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Azamgarh By-Poll: समाजवादी पार्टी ने चला दांव, दलित चेहरा सुशील आनंद को बनाया उम्मीदवार
Azamgarh By-Poll: समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ लोक सभा उप चुनाव के लिए दलित चेहरा सुशील आनंद को अपना उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, इससे पहले डिंपल यादव तो कभी तेजप्रताप यादव के मैदान में उतारने की चर्चा थी।
Azamgarh By-Poll: तमाम खबरों पर विराम लगाते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में दलित कार्ड खेला है। उन्होंने बसपा संस्थापक कांशीराम के बेहद करीबी रहे पूर्व राज्यसभा सांसद बलिहारी बाबू के बेटे को मैदान में उतारा है। अखिलेश ने अपनी पुरानी परंपरागत सीट पर दलित दांव चलकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। वहीं समाज बहुजन समाज पार्टी ने यहां मुस्लिम कार्ड खेला है। मायावती ने शाहआलम उर्फ गुड्डू जमाली को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी के बारे में यह कहा जा रहा है कि वह एक बार फिर से दिनेश लाल निरहुआ को मैदान में उतारेगी।
कौन हैं सुशील आनंद?
सुशील आनंद बसपा के संस्थापक सदस्य रहे बलिहारी बाबू के बेटे हैं। बलिहारी बाबू काशीराम के बेहद करीबी थे। उनके निधन के बाद वह मायावती के साथ रहे और 2006 में बहनजी ने उन्हें राज्यसभा भेजा था लेकिन वह कार्यकाल पूरा नहीं कर सके 2009 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। बसपा छोड़ने के बाद बलिहारी बाबू कांग्रेस में शामिल हो गए। उसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में वह मैदान में उतरे, 2014 के लोकसभा चुनाव में लालगंज सुरक्षित सीट उन्होंने चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गए। 2017 में मायावती के कहने पर वह फिर से बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए लेकिन उनका वह कद बरकरार नहीं रह पाया। उसके बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। कोरोना महामारी के दौरान बलिहारी बाबू की तबीयत बिगड़ी और अप्रैल 2021 में उनका निधन हो गया था। उनके निधन पर सपा प्रमुख ने दुख जताया था। अब उनके बेटे को उन्होंने आजमगढ़ उपचुनाव में टिकट देकर बड़ा दांव चला है।
बता दें कि, आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए एक दिन पहले ही बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया था। बसपा ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को इस सीट से मैदान में उतारा है। ज्ञात हो कि, अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद आजमगढ़ में उप चुनाव हो रहा है।
अखिलेश के इस्तीफे से खाली हुई सीट
गौरतलब है कि, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव मैनपुरी के करहल विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं। जिसके बाद आजमगढ़ के सांसद पद से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। वहीं, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान रामपुर से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद रामपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इन दोनों नेताओं के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई दोनों सीटों पर आगामी 23 जून 2022 को उपचुनाव के लिए मतदान होंगे। मतगणना 26 जून को होगी।
बीजेपी ने नहीं खोले पत्ते, निरहुआ मांगने लगे वोट
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अभी तक आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र (Azamgarh Parliamentary Constituency) में होने वाले उपचुनाव को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पार्टी अभी इस उप चुनाव में प्रत्याशी को लेकर मंथन में जुटी हुई है। मगर, उम्मीदवार घोषित होने से पहले ही दिनेश लाल यादव निरहुआ आजमगढ़ के चुनावी अखाड़े में कूद गए हैं। निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirhua) ने 2019 का लोकसभा चुनाव भी आजमगढ़ संसदीय सीट (Azamgarh Parliamentary Seat) से ही लड़ा था। मगर, उन्हें अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) के मुकाबले हार का मुंह देखना पड़ा था। इस बार उन्होंने प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही ट्विटर पर अपना पोस्टर जारी कर दिया है और आजमगढ़ के चुनाव में वोट देने की अपील की है।