HC : जन प्रतिनिधि सदन में कैसा आचरण करें, बताना कोर्ट का काम नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कोई जनप्रतिनिधि सदन में कैसा आचरण करे या जनता को मूल कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने के कदम उठाने का निर्देश नही दे सकता। इसी के साथ कोर्ट ने मेरठ की महापौर सुनीता वर्मा को सदन में वन्दे मातरम का सम्मान करने व शहर

Anoop Ojha
Published on: 13 Feb 2018 3:28 PM GMT
HC : जन प्रतिनिधि सदन में कैसा आचरण करें, बताना कोर्ट का काम नहीं
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कोई जनप्रतिनिधि सदन में कैसा आचरण करे या जनता को मूल कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने के कदम उठाने का निर्देश नही दे सकता। इसी के साथ कोर्ट ने मेरठ की महापौर सुनीता वर्मा को सदन में वन्दे मातरम का सम्मान करने व शहर के लोगों को राष्ट्रगान के प्रति मूल कर्तव्यों के बारे में जागरूकता लाने का निर्देश देने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है।

यह आदेश चीफ जस्टिस डी.बी. भोसले व जस्टिस सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने मेरठ के रमाकांत शर्मा की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता जितेंद्र सरीन ने बहस की। याची का कहना था कि नगर निगम मेरठ सदन की कार्यवाही में वंदेमातरम गीत के समय महापौर व कुछ पार्षदों ने राष्ट्रगीत का अपमान किया। वे सीट पर बैठे रहे।राष्ट्रगीत देश की आजादी आंदोलन का प्रेरणादायी गीत रहा है।राष्ट्रगान के समान ही उसका सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का दायित्व है।महापौर को राष्ट्रगीत का सम्मान करने का आदेश दिया जाय। इस गीत का किसी सम्प्रदाय से कोई सम्बन्ध नही है। किंतु कोर्ट ने कहा कि ऐसा निर्देश नहीं दिया जा सकता और याचिका खारिज कर दी।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

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