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प्राइवेट कालेज को नहीं मिल सकता वेतन आयोग का निर्धारित वेतन-याचिका खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के रेयान इंटरनेशनल स्कूल कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन व 39 अन्य स्टाफ व अध्यापकों की कालेज में 6ठां वेतनमान लागू करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के रेयान इंटरनेशनल स्कूल कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन व 39 अन्य स्टाफ व अध्यापकों की कालेज में 6ठां वेतनमान लागू करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि याचियों को वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कराने का कोई विधिक अधिकार प्राप्त नहीं है।
दिल्ली में कानून व नियम के तहत शिक्षा निदेशक के आदेश से वेतन दिया जा रहा है। ऐसा उत्तर प्रदेश में नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए दिया है। याचियों का कहना था कि उन्हें राज्य कर्मचारियों की तरह छठें वेतनआयोग की सिफारिशों के तहत जनवरी 2006 से सितम्बर 2009 तक का बकाया वेतन दिया जाए और आयोग की सिफारिशें लागू की जाए। अधिवक्ता प्रतीक जे.नागर ने याचिका की ग्राहयता पर आपत्ति की। कहा कि गैर वित्तपोषित प्राइवेट अल्पसंख्यक संस्था है। इसके खिलाफ याचिका दाखिल नहीं हो सकती।
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अमित नेगी ने सुप्रीम कोर्ट के रामवचन अब्राहम केस का हवाला देते हुए कहा कि प्राइवेट कालेजों के खिलाफ भी याचिका पोषणीय है। सरकार ने जवाब दाखिल कर याची संस्था पर छठों वेतन आयोग लागू करने से इंकार कर दिया। इन्हें आयोग की सिफारिशों का लाभ नहीं दिया जा सकता। भारत सरकार की तरफ से अधिवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी पक्ष रखा। कोर्ट के सामने सवाल उठा कि क्या कालेज के अध्यापक स्टाफ सरकारी कर्मचारियों के समान वेतन पाने के हकदार है। संस्था को केन्द्र व राज्य से अनुदान नहीं मिलता। स्ववित्त पोषित संस्था है। कोर्ट ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून 09 के तहत भी प्राइवेट कालेज को वेतन भुगतान का राज्य का कोई वैधानिक दायित्व नहीं है कि वह राज्य कर्मचारियों के समान वेतन दिलाये और न ही अन्य कोई कानून है जिसके तहत कालेज को समान वेतन देने का निर्देश दिया जाए। याचियों को आयोग की सिफारिशों को लागू करने का कानूनी अधिकार नहीं है।