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भ्रष्टाचार के दलदल में पीएम आवास योजना, कैसे मिले लाभ

tiwarishalini
Published on: 8 Sep 2017 11:29 AM GMT
भ्रष्टाचार के दलदल में पीएम आवास योजना, कैसे मिले लाभ
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तेज प्रताप सिंह की स्पेशल रिपोर्ट

गोंडा। घपलों और घोटालों के लिए मशहूर इस जिले में मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना भी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। इस योजना में वर्ष 2011 में हुई आर्थिक, सामाजिक एवं जातिगत जनगणना के आधार पर घास फूस (झोपड़ी) के आवास में रहने वाले लोगों को लाभ दिया जाना था। इसके लिए सर्वे भी हुआ लेकिन गरीबों की बजाय तमाम अमीरों ने योजना का लाभ उठा लिया। जिले में 11,747 परिवारों को आवास योजना का लाभ 2017-18 में दिया जाना है। लेकिन योजना में चार माह बीतने के बाद सिर्फ 232 लोगों को ही लाभ मिल पाया है। लेकिन अभी तक एक भी आवास का निर्माण नहीं हुआ है।

बहरहाल, सीडीओ ने 25 से अधिक आवास पाने वाली 70 ग्राम पंचायतों के 35 सौ आवास की जांच के लिए टीम गठित की है। टीम में 16 अधिकारी शामिल हैं। फर्जी रिपोर्ट देने के मामले में सीडीओ ने जिला समाज कल्याण अधिकारी, परियोजना निदेशक डूडा, डीआइओएस, हलारमऊ व झंझरी के एडीओ आईएसबी से जवाब तलब किया है। इन पर बिना मौके पर गए ही सत्यापन रिपोर्ट लगाने का आरोप है।

कटरा बाजार में आवास

शासन ने 2017-18 के लिए जिले को 11,747 आवास बनाने का लक्ष्य दिया है। जिसमें 1114 आवास अल्पसंख्यक, 5968 एससी-एसटी और 3585 अन्य वर्ग के लिए तय किए गए हैं। जिले में ब्लाकवार लक्ष्य आवंटन में सबसे ज्यादा कटरा बाजार (1499) व सबसे कम छपिया (368) के हिस्से में हैं। इनके अलावा बभनजोत में 661, बेलसर में 1096, कर्नलगंज में 627, हलारमऊ में 493, इटियाथोक में 332, झंझरी में 912, मनकापुर में 650, मुजेहना में 388, नवाबगंज में 1212, पंडरीपाल में 493, परसपुर में 853, रुपईडीह में 640, तरबगंज में 695 व विकास खण्ड वजीरगंज में 828 आवासों का लक्ष्य है।

सीडीओ ने पकड़ा गिर्द में बड़ा फर्जीवाड़ा

झंझरी ब्लाक के ग्राम गिर्द में इस योजना के तहत 2016-17 में 80 लोगों को आवास दिए गए थे। लाभार्थियों के खाते में पहली किश्त के 40-40 हजार रुपये आवंटित किये गये और इन लोगों ने खाते से पैसा भी निकाल लिया। बताया जाता है कि पात्रता सूची में शामिल लोगों के नाम हटाकर 22 अपात्रों को लाभ दे दिया गया। सीडीओ दिव्या मित्तल द्वारा छापेमारी के दौरान ब्लाक पर 80 की बजाये सिर्फ 15 आवेदकों के फार्म उपलब्ध मिले। जांच में पांच आवेदन पत्र फर्जी पाए गए।

रेवड़ी की तरह बांटे आवास

कटरा बाजार में रामापुर की प्रधान विजय लक्ष्मी सिंह ने सीडीओ से शिकायत में कहा है कि वरीयता क्रम के बाद 70 लोगों की बजाये 56 लोगों का पंजीकरण योजना की वेबसाइट पर किया गया था। 51 लोगों के आवास मंजूर करके पैसा जारी किया गया है। प्रधान का कहना है कि 51 में से करीब 30 लाभार्थी ऐसे हैं जिनका आवास दूसरी ग्राम पंचायत में बना हुआ है। हल्धरमऊ ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत सर्वांगपुर के लोगों ने भी अपात्रों को आवास दिये जाने व वसूली किये जाने की शिकायतें की हैं। यहां के दो लोगों ने शिकायत की है कि सूची में उनका नाम वरीयता क्रम में दो पर है लेकिन आवास किसी और को दे दिया गया जिसका पक्का मकान पहले से है।

मुजेहना ब्लाक में 2017-18 में 388 लोगों को आवास दिया जाना है। वर्ष 2016 -17 में 639 आवास स्वीकृत किये गये थे। 451 आवास की प्रथम किश्त भेजी भी जा चुकी है। ग्राम रैगांव के कई लोगों ने बीडीओ से शिकायत की है कि अपात्रों व प्रधान के चहेतों को आवास देने के लिए पात्रों को अपात्र दिखाया गया है। ग्राम पंचायत लखनीपुर के दर्जनभर लोगों ने शिकायत की है कि 23 आवास स्वीकृत किये गये हैं जिसमें 15 अपात्र हैं।

मृतक को दे दिया आवास, पैसा भी निकाल ले गए, 36 पर मुकदमा

हलारमऊ ब्लक के सेलहरी गांव में योजना के तहत 2016-17 में तमासुम, रामफेरे व राम प्रसाद के नाम से आवास का आवंटन किया गया था। पहली किश्त का पैसा भी दे दिया गया। यह पैसा खाते से निकाल भी लिया गया। बाद में बीडीओ की जांच में पता चला कि ये तोनों तो काफी पहले गुजर चुके हैं। मृतकों के नाम से फर्जी आईडी बनवाकर प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी व रोजगार सेवक की मिलीभगत से यह घोटाला किया गया। सीडीओ के आदेश पर बीडीओ दिनकर द्विवेदी ने कटराबाजार थाने में सेलहरी के प्रधान राम उदित मौर्य, सचिव कृष्णकांत सिंह, रोजगार सेवक शिवनाथ पाल, फर्जी लाभ लेने वाले रामू, अशर्फी व काविया बानो के खिलाफ जालसाजी व गबन का मुकदमा दर्ज करा करके जेल भेज दिया है। बीडीओ ने दोषी कर्मियों को वसूली की नोटिस जारी की है।

इंदिरा आवास, पक्के मकान वालों को भी दिया आवास

नवाबगंज के ग्राम कल्याणपुर में तो बिहार निवासी युवक को भी आवास दे दिया गया। इसके अलावा दस लाभार्थी ऐसे हैं जिन्हें पहले ही इंदिरा आवास योजना का लाभ मिल चुका है। ऐसे लाभार्थियों का पंजीकरण कराकर प्रथम किश्त का पैसा भी दे दिया गया। सीडीओ दिव्या मित्तल के आदेश पर बीडीओ ने दोषी सहायक लेखाकार रमेश कुमार के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी है। कटराबाजार के ग्राम दुबहा बाजार में 34 में से 23 लोग अपात्र पाये गये। जांच में प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी दोषी पाये गये। इसके बाद दो दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है।

गोंडा गिर्द में भी घपले पर प्रधान और सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है। छपिया के केशवनगर ग्रंट में लभार्थियों से 20-20 हजार रुपये लेने का खुलासा जांच में हुआ है। यहां 75 लाभार्थियों का चयन किया गया है। मुजेहना के जिगना बाजार में 2016-17 में 58 लोग चुने गये थे। बीडीओ ने सत्यापन किया तो 14 लोग अपात्र पाये गये।

सचिव - प्रधान पर वसूली का आरोप

बेलसर के तेलहा गांव की एक महिला निर्मला ने शिकायत की है कि उसे जब 40 हजार रुपये की पहली किश्त मिली तो प्रधान ने 10 हजार रुपये झटक लिए। एैलीपरसौली गांव के राम कुमार ने भी ऐसा ही आरोप लगाया है। उसने डीएम को भेजे पत्र में कहा है कि पहली किश्त के 40 हजार रुपये प्रधान के प्रतिनिधि ने ले लिये। रुपईडीह के रज्जनपुर गांव के दो दर्जन लोगों ने आरोप लगाया है कि उनसे 50 हजार रुपये से ज्यादा वसूले गये हैं।

आवंटन के लिए 20 हजार का रेट

भाजपा विधायक बावन सिंह ने कर्नलगंज के एसडीएम को पत्र लिख कर कहा है कि जितने लाभार्थी चुने गये हैं उनमें ज्यादातर अपात्र हैं। विधायक ने कहा है कि प्रधान व सचिव ने ही ड़बडिय़ां की हैं। विधायक ने प्रति आवास 20 हजार रुपये की वसूली का आरोप लगाते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है। वसूली के आरोप में गांव लिदेहनाग्रंट के प्रधान पर कार्रवाई भी हुई है। यह गांव गोंडा के सांसद द्वारा गोद लिया गया है। जांच के बाद प्रधानपति मुकदमा भी दर्ज कराया गया है और प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज़ कर लिये गये हैं।

अब कैम्प लगाकर लिए जाएंगेे आवेदन

जिलाधिकारी जेबी सिंह ने बताया है कि निजी स्वार्थ में अपात्रों को लाभ दिलाने वाले सचिव और प्रधानों पर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे पात्र परिवार जो सूची में सम्मिलित नहीं है उन्हें कैम्प लगाकर स्थाई प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित कराया जाएगा। सीडीओ दिव्या मित्तल ने माना है कि आवास आवंटन में बड़ा खेल हुआ है। जिले की सभी १०५४ ग्राम पंचायतों की जांच हो तो सैकड़ों मामले मिलेंगे, जिनमें धन उगाही और अनियमितता हुई है।

योजना एक नजर में

प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में आगरा से किया था। आगरा के कोट मीना बाजार में 20 नवंबर 2016 को इसका उद्घाटन किया गया। इस योजना का पुराना नाम इंदिरा आवास योजना था। इसके तहत तीन साल (2016 - 2019) में लगभग एक करोड़ पक्के मकान बनाने के लिये आर्थिक सहायता दी जायेगी। इस योजना का लाभ 2011 की जनगणना के अनुसार दिया जायेगा। प्राथमिकता उन लोगों को दी जायेगी जो आवास विहीन हैं या कच्चे मकान में रहते हैं। किनको मकान दिया जाना है इसकी सूची हर साल तैयार की जाती है। जो आवास दिया जाता है वह कम से कम 25 वर्ग मीटर का होता है। योजना की एक खासियत यह भी है कि मकान अच्छे बनें इसके लिये लाभार्थी और मिस्त्री को ट्रेनिंग दी जाती है।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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