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Jhansi News: झाँसी का गौरव, डीआरएम सियालदह दीपक निगम
Jhansi News: तीन दशकों के शानदार करियर के दौरान उन्होंने ने भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण कार्य भी किए हैं। वह एशिया के सबसे बड़े वैगन रिपेयर वर्कशॉप में मुख्य कारखाना प्रबंधक के पद पर तैनात थे।
Jhansi News: भारतीय रेलवे सेवा यांत्रिक इंजीनियर्स (आईआरएसएमई) के 1991 बैंच के अफसर दीपक निगम एक समर्पित टीम मैन, टीम वर्क और तालमेल में विश्वास रखते हैं। तीन दशकों के शानदार करियर के दौरान उन्होंने ने भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण कार्य भी किए हैं। सियालदेह डीआरएम बनने से पहले वह एशिया के सबसे बड़े वैगन रिपेयर वर्कशॉप में मुख्य कारखाना प्रबंधक के पद पर तैनात थे। एशिया के महत्वपूर्ण वैगन रिपेयर वर्कशॉप के मुख्य कारखाना प्रबंधक दीपक निगम को पूर्व रेलवे के सियालदह का मंडल रेल प्रबंधक के पद चयन हो गया था। वहां जाकर उन्होंने डीआरएम का पदभार ग्रहण कर लिया है। उनके पदभार ग्रहण होने से झाँसीवासियों में काफी खुशी जाहिर की है।
क्राइस्ट द किंग कालेज में की थी पढ़ाई
दीपक निगम दूसरे रेलवे अफसर है जिनको डीआरएम के पद पर पदोन्नित हुई है। इसके पहले झाँसी निवासी राजकुमार राव भी रेलवे बोर्ड मैकेनिकल के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वह एडीआरएम के पद पर रहे चुके हैं। बताते हैं कि दीपक निगम ने क्राइस्ट द किंग कालेज में शिक्षा ग्रहण की है। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1989 में स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेन्टिस में प्रशिक्षण लिया था। बताते हैं कि वह भारतीय रेलवे सेवा यांत्रिक इंजीनियर्स (आईआरएसएमई) के 1991 बैच के अधिकारी है। मंडल रेल प्रबंधक पूर्व रेलवे, सियालदह के रुप में कार्यभार संभालने से पहले वह वैगन रिपेयर वर्कशॉप झाँसी उत्तर मध्य रेलवे में पदस्थ थे, जो भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी कार्यशाला है। उनके पास रोलिंग स्टॉक के रखरखाव और बुनियादी ढांचे के विकास का व्यापक अनुभव है। उप के रुप में अपने कार्यकाल के दौरान सीएमई झाँसी, उन्होंने टर्न-की आधार पर झाँसी में मिडलाइफ रिहैबिलिटेंशन वर्कशॉप की अवधारणा से लेकर कमीशनिंग तक के कार्यों को अंजाम दिया है।
वर्क और तालमेल में रखते हैं विश्वास
बताते हैं कि मुख्य कारखाना प्रबंधक सीएमएलआर दीपक निगम द्वारा एलएचबी कोचों की पीओएच / एसएस-तृतीय अनुरक्षण तथा कोचिंग डिपो को ओवरहॉल बोगियों की आपूर्ति के लिए झाँसी कारखाने द्वारा किए गए प्रयासों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी गई थी। अन्य क्षेत्रीय रेलों के कारखानों की तुलना में, सीएमएलआर झाँसी में एल एच बी कोचों के पीओएच से ट्रांज़िट समय में लगभग 30 दिनों की कमी है। इसके अलावा, झाँसी कारखाने से निकला कोच सुखद यात्रा अनुभव के लिए बेहतर यात्री सुविधाओं से भी सुसज्जित होता है। एलएचबी कोचों के लिए निर्धारित रखरखाव गतिविधियों के अलावा, बेहतर यात्री सुविधाओं जैसे कोचों की बेहतर पीयू पेंटिंग; कोच के दोनों किनारों पर आरओ आधारित जल शोधक का फिटमेंट सीटों और बर्थ का पूर्ण नवीनीकरण; बेहतर स्टेनलेस स्टील फिटिंग का प्रावधान; कोच के अंदर एलईडी लाइटों, इनर्जी एफीशिएंट पंखे और अतिरिक्त मोबाइल चार्जिंग पॉइंट की व्यवस्था जैव शौचालयों आदि में सुधार भी झांसी कारखाने द्वारा पीओएच के दौरान किया गया था।
वहीं, दीपक निगम राइट्स में प्रतिनियुक्ति पर भी थे औऱ मेड इन इंडिया पॉलिसी के हिस्से के रुप में मोजाम्बिक, अफ्रीका के लिए लोकोमोटिव, कोच और वैगन के निर्यात ऑर्डर हासिल करने में सहायक थे। उन्हें 2012 में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए रेलमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। श्रीनिगम ने भारत के अन्य प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थानों सहित सिंगापुर, मलेशिया में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। बताते हैं कि वह झाँसी में एएमई, डब्ल्यूएम, डिप्टीसीएमई डीजल शेड आदि पर पर तैनात रहे हैं।