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प्रियंका गांधी का साल 2021: यूपी में हासिल की बढ़त, क्या 2022 में भी करेंगी कमाल ?

Priyanka Gandhi Look back 2021: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में प्रियंका के लिए बड़ी चुनौतियां हैं, उनके सामने संगठन से लेकर नेताओं की फौज तैयार करने की बड़ी चुनौती है। साल 2021 में उन्होंने इस पर पूरा फोकस किया।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 17 Dec 2021 3:17 PM GMT
Priyanka Gandhi: Priyanka Gandhi achieved the lead in the year 2021 in UP, will she do wonders in 2022 as well?
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 प्रियंका गांधी: photo - social media

Priyanka Gandhi Look back 2021: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस (Uttar Pradesh Congress) अपनी खोई हुई जमीन तलाश रही है। उसकी नैया पार कराने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने अपने कंधों पर उठा रखा है। साल 2021 की बात करें तो प्रियंका गांधी ने ऐसे तमाम मौकों पर बढ़त हासिल की है जब विपक्षी दल सत्ताधारी पार्टी को घेरने से चूक गए । उन्होंने अकेले ही मैदान में उतर कर सरकार को बैकफुट पर धकेल दिया था। चाहे वह हाथरस कांड (Hathras scandal) हो या लखीमपुर खीरी का मामला (Lakhimpur Kheri Case)। प्रियंका गांधी ने हर जगह बाजी मारी।

2021 में कांग्रेस यूपी कांग्रेस की नई कप्तान के रूप में मैदान में उतरीं । प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने वह करके दिखाया है जो उनके बाकी नेता नहीं कर पाए। हालांकि इसका कितना फायदा उन्हें चुनाव में मिलेगा यह तो भविष्य के गर्भ में है। लेकिन प्रियंका ने कहीं न कहीं यूपी में कांग्रेस के अंदर एक नई जान फूंकी है । अब वह 2022 में इसे भुनाने का प्रयास भी करेंगी।

तो आपको चलिए बताते हैं कि साल 2021 यूपी कांग्रेस के लिए कैसा रहा

यूपी में प्रियंका के लिए चुनौतियां (Challenges for Priyanka)

उत्तर प्रदेश में प्रियंका के लिए बड़ी चुनौतियां हैं , उनके सामने संगठन से लेकर नेताओं की फौज तैयार करने की बड़ी चुनौती है। साल 2021 में उन्होंने इस पर पूरा फोकस किया । एकदम गर्त में जा चुकी पार्टी के अंदर नई जान फूंकने का काम किया है। यूपी कांग्रेस पार्टी (Uttar Pradesh Congress) जहां पहले से ज्यादा मजबूत हुई है वहीं अब उसकी चर्चा हर गली मोहल्ले में फिर से सुनाई देने लगी है। इसका सीधा श्रेय प्रियंका गांधी को जाता है। जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते पर पार्टी को खड़ा करने का जिम्मा उठाया है। उन्होंने ऐसे कई फैसले 2021 में किए जिससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ीं और लोगों के बीच कांग्रेस की इमेज को मजबूत बनाने का काम किय

photo - social media

यूपी में 40-60 का दांव

भारतीय राजनीति में प्रियंका गांधी ने पहली बार वह करके दिखाया जो आज तक किसी पार्टी ने नहीं किया था। यूपी चुनाव के लिए उन्होंने 40 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने की घोषणा कर एक बड़ा दांव आधी आबादी को साधने का चला है। इससे जहां उन्हें पार्टी को मजबूती मिलने की उम्मीद है । वहीं महिला वोटरों को ज्यादा से ज्याद अपने पाले में करने की कोशिश भी है। प्रियंका गांधी ने 40 प्रतिशत महिलाओं और 60 फीसदी पुरुषों के लिए सीट आरक्षित कर दी है।

'लड़की हूं लड़ सकती हूं' (ladki hun lad sakti hun) का नारा

प्रियंका गांधी ने 2021 से 2022 को साधने का पूरा प्लान तैयार किया है, उन्होंने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' (ladki hun lad sakti hun) का नारा दिया है। इसमें उन्होंने महिलाओं को आगे बढ़ाने और उनकी मदद करने का वीणा उठाने की बात कही थी। प्रियंका गांधी ने इसका एलान करते हुए कहा था कि वह यूपी के अलग-अलग जिलों का भ्रमण कर चुकी हैं। जहां भी गईं वहां महिलाएं उनसे मिलीं और अपना दुख दर्द बयां किया। महिलाओं के साथ हो रहे जुल्म को खत्म करने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए वह उन्हें आगे लाकर अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार कर रही है। इसी लिए उन्होंने इसका नाम 'लड़की हूं लड़ सकती हैं' दिया है।

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छात्राओं को स्मार्ट फोन और स्कूटी देने का वादा

प्रियंका ने यूपी की छात्राओं के लिए स्मार्ट फोन और स्कूटी देने का वादा (Promise to give smart phone and scooty to the girl students of UP) किया है। उन्होंने इसे अपने घोषणा पत्र में भी शामिल करने की बात कही है। प्रियंका गांधी ने घोषणा की है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वह इंटर पास छात्रों को स्मार्ट फोन और ग्रेजुएशन पास छात्राओं को स्कूटी देने की बात कही है। इसके जरिए वह लाखों छात्राओं को भी अपने पाले में करने की कोशिश की है।

यूपी में कांग्रेस की चुनौतियां

वर्ष 2021 में जहां यूपी कांग्रेस को मजूबत करने कि लिए कांग्रेस आलाकमान से लेकर प्रियंका गांधी ने एड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है। वहीं एक एक कर उनके अपनों के साथ छोड़ने से वह कमजोर होती गई है। यूपी कांग्रेस के तमाम बड़े नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दल में शामिल हो गए हैं। जिसमें जितिन प्रसाद, सत्यदेव त्रिपाठी, हरेंद्र मलिक, पंकज मलिक, अदिति सिंह जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इन नेताओं के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस कमजोर हुई है। अब 2022 के चुनाव से पहले प्रियंका गांधी को अपनी नई टीम के साथ मैदान में उतरकर यूपी फतह करने की कोशिश करेंगी।

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कांग्रेस के अकेले चुनावी मैदान में उतरने की मुश्किलें

वहीं, कांग्रेस के सामने उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनावी मैदान में उतरे। मौजूदा सियासी हालात में कांग्रेस के पास क्या सभी सीटों पर ऐसे मजबूत उम्मीदवार हैं जो बीजेपी के साथ-साथ सपा (Samajwadi Party) और बसपा (Bahujan Samaj Party) को कैंडिडेट को कड़ी टक्कर दे सके। कांग्रेस के अकेले चुनावी मैदान में उतरने में सबसे बड़ा जोखिम यह है कि कांग्रेस के पास अपना बेस वोट कोई है नहीं। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास कुछ मुस्लिम और कुछ समर्पित पुराने कांग्रेसियों का वोट ही बचा है।

प्रियंका गांधी की छवि को बचाने की चिंता

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं और उन्हीं के नेतृत्व में पार्टी चुनावी मैदान में उतरेगी। पिछले सालों से सूबे की योगी सरकार के खिलाफ वो मोर्चा खोले हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस को चिंता है कि अगर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कुछ बेहतर नहीं कर पाई तो उसका सीधा असर प्रियंका गांधी की छवि और लोकप्रियता पर पड़ेगा।

कांग्रेस की कोशिशें विधानसभा (UP Election 2022) में कितना रंग लाएगी यह नहीं पता लेकिन हो सकता है कि कांग्रेस इसका लॉन्ग टर्म इफेक्ट सोचकर चल रही है यानी उसे लग रहा है कि अभी की गई कोशिशों का फायदा पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनाव में मिल सकता है। हालांकि, कांग्रेस के सामने एक चुनौती महिला उम्मीदवारों का चयन भी होगा। बहरहाल उत्तर प्रदेश का जो सीनेरियो है उसमें लड़ाई बीजेपी और अखिलेश के बीच ही नजर जाती है। चेहरा योगी और अखिलेश ही नजर आते हैं।

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Shashi kant gautam

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