TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

अपने परिवार व पार्टी के कारनामों को देखें शहजादी प्रियंका वाड्रा: श्रीकांत शर्मा

योगी सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों के भविष्य निधि के निवेश में हुए घोटाले में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात दलों के नेताओं का योगी सरकार पर टिप्पणी करना शर्मनाक है।

Vidushi Mishra
Published on: 3 Nov 2019 10:44 PM IST
अपने परिवार व पार्टी के कारनामों को देखें शहजादी प्रियंका वाड्रा: श्रीकांत शर्मा
X

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ। योगी सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों के भविष्य निधि के निवेश में हुए घोटाले में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात दलों के नेताओं का योगी सरकार पर टिप्पणी करना शर्मनाक है।

यह भी देखें... BJP को 20 करोड का चंदा देने वाली DHFL से रिश्ता बताए ऊर्जा मंत्री: अखिलेश

जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य

प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि शहजादी प्रियंका वाड्रा को एक सन्यासी की सरकार पर टिप्पणी करने से पहले अपने परिवार और पार्टी के कारनामों को देख लेना चाहिए और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को प्रदेश सरकार पर उंगली उठाने से पहले होमवर्क कर लेना चाहिए। इस घोटाले का रास्ता उन्हीं की सरकार ने खोला था।

रविवार को यहां लोकभवन में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि इस घोटाले की पटकथा वर्ष 2014 में लिखी गई थी। 21 अप्रैल 2014 को हुई ट्रस्ट बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि बैंक से इतर अधिक ब्याज देने वाली संस्थाओं में निवेश किया जा सकता है।

इसी फैसले को आधार बनाकर हाउसिंग कंपनियों में निवेश की प्रक्रिया दिसम्बर 2016 में प्रारम्भ की गई। दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश 17 मार्च 2017 से प्राम्भ किया गया। ऊर्जा मंत्री ने प्रश्न करते हुए कहा कि क्या यह सब अखिलेश यादव के इशारे पर हो रहा था, क्या उन्होंने लूट की छूट दी थी? इसका जवाब सपा अध्यक्ष को देना चाहिए।

यह भी देखें... म्यांमार में अराकान आर्मी ने 2 भारतीय नागरिकों को बनाया बंधकः सूत्र

यूपीपीसीएल के कर्मचारियों और अधिकारियों का पैसा मिले

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 10 जुलाई 2019 को एक शिकायत अध्यक्ष पॉवर कारपोरेशन को प्राप्त हुई थी। 12 जुलाई 2019 को प्रकरण में निदेशक वित्त की अध्यक्षता में जांच के आदेश दिए गए। 29 अगस्त 2019 को जांच समित ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।

जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई की गम्भीर वित्तीय अनियमितता की गई है। जिस पर हमारी सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गुनहगारों को जेल भेज दिया है। इतनी जल्दी कार्रवाई न तो अखिलेश सरकार और न ही बसपा प्रमुख मायावती की सरकार में हुई।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि यूपीपीसीएल के कर्मचारियों और अधिकारियों का पैसा मिले। जब तक सीबीआई इस मामले की जांच शुरू करती है, तब तक पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के डीजी आरपी सिंह इसकी जांच करेंगे।

सीबीआई जांच पूरे प्रकरण के लिए होगी। जो भी इस मामले में संलिप्त होगा नहीं बचेगा। योगी सरकार किसी घटना का इंतजार नहीं करती। सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई करते हुए अपराधियों को जेल भेज देती है।

इस दौरान ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार, सूचना विभाग के सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी, निदेशक सूचना शिशिर मौजूद थे।

यह भी देखें... बढ़ते प्रदूषण से डीएम मेरठ का आदेश, 12वीं तक के सभी स्कूल 4, 5 नवंबर तक बंद

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story