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Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन मांगने लखनऊ पहुंचे यशवंत सिन्हा, BJP पर साधा निशाना
Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा बृहस्पतिवार को चुनाव प्रचार को लेकर लखनऊ के दौरे पर थे।
Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) गुरूवार को चुनाव प्रचार को लेकर लखनऊ के दौरे पर थे। पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) ने अमौसी एयरपोर्ट पर उनकी आगवानी की। सपा कार्यालय में उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन मांगा।
हालांकि, इस दौरान सहयोगी सुभासपा के सभी विधायक नदारद रहे। प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने भी इससे दूरी बनाए रखी। सपा प्रमुख के साथ केवल रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (RLD National President Jayant Choudhary) नजर आए। उनके सभी आठ विधायक भी इस बैठक में शामिल हुए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और लंबे समय तक बीजेपी में वक्त गुजारने वाले यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने इस दौरान सपा कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अपनी पुरानी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पीएम मोदी को भी निशाने पर रखा। सिन्हा कहा कि इसबार का राष्ट्रपति चुनाव असाधारण किस्म का है। क्योंकि देश में जो हालात हैं, उससे समाज कई हिस्सों में बंट गया है।
पीएम के चुप्पी पर उठाए सवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Narendra Modi) की अक्सर कड़ी मुखालफत करने वाले सिन्हा ने कहा कि देश में बड़ी से बड़ी घटनाएं हो जाती हैं, लेकिन मन की बात करने वाले प्रधानमंत्री चुप रह जाते हैं। हम सब चाहते हैं कि देश का प्रधानमंत्री कुछ बोलें तो उसका असर पड़ेगा। मामला शांत होने में मदद मिले, मगर पता नहीं क्यों वह बोलते नहीं। देश में संविधान की मर्य़ादा खत्म हो गई है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो देश में एक दिन संविधान नष्ट हो जाएगा।
सिन्हा ने अदालत को भी नहीं बख्शा
राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन मांगने आए यशवंत सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं बख्शा। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय पर सवाल उठाते हुए कहा कि धारा 370 का मामला 2019 में कोर्ट में गया, आज 2022 है, उसकी सुनवाई कब होगी किसी को नहीं पता। सीएए कानून के खिलाफ भी लोग अदालत गए, लेकिन उसकी सुनवाई कब होगी, किसी को नहीं पता। अदालत कुछ मामले में बहुत जल्द फैसला सुना देती है लेकिन कुछ मामलों में काफी विलंब लेती है। जबकि सभी को पता है कि देर से मिला न्याय, न्याय न मिलने के बराबर है।
नौकरशाह से सियासतदां बने यशवंत सिन्हा ने कहा कि लखनऊ से मेरा गहरा नाता रहा है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ को अपनी कर्मभूमि बनाया मगर आज अफसोस है कि उनकी पार्टी कहां से कहां पहुंच गई है। बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को वोटिंग होनी है, जबकि मतों की गिनती 21 जुलाई को होगी। इस बार राष्ट्रपति पद के लिए सीधा मुकाबला सत्तारूढ एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मूर्मु और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच है।