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सड़क पर कोटेदार बांट रहा था राशन, प्रमुख सचिव की पड़ी नजर तो मच गया हंगामा

sudhanshu
Published on: 13 Aug 2018 12:17 PM GMT
सड़क पर कोटेदार बांट रहा था राशन, प्रमुख सचिव की पड़ी नजर तो मच गया हंगामा
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शाहजहांपुर: जिले में प्रमुख सचिव डिंपल वर्मा ने सोमवार को तहसील तिलहर के विक्रमपुर गांव मे खुली बैठक की। उनके साथ जिलाधिकारी समेत तमाम विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। खास बात ये है कि गांव जाने वाली सड़क पर हो रहे राशन वितरण को देखकर प्रमुख सचिव ने अचानक अपनी गाड़ी रूकवाई और गाङी से उतरकर सीधे राशन कोटे की दुकान पर गई और वहां के कोटेदार राशन वितरण के बारे में जानकारी ली। हालांकि सब कुछ ठीक मिला। उसके बाद उन्होंने गांव का निरीक्षण किया। पूरे गांव मे गंदगी ही गंदगी मिली। इसके अलावा तमाम योजनाओं मे खामियां मिली। सरकारी आवास बांटने सेक्रेटरी की लापरवाही को देखते हुए उसे सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश कर दिए। इतना ही प्रमुख सचिव जिलाधिकारी समेत तमाम अधिकारियों ने बारिश मे भीगते हुए गांव का निरीक्षण भी किया।

तेज बारिश में प्रमुख सचिव ने किया निरीक्षण

दरअसल प्रमुख सचिव डिंपल वर्मा आज शाहजहांपुर पहुंची। सरकार और शासन की मंशा के अनुरूप कार्य की प्रगति का जायजा लेने तिलहर तहसील के विक्रमपुर गांव पहुंची। उनके साथ जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी समेत तमाम विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। इस दौरान जब वह गांव जा रही थीं, तभी तेज बारिश होने लगी। लेकिन बारिश इन अधिकारियों पर हावी नहीं हो पाई और प्रमुख सचिव ने स्टेट हाईवे पर स्थित ऐठापुर गांव के पास हो रहे राशन वितरण को देखकर अपनी गाड़ी रूकवा दी। प्रमुख सचिव गाड़ी से उतरीं और सीधे राशन कोटेदार कि दुकान पर चली गईं और कुर्सी पर बैठ गईं। वहीं कोटेदार कुछ समझ नहीं पाया और जब उसने रोड पर अधिकारियों की गाङी का लंबा काफिला देखा उसके बाद वहां पर हङकंप मच गया। प्रमुख सचिव ने राशन वितरण के बारे में जानकारी ली और अपने सामने ही दुकान मे लगी बोरियों की गिनती कराई और रजिस्टर से मिलान किया। लेकिन वहां पर सब कुछ ठीक मिला। ये देखकर प्रमुख सचिव ने खुश होकर कोटेदार को शाबाशी दी और गांव मे खुली बैठक करने के लिए निकल गई।

खुली बैठक में सामने आई खामियां

विक्रमपुर गांव में खुली बैठक के दौरान सरकारी आवास और शौचालय और पोषाहार योजानाओं मे बङी खामियां मिलीं। ये देखकर प्रमुख सचिव और जिलाधिकारी ने संबोधित अधिकारियों की जमकर फटकार लगाई। इस दौरान सरकारी आवास दिलवाने के लिए प्रधान और सेक्रेट्री की खुली बैठक होने के मामले में जब गांव के सचिव से पूछा गया तो सचिव ने कहा कि वह खुली बैठक में आया नहीं। ये सुनकर डीएम का पारा हाई हो गया और उन्होंने कहा कि जब सचिव बैठक में था नही तो आवास मिल कैसे गया। उन्होंने फौरन सचिव को सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। वहीं पोषाहार योजना में भी खामियों के चलते डीएम ने खुली बैठक में ही इंस्पेक्टर को बुलाकर रजिस्टर सीज करा दिए और इंस्पेक्टर से कहा कि इस केस मे आपको पूरी छूट है। आप जिसको चाहो जांच मे दोषी पाए जाने पर जेल भेज सकते हैं। फिलहाल ताबङतोङ कार्यवाही से विभागों में हङकंप मच गया।

प्रमुख सचिव और जिलाधिकारी समेत तमाम अधिकारी गांव का निरीक्षण करने पहुंचे तो तेज बारिश होने लगी। लेकिन प्रमुख सचिव ने ठान लिया था कि गांव का निरीक्षण तो करना ही है। गांव बारिश मे भीगते हुए कीचङ में चलकर गांव की गलियों का निरिक्षण किया।

प्रमुख सचिव को दुपट्टे से बंद करनी पड़़ी नाक

गांव की हालत ऐसी थी कि प्रमुख सचिव को दुपट्टे से अपनी नाक बंद करनी पङ गई। जबकि इस गांव को पिछले दो साल में सरकार की तरफ से विकास के लिए 70 लाख रुपये मिल चुके हैं। लेकिन विकास नहीं हुआ। जिलाधिकारी ने गांव की खराब स्थिति को देखते हुए जांच के बाद कङी कार्यवाही की बात की है।

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