प्रदर्शनकारियों ने कहा- जब तक डीएनडी नहीं होगा टोल फ्री जारी रहेगा प्रदर्शन

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Published on: 28 Aug 2016 12:23 PM GMT
प्रदर्शनकारियों ने कहा- जब तक डीएनडी नहीं होगा टोल फ्री जारी रहेगा प्रदर्शन
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नोएडा नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (एनटीबीसीएल) के खिलाफ डीएनडी को टोल फ्री कराने के लिए अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। धरने में नोएडा और ग्रेटरनोएडा के दो दर्जन से ज्यादा सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं के अलावा आम जनता भी शामिल है। टोल पर हंगामा न हो लिहाजा यहां भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

धरना दोपहर बाद शुरू हुआ जबकि भीड़ सुबह ग्यारह बजे से ही लगनी शुरू हो गई थी। प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया है की जब तक टोल को फ्री नहीं किया जाएगा तब तक धरना और प्रदर्शन जारी रहेगा।

कई संगठनों का मिला साथ

डीएनडी के टोल को फ्री कराने के लिए नोएडा डीएनडी टोल पर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन शुरू हो गया। इस प्रदर्शन की अगुवाई जनहित मोर्चा संगठन के संरक्षक नवाब सिंह नागर कर रहे है। प्रदर्शन में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 2 दर्जन संगठन एक बैनर तले इकठ्ठा होकर धरने पर बैठ गए है।

प्रदर्शनकारियों के मुताबिक डीएनडी टोल को फ्री कराने की मांग को लेकर केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार समेत नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से कई बार मुलाकात की जा चुकी है, बावजूद उसके कोई समाधान नहीं हुआ है। इसके बाद अब जनहित मोर्चा, क्राइम फ्री इंडिया, एनईए, नोएडा ऑटो यूनियन और फोनरवा के लोग इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।

कराया टोल फ्री

प्रदर्शन में शामिल लोगों ने डीएनडी को टोल मुक्त कर दिया। जिससे सैकड़ों की संख्या में वाहनों ने नोएडा से दिल्ली और दिल्ली से नोएडा में प्रवेश किया। शांती पूर्ण प्रदर्शन के बीच संगठन के लोगों ने वार्तालाप का मार्ग अपनी तरफ से बंद कर रखा है। साथ ही डीएनडी पर अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए है।

क्या है मामला?

नोएडा प्राधिकरण और एनटीबीसीएल कंपनी के बीच हुए करार के तहत टोल को बनाने में 408 करोड़ की लागत आई थी। सालों से यहां टोल वसूला जा रहा है। इस तरह से रोजाना टोल से हजारों गाड़ियां गुजरती है। उससे टोल कंपनी की लागत काफी समय पहले पूरी हो चुकी है। मगर इस टोल को अभी भी बंद नहीं किया गया है।

आरोप हैं इस टोल कंपनी को 1 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से 450 एकड़ जमीन दी गई थी जबकि टोल महज 100 एकड़ जमीन पर ही बनाया गया है बाकि जमीन को गलत तरीके से टोल कंपनी अपने काम में लिए हुए है। यही नहीं हर साल कंपनी प्राधिकरण को टोल में घाटा दिखाकर टोल दरों में बढ़ोत्तरी कर रही है।

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