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साक्षी फिनकैप के निदेशक राकेश जैन से 147 करोड़ की वसूली पर रोक

यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने राकेश जैन की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी को सुनकर दिया है।

Shivakant Shukla
Published on: 6 Nov 2019 3:35 PM GMT
साक्षी फिनकैप के निदेशक राकेश जैन से 147 करोड़ की वसूली पर रोक
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12 साल तक सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान न करने पर हाईकोर्ट सख्त

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के नेहरू नगर में निर्माणाधीन सेलेब्रेशन सिटी को लोन देने वाली साक्षी फिनकैप के निदेशक राकेश जैन से 147 करोड़ रुपये की वसूली पर रोक लगा दी है।

कोर्ट ने गाजियाबाद के डीएम, एडीएम, एसडीएम और तहसीलदार सदर को नोटिस जारी कर उनसे इस मामले में जवाब मांगा है। कोर्ट ने इन अफसरों से पूछा है कि आरसी या साइटेशन के बगैर याची को किस आधार पर जेल में निरुद्ध रखा गया। साथ ही जिला प्रशासन को याची से वसूली गई रकम फिक्स डिप़ॉजिट करने का निर्देश दिया है।

संबंधित प्रशासनिक व पुलिस अफसरों को नोटिस जारी

यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने राकेश जैन की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी को सुनकर दिया है। इस पर कोर्ट ने याची से वसूली पर रोक लगाते हुए संबंधित प्रशासनिक व पुलिस अफसरों को नोटिस जारी किया है।

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कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका लंबित रहने तक याची देश छोड़कर नहीं जाएगा। मामले के तथ्यों के अनुसार साक्षी फिनकैप ने याची की कंपनी को जीडीए की संस्तुति पर सेलेब्रेशन सिटी के लिए 27 करोड़ और 40 करोड़ का लोन दिया था। इसके एवज में सेलेब्रेशन सिटी से जुड़ी 11 कंपनियों के शेयर कंपनी के पास गिरवी रखे गए। दोबारा 40 करोड़ रुपये के लोन के लिए कंपनी की संपत्ति बंधक रखी गई। कंपनी की संपत्ति बंधक रखने के बाद कंपनियों के शेयर वापस कर दिए गए।

147 रोड़ की वसूली जारी की

उधर, जीडीए ने सेलेब्रेशन सिटी पर 147 रोड़ की वसूली जारी की, जिसके भुगतान के लिए उसने याची से लोन लिया था। लोन की रकम से भी वसूली पूरी नहीं हुई तो डीएम ने याची को इस आधार पर गिरफ्तार करा दिया कि जिसके पास कंपनी के शेयर हैं, वही मालिक माना जाएगा।

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अनूप त्रिवेदी ने तर्क दिया कि शेयर होल्डर से वसूली नहीं की जा सकती और फिर उसने को संपत्ति बंधक रखने के बाद शेयर भी लौटा दिए थे। याची को वसूली मामले में व्यवहारिक कैद में रखना चाहिए लेकिन उन्हें डासना जेल भेज दिया गया। जबकि जिन तहसीलों में व्यवहारिक हवालात नहीं है, वहां वसूली मामले में पकड़े गए व्यक्ति को जेल नहीं भेजा जा सकता। यही नहीं अधिकारियों ने याची को धमकाया और उनसे जबरन छह करोड़ के चेक व ड्राफ्ट ले लिए। कोर्ट के पूछने पर बताया गया कि याची के विरुद्ध कोई साइटेशन या आरसी जारी नहीं हुई है।

Shivakant Shukla

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