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यूपी में राहुल की सारथी बनी प्रियंका गांधी

कांग्रेस ने बड़ा दांव खेलते हुए प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश की कमान सौप दी है। उन्हें उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्वी क्षेत्र का महासचिव बनाया गया है। कमान पूर्वी क्षेत्र की है लेकिन जानकार बताते है कि प्रियंका का दबदबा पूरे उत्तर प्रदेश में रहेगा।कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी को राजनीति में लाने की मांग काफी सालों से चल रही थी।

Anoop Ojha
Published on: 23 Jan 2019 6:14 PM IST
यूपी में राहुल की सारथी बनी प्रियंका गांधी
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नरेन्द्र सिंह

रायबरेली: कांग्रेस ने बड़ा दांव खेलते हुए प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश की कमान सौप दी है। उन्हें उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्वी क्षेत्र का महासचिव बनाया गया है। कमान पूर्वी क्षेत्र की है लेकिन जानकार बताते है कि प्रियंका का दबदबा पूरे उत्तर प्रदेश में रहेगा।कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी को राजनीति में लाने की मांग काफी सालों से चल रही थी।

कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत ने प्रियंका गांधी को ये जिम्मेदारी सौपी है। इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिम क्षेत्र का महासचिव बनाया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया राहुल के करीबी है और एमपी चुनाव में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी के. सी. वेणुगोपाल को एआईसीसी ( संगठन ) का महासचिव बनाया गया है।

प्रियंका गांधी की आधिकारिक रूप से राजनीति में एंट्री के बाद कांग्रेस समर्थकों में गज़ब का उत्साह है। समर्थकों का मानना है कि कांग्रेस पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में सबसे बेहतर प्रदर्शन करेगी। प्रियंका गांधी अभी तक रायबरेली और अमेठी तक ही सीमित रह कर चुनाव का प्रबंधन और प्रचार का जिम्मा संभालती रही है।

1999 के लोकसभा चुनाव में एक रात में ही पलटी थी बाज़ी

1999 के चुनाव में प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनावी प्रचार की कमान संभाली थी और एक दिन में चुनावी बाज़ी पलट दी थी। भाजपा ने 1999 के चुनाव में गांधी परिवार के करीबी रहे अरुण नेहरू को उतारा था। प्रियंका ने लोगों से कहा था कि मुझे आपसे शिकायत है, आपने ऐसे आदमी को रायबरेली में घुसने कैसे दिया। जो अपने परिवार का नहीं हुआ, वो आपका क्या होगा? बस यही से पासा पलट गया और कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा को रायबरेली की जनता ने लोकसभा में भेजा।

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2004 के लोकसभा चुनाव से संभाली सोनिया के प्रचार की कमान

इसके बाद जब 2004 के लोकसभा चुनाव में उनकी मां सोनिया गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया तब प्रियंका ने रायबरेली में चुनाव प्रबन्धन की कमान संभाली थी और सोनिया गांधी रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीती थी। इसके बाद लगभग हर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने रायबरेली और अमेठी से प्रचार की कमान संभाली और कांग्रेस को मजबूती प्रदान की थी।

संगठन में रहता है दबदबा

प्रियंका गांधी का रायबरेली और अमेठी के कांग्रेस संगठन में भी दबदबा रहता है। लगभग हर फैसले में उनकी सहमती ली जाती रही है। ऐसे में अब यूपी में वो राहुल की खेवनहार बनेगी ये तो आने वाला लोकसभा चुनाव के परिणाम ही बताएंगी फिलहाल कांग्रेस कार्यकर्ता कभी खुश है और उत्साह से लबरेज़ है।

क्या कहते है आम लोग

सपा नेता पारुल बाजपेयी ने कहा कि ये बसपा -सपा गठबंधन का असर है जो प्रियन्का गांधी को राजनीती में उतारना पड़ा है। प्रियंका गांधी का राजनीती में आने से चुनाव पर उसका कोई असर नहीं पड़ेगा। उनको महासचिव बनाना कांग्रेस की बौखलाहट दर्शाती है।

लालआश किरण प्रताप सिंह एडवोकेट

एडवोकेट लालआश किरण प्रताप सिंह ने कहा कि प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। प्रियंका में इंदिरा की छवि रायबरेली की जनता देखती है ऐसे में लोग बहुत पहले से प्रियंका की राजनीती में एंट्री चाह रहे थे। ये कांग्रेस का बहुत ही बढ़िया कदम है।

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दवा व्यवसाई नजीब आलम

दवा व्यवसाई नजीब आलम का कहना है कि कांग्रेस को ये कदम बहुत पहले ही उठा लेना चाहिए था लेकिन देर आये दुरुस्त आये। रायबरेली के लिए ये बहुत ही सौभाग्य की बात है।

कांग्रेस एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह

कांग्रेस एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रियंका गांधी का कद बहुत ही बड़ा था। मैंने यूपीए प्रथम और यूपीए द्वितीय दोनों देखा है। लोग उनसे मिलने के लिए लाइन लगाते थे लेकिन मुझे लगता है कि प्रियंका गांधी का डिमोशन हुआ है। रायबरेली की जनता में प्रियंका गांधी का कोई ग्लैमर नहीं है क्यूंकि इन्होने 15 साल झूठ के बल पर रायबरेली में चुनाव जीतती आई है लेकिन मेरी समझ में प्रियंका गांधी जैसा झूठा नेता पूरे देश में नहीं है।

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सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधी केएल शर्मा

रायबरेली में सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधी केएल शर्मा ने इसे कांग्रेस का एक बेहतर क़दाम बताया। उन्होंने कहा कि इससे कार्यकर्ताओं में जोश आएगा और कांग्रेस मजबूत होगी। पूरे उत्तर प्रदेश में इसका असर देखने को मिलेगा।

डॉक्टर आशा शंकर वर्मा ने कहा कि सोनिया लगातार बीमार चल रही थी ऐसे में प्रियंका को जिम्मेदारी देकर कांग्रेस ने सही कदम उठाया है। रायबरेली की जनता चाहती है कि वो रायबरेली से चुनाव लड़े।

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे शुभम कुमार

प्रतियोगी परिक्षा की तैयारी कर रहे शुभम कुमार ने कहा कि प्रियंका के आने से रायबरेली को कोई ख़ास फायदा नहीं होगा। युवा वर्ग अब पार्टी के काम पर वोट देता है। अगर पार्टी और प्रियंका छात्रों के हित के लिए काम करेंगे तो जरूर फायदा होगा।

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दयानन्द त्रिपाठी रिटायर्ड इंजीनियर

प्रियंका गाँधी का जो तेज़ और तेवर है तथा जो उनकी कार्य करने और लोगो से मिलने की स्टाइल है वह हमें इंदिरा गांधी की याद दिलाती है आज जब की सोनिया गाँधी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है तब कांग्रेस को नवजीवन देने की क्षमता और रायबरेली वालो की पुकार का नाम प्रियंका गाँधी है।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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