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Priyanka Gandhi: यूपी से प्रियंका गांधी की होगी छुट्टी, नए पार्टी अध्यक्ष के साथ ही उत्तर प्रदेश में दिखेगा नया स्वरुप
Priyanka Gandhi: अगले महीने यानी सितंबर में कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव या चयन की प्रक्रिया होनी है। उत्तर प्रदेश में भी पार्टी के नए स्वरूप को लेकर मंथन चल रहा है।
Priyanka Gandhi: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की जल्द ही उत्तर प्रदेश प्रभारी के पद से छुट्टी हो सकती है। उन्हें केंद्रीय राजनीति में अहम जिम्मेदारी मिलने की बात कही जा रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी महासचिव के साथ अभी सिर्फ यूपी की कमान संभाले हुई थीं। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि प्रियंका जैसी शख्सियत को उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। उन्हें देश के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय तौर पर कांग्रेस के लिए कार्य करने की छूट मिलनी चाहिए। जिसके बाद अब उन्हें केंद्रीय राजनीति में सक्रिय करने की तैयारी शुरू हो गई है।
बता दें अगले महीने यानी सितंबर में कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव या चयन की प्रक्रिया होनी है। इसके साथ ही देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भी पार्टी के नए स्वरूप को लेकर मंथन चल रहा है। इस बीच कहा जा रहा है प्रियंका यूपी से हटकर केंद्र की राजनीति में सक्रिय होंगी। उत्तर प्रदेश में संगठन को नए सिरे से खड़ा करने के लिए अनुभवी और ऊर्जावान युवाओं को आगे किया जाएगा।
2019 और 2022 में मिली करारी शिकस्त
प्रियंका गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई थी। तब यह माना गया था उनके कुशल नेतृत्व और जुझारूपन से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में जीत हासिल कर पाएगी। लोकसभा चुनाव में उन्हें कम समय मिला था और अपने गढ़ अमेठी को भी उन्होंने गंवा दिया। सिर्फ एक सीट रायबरेली पर सोनिया गांधी की जीत हुई थी। उसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी को प्रियंका से काफी उम्मीदें थी। कांग्रेसियों को उम्मीद थी की उनके करिश्माई नेतृत्व से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के दिन बहूरेंगे। लेकिन लोकसभा चुनाव से भी करारी हार विधानसभा के चुनाव में हुई तो प्रियंका की टीम को लेकर स्थानीय कांग्रेसियों में असंतोष भी सार्वजनिक हो गया। नेता खुलकर उनके सहयोगियों पर हमलावर हो गए। अब हाईकमान का मानना है कि देश के दूसरे हिस्सों की तरह उत्तर प्रदेश में भी पार्टी की हालात उसके लिए अनुकूल नहीं है। ऐसे में प्रियंका जैसी शख्सियत को किसी एक राज्य तक सीमित करना उचित नहीं होगा। कांग्रेस आलाकमान के सलाहकार उन्हें प्रियंका गांधी को 2024 से पहले राष्ट्रीय राजनीति में उतरना चाह रहे हैं।
वहीं पुराने कांग्रेसियों का मानना है उत्तर प्रदेश में अगर पार्टी को मजबूत करना है तो कमेटी को संतुलित रूप में लाना होगा। जैसे अनुभवी लोगों के साथ ऊर्जावान युवाओं को आगे करना होगा। इसके साथ ही फल बांटने का समय आए तो बार-बार लाभ पाने वाले कृपा पात्रों के स्थान पर ऊर्जावान लोगों को भी अवसर देना होगा। जिससे नए नेताओं और युवाओं के बीच यह संदेश जाए कि कांग्रेस में सबका सम्मान बराबर होता है।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष की इन्हें मिल सकती है कमान?
कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही उत्तर प्रदेश को भी नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने की भी बात कही जा रही है। अभी जिन चार नामों की सबसे ज्यादा चर्चा है। उनमें वाराणसी के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री और पीएल पुनिया का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। जानकारों का मानना है की कांग्रेस पार्टी यूपी में ब्राह्मण कार्ड खेल सकती है। इसमें सबसे आगे राजेश मिश्रा हैं। क्योंकि प्रमोद तिवारी को कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान से राज्यसभा भेज दिया है। ऐसे में राजेश मिश्रा की दावेदारी मजबूत बताई जा रही है। वहीं सोनिया गांधी के भरोसेमंद सिपाही निर्मल खत्री को एक बार फिर से यूपी अध्यक्ष की कुर्सी मिलने की बात कही जा रही है। कहा यह भी जा रहा है कि राहुल गांधी दलित को यूपी की कमान सौंपना चाहते हैं । इनमें पीएल पुनिया के नाम की भी चर्चा तेज है। फिलहाल अब नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद यूपी की भी तस्वीर साफ होगी और अध्यक्ष से लेकर संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।