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दहेज हत्या केस में बंद कैदी की इलाज के अभाव में मौत, DM पर लगा ये आरोप
यूपी के सुल्तानपुर में जिला कारागार में दहेज हत्या के एक केस में बंद कैदी की बीमारी के चलते मौत हो गई। पत्नी का आरोप है कि पति के इलाज के लिए पैरोल की अर्जी दी गई थी, लेकिन डीएम ने उसे स्वीकार नहीं किया। नतीजतन, इलाज के अभाव में उसके पति की मौत हो गई।
सुल्तानपुर: यूपी के सुल्तानपुर में जिला कारागार में दहेज हत्या के एक केस में बंद कैदी की बीमारी के चलते मौत हो गई। पत्नी का आरोप है कि पति के इलाज के लिए पैरोल की अर्जी दी गई थी, लेकिन डीएम ने उसे स्वीकार नहीं किया। नतीजतन, इलाज के अभाव में उसके पति की मौत हो गई।
गंभीर हालत में केजीएमयू हुआ था रिफर
दरअसल, धम्मौर थाना क्षेत्र के जैतापुर गांव निवासी सुरेश पुत्र मोतीलाल दहेज हत्या के मामले में जिला कारागार में सिद्धदोष कैदी के रूप में बंद था। जिसकी तबियत खराब होने के चलते डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से उसे लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) रेफर किया गया था, जहां पर डॉक्टर्स ने उसे एडमिट करने से मना कर दिया था।
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परिजन चाहते थे प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराना
पुलिस अभिरक्षा में उसे पुनः सुल्तानपुर: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। गंभीर हालत को देखते हुए सुरेश की पत्नी राजकुमारी ने डीएम हरेंद्र वीर सिंह को पैरोल अर्जी दी और इलाज के लिए प्राईवेट हॉस्पिटल में बीमार पति के इलाज के लिए सभी तैयारियां पूरी की। लेकिन, अंत में डीएम ने उसे पैरोल देने पर विचार नहीं किया। नतीजतन, रविवार सुबह सुरेश की मौत हो गई।
डीएम के पास पैरोल की फ़रियाद के लिए पहुंची थी राजकुमारी (लाल घेरे में)
पत्नी का आरोप- मिलती पैरोल तो बच जाता सुहाग
सुरेश के मौत की खबर पर परिवार में मातम छा गया। पत्नी का कहना है कि यदि मेरे पति को पैरोल मिली होती तो उनकी जान बच सकती थी। पैरोल के लिए शनिवार की रात उन्होंने डीएम से मिलकर दोबारा फरियाद की, लेकिन उन्होंने उसकी एक न सुनीं।