TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

पुलवामा अटैक: शहीद राम वकील ने वादा किया था- मैं लौटकर आऊंगा, अपना मकान बनवाऊँगा

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में इटावा के रहने वाले सीआरपीएफ के हेड कॉन्स्टेबल रामवकील माथुर शहीद हुए।शहादत की खबर सुनकर घर में पत्नी और तीन बच्चों का बुरा हाल।

Anoop Ojha
Published on: 15 Feb 2019 11:17 AM IST
पुलवामा अटैक: शहीद राम वकील ने वादा किया था- मैं लौटकर आऊंगा, अपना मकान बनवाऊँगा
X

इटावा: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में इटावा के रहने वाले सीआरपीएफ के हेड कॉन्स्टेबल रामवकील माथुर शहीद हुए।शहादत की खबर सुनकर घर में पत्नी और तीन बच्चों का बुरा हाल।

यह भी पढ़ें....पुलवामा आतंकी घटना में शहीद हुए रमेश, मातम में डूबा वाराणसी

इटावा के अशोक नगर इलाके में अपने मायके में रह रहीं गीता और उसके तीन बेटे और गीता के मां बाप को जब यह पता चला कि उनके दामाद रामवकील माथुर की पुलवामा जम्मू कश्मीर में एक आतंकी हमले में शहीद हो गये तो सभी लोगो का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। खास तौर पर बड़े बेटे राहुल जिसकी उम्र अभी 12 वर्ष है और जो केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 8 का छात्र है और उससे 2 साल छोटा साहुल जो कक्षा 7 में पढ़ता है, दोनों अपने पापा को याद करते हुए अपने नाना ओर नानी की गोद से हटने का नाम नहीं ले रहा है। और शहीद का सबसे छोटा बेटा अंश भी अपनी माँ की गोद में रोते हुए जानने की कोशिश कर रहा है कि आखिर हुआ क्या घर में चीख पुकार क्यों मची है। 4 साल का अंश नहीं जानता कि उसके पापा अब कभी घर वापस नहीं आएंगे। वहीं गीता रोते हुए बता रही है कि पिछले रविवार को ही तो उनके पति यह कहकर घर से गये थे कि अगले महीने घर वापस आ कर मकान बनवाएंगे।

यह भी पढ़ें.....पुलवामा आतंकी घटना में शहीद हुए अजित आज़ाद, मातम में डूबा उन्नाव

मूलतः मैनपुरी ज़िले के दन्नाहार थाने के विनायपुरा गाँव के रहने वाले रामवकील 2001 में सिपाही के पद से सी आर पी एफ में भर्ती हुए थे। 2003 में उनकीं शादी इटावा के अशोक नगर निवासी दिवारी लाल की पुत्री गीता के साथ हुई थी। जम्मू में तैनाती से पहले रामवकील अलीगढ़ में तैनात थे। पिछले दो साल बच्चो की बेहतर शिक्षा के लिए शहीद ने अपने दोनों बड़े बेटे राहुल और साहुल का दाखिला केंद्रीय विद्यालय इटावा में करवा दिया था जिस कारण गीता अपने तीनो बच्चों को लेकर मायके में रह रही थीं। गीता के पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर कानपुर में तैनात है।गीता के ससुराल मैनपुरी में उनके ससुर पहले ही खत्म हो गये है घर में अकेले उनके पति और उनकी मां बची थीं।

यह भी पढ़ें.....पुलवामा अटैक: कैबिनेट कमेटी की अहम बैठक शुरू, पीएम ले सकते हैं बड़ा फैसला

शहीद की पत्नी बताती है कि छुट्टी से वापस जाते समय उनके पति कहकर गये थे कि अगले महीने मार्च में आकर लॉन निकाल कर अपना खुद का मकान बनवाएंगे। गीता कहती है कि अब उन्हें मायके में रहते हुए अच्छा नहीं लगता इसलिए इटावा में ही एक उनका प्लॉट पड़ा है जिसको शहीद लॉन लेकर बनवाने वाले थे। शहीद का बड़ा बेटा राहुल जो कक्षा 8 में पड़ता है और फुटबॉल का शौकीन है अभी वह अपने पिता के साथ आगरा छात्रावास की ट्रायल देने गया था। वहीं शहीद की पत्नी की सरकार से नाराजगी भी दिखी सरकार कुछ करना नहीं चाहती है तभी यह सब हो रहा है।



\
Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story