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नोएडा में जेपी ऑफिस के बाहर भड़के निवेशकों का प्रदर्शन, जमकर की तोड़फोड़
एनसीएलटी के फैसले के बाद निवेशकों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। इसकी बानगी शनिवार को सेक्टर-128 स्थित जेपी के सेल्स ऑफिस में देखने को मिली। मुख्य गेट पर गॉडरे ने निवेशकों को अंदर जाने से रोका।
नोएडा : एनसीएलटी के फैसले के बाद निवेशकों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। इसकी बानगी शनिवार को सेक्टर-128 स्थित जेपी के सेल्स ऑफिस में देखने को मिली। मुख्य गेट पर गार्ड ने निवेशकों को अंदर जाने से रोका।
गुस्साएं निवेशकों ने बेरीकेट को तोड़ते हुए ऑफिस में घुस गए। भारी तोड़फोड़ के बाद पूरे ऑफिस पर कब्जा जमा लिया। निवेशकों ने यह भी कहा कि उनका अगला पड़ाव बीजेपी का राष्ट्रीय मुख्यालय है। निवेशकों का जेपी इंफ्राटेक के पास करीब 18 हजार करोड़ रुपए बकाया है।
एक हजार से ज्यादा की संख्या में पहुंचे निवेशक
जेपी के 32 हजार फ्लैटों का निर्माण कार्य जारी है। इन फ्लैटों में अपनी जीवन भर की कमाई लगा चुके निवेशक शनिवार को सेल्स ऑफिस पहुंचे। सुबह 10 बजे गेट पर हंगामा करने के बाद तोड़फोड़ का सिलसिला शुरू हुआ। बात नहीं मानने पर निवेशकों ने सेल्स ऑफिस में लगी टीन शेड और अन्य सामान भी तोड़ दिए। हंगामा के दौरान निवेशकों ने सरकार और जेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
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मुझ पर रखे विश्वास
निवेशकों का गुस्सा शांत करने के लिए सेल्स आफिस में जेपी के सीएमडी मनोज गौड़ , आईडीबीआई बैंक के जीएम सिन्हा और एनसीएलटी के लीगल एडवाइजर अरुण जैन पहुंचे। मनोज गौड़ ने स्पष्ट कहा कि हम पर विश्वास रखे। अगर मैं गलत होता तो आप लोगों के बीच नहीं आता। लेकिन इस समय आप लोगों के सवालों के जवाब मेरे पास नहीं है। मीडिया में चल रही खबरें सही नहीं है। वह भ्रामक है। अभी जुलाई में ही हमने 1300 लोगों को पैसे दिए है। मुझ पर विश्वास रखे। वहीं, आईडीबीआई बैंक के जीएम ने बताया कि एनसीएलटी में डाली गई याचिका आरबीआई के दबाव में डाली गई। जल्द ही इसका पूरा सामाधन निकाल लिया जाएगा।
निवेशकों ने जमकर की नारे बाजी
जेपी अधिकारियों का विश्वास खो चुके निवेशकों को जब सवालों का जवाब नहीं मिला तो वह मनोज गौड़ के पीछे गए। इस दौरान मनोज के साथ हुए बाउंसरों ने निवेशकों को रोकने की कोशिश की। गुस्साएं निवेशकों और बाउंसरों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। किसी तरह मनोज गौड़ वहां से निकल गए। इस दौरान निवेशकों ने जमकर जेपी के खिलाफ नारे बाजी की।
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बीजेपी मुख्यालय का करेंगे घिराव
परेशान निवेशकों ने स्पष्ट कहा कि हमें आस थी कि मोदी सरकार आने के बाद हमे अपने घर जरूर मिल जाएंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यदि वह अपना वोट बैंक बचाना चाहते है तो एक बार हमसे मिलना चाहिए था। निवेशकों ने बताया कि रविवार को वह दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय का घिराव करेंगे।
वंदना बाधवा का क्या कहना है?
अभी-अभी बेटी की शादी की है। पति ने पीएफ का पूरा पैसा लोन ले लिया। अब अगर जमा पैसों की बात करे तो वह पूरी तरह से खत्म हो चुके है। एक इस प्लैट पर ही आसरा था। यह घर मिल जाए तो परेशानी दूर हो जाए। वह भी नहीं मिला। ऐसा लगता है सारे नेता भी बिल्डरों के साथ मिले हुए है। मेरे पास अब भी एक पैसा नहीं है। इन बिल्डरों को देने के लिए।
क्या कहा सुनील वाधवा ने?
जेपी के प्रोजेक्ट में 2012 में निवेशक किया। सोचा था 2014 तक फ्लैट मिल जाएगा। सीएम से लेकर पीएम तक को पत्र लिख चुका हूं। रातों को नींद नहीं आती है। डिप्रेशन का शिकार हो चुका हूं। अब इस हालत में क्या करना चाहिए यह कदम समझ से बाहर हो चुका है। बिल्डर के प्रति बेहद गुस्सा है। ईएमआई देते किराए के मकान में रहते थक गए।
महेश अग्रवाल ने क्या कहा?
अब हमें हमारी गलती बताएं हम कानून को मानने वाले है। आयक समय पर चुकाते है। अपने जीवन भर की कमाई से सपने का एक आशियाना देखना चाहते है। मध्यम वर्गिय सामान्य नागरिक है। तीन साल में मकान मिलने का वादा था। सात साल बाद भी पूरा नहीं हो सका। 95 फीसद पैसा जमा कर चुका है। तीन फ्लैट तीन भाइयों के नाम पर लिए थे। करीब डेढ़ करोड रुपए जमा कर चुका हूं। कहा जाऊ किससे पैसे मांगू। यह तो आए और विश्वास की बात कर चले गए। हम किसके पास जाए।