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Ramcharitmanas Controversy: वाराणसी में स्वामी प्रसाद मौर्य का भारी विरोध, फेंकी गई स्याही, दिखाए गए काले झंडे
Ramcharitmanas Controversy: वाराणसी से मिर्जापुर की ओर जा रहे स्वामी प्रसाद मौर्य को रास्ते में युवाओं की एक टोली ने काले झंडे दिखाए। उनकी गाड़ी पर स्याही भी फेंकी गई।
Ramcharitmanas Controversy: समाजावदी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य को रविवार को वाराणसी में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। वाराणसी से मिर्जापुर की ओर जा रहे स्वामी को रास्ते में युवाओं की एक टोली ने काले झंडे दिखाए। उनकी गाड़ी पर स्याही भी फेंकी गई। मौके पर मौजूद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया। सपा नेता को काले झंडे दिखाने वाले युवक हर-हर महादेव और जय श्री राम का नारा लगा रहे थे। विरोध करने वाले युवाओं और पुलिस के बीच झड़प की भी खबर है।
स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध करने वाले लड़कों ने बाद में बताया कि वे रामचरितमानस को लेकर उनके द्वारा की गई टिप्पणी से आहत हैं। उन्होंने मौर्य से माफी मांगने और अपना बयान वापस लेने की मांग की। वहीं, वाराणसी में मीडिया से बात करते हुए सपा एमएलसी ने एकबार साफ कर दिया कि वे अपने बयान से पीछे नहीं हटेंगे। रामचरितमानस के विवादित अंश को संशोधित करने की मांग पर वो आज भी कायम हैं।
स्वामी प्रसाद ने मदनी के बयान का किया समर्थन
वाराणसी में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने जमीयत ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के उस बयान का समर्थन भी किया, जिसमें उन्होंने भारत को इस्लाम की जन्मस्थली बताया था। मौर्य ने कहा कि अभी तक जो ऐतिहासिक साक्ष्य आए हैं, उसके मुताबिक सबसे पहले भगवान बुद्ध का बौद्ध धर्म आया, उसके बाद ईसाई धर्म और फिर इस्लाम धर्म आया। इसके बाद ही तमाम धर्म और पंथ पैदा हुए।
दरअसल, शनिवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में मौलाना महमूद मदनी ने जमीयत के अधिवेशन में बड़ा बयान देते हुए कहा था कि इस्लाम को भारत से बाहर का बताना गलत है। यह खुदा के पहले पैगंबर अब्दुल बशर सैदाला आलम की धरती है। इसलिए यह मुल्क जितना मोहन भागवत और नरेंद्र मोदी का है, उतना ही मदनी का है।
मैं अभी भी हिंदू हूं – स्वामी प्रसाद
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमारे सारे सर्टिफिकेट में मेरा धर्म हिंदू है। मैं अभी भी हिंदू हूं। हम मुस्लिम नहीं, इसलिए उनकी कमियां नहीं उठा सकते। जो जिस धर्म को मानेगा, वह उसी की कमियों को इंगित कर सकता है। वहीं, सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह द्वारा विक्षिप्त कहे जाने पर उन्होंने पलटवार किया है। मौर्य ने कहा कि जो मुझे विक्षिप्त होने का मेडिकल सर्टिफिकेट दे रहे हैं, हम उनको पागल ही मानते हैं। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताकर उसे बैन करने की मांग कर दी थी। जिस पर काफी बवाल हुआ। मौर्य के बयान के समर्थन और विरोध में अभी भी जमकर सियासत हो रही है।