविधान-निर्माताओं के अमूल्य बलिदान व योगदान के लिए मैं उन्हें नमन करता हूं। सचमुच में, आज मैं जहां तक पहुंचा हूं उसका श्रेय इस गांव की मिट्टी और इस क्षेत्र तथा आप सब लोगों के स्नेह व आशीर्वाद को जाता है।
राष्ट्रपति ने कहा मैं कहीं भी रहूं, मेरे गांव की मिट्टी की खुशबू और मेरे गांव के निवासियों की यादें सदैव मेरे हृदय में विद्यमान रहती हैं। मेरे लिए परौंख केवल एक गांव नहीं है, यह मेरी मातृभूमि है, जहां से मुझे आगे बढ़कर देश-सेवा की सदैव प्रेरणा मिलती रही। उन्होंने कहा कि मैंने सपने में भी कभी कल्पना नहीं की थी कि गांव के मेरे जैसे एक सामान्य बालक को देश के सर्वोच्च पद के दायित्व-निर्वहन का सौभाग्य मिलेगा। लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने यह कर के दिखा दिया।
गांव में सबसे वृद्ध महिला को माता तथा बुजुर्ग पुरुष को पिता का दर्जा देने का संस्कार मेरे परिवार में रहा है, चाहे वे किसी भी जाति, वर्ग या संप्रदाय के हों। आज मुझे यह देख कर खुशी हुई है कि बड़ों का सम्मान करने की हमारे परिवार की यह परंपरा अब भी जारी है। मातृभूमि की इसी प्रेरणा ने मुझे हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट से राज्यसभा, राज्यसभा से राजभवन व राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा दिया।
वैक्सीनेशन के लिए राष्ट्रपति ने गांव वालों को किया प्रेरित
आपको बता दें कि राष्ट्रपति कानपुर देहात के पुखरायां में बोल रहे हैं। पूरे देश में और उत्तर प्रदेश में भी टीकाकरण का अभियान चल रहा है। वैक्सीनेशन भी कोरोना महामारी से बचाव के लिए कवच की तरह है। इसीलिए मेरा सुझाव है कि आप सभी स्वयं तो टीका लगवाएं ही, दूसरों को भी वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करें।