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Lok Sabha by Election 2022: BJP ने आजमगढ़ से निरहुआ, रामपुर से घनश्याम लोधी को बनाया प्रत्याशी

Lok Sabha By Poll: भारतीय जनता पार्टी ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दिया है। आजमगढ़ से भोजपुरी स्टार दिनेश लाल निरहुआ को फिर से मैदान में उतारा है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 4 Jun 2022 1:28 PM IST (Updated on: 4 Jun 2022 1:49 PM IST)
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Dinesh Lal Yadav Nirahua

Lok Sabha By Poll : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आजमगढ़ (Azamgarh by-election) और रामपुर लोकसभा उपचुनाव (Rampur Lok Sabha by-election) के लिए अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। आजमगढ़ से भोजपुरी स्टार दिनेश लाल निरहुआ (Bhojpuri Star Dinesh Lal Nirahua) को फिर से मैदान में उतारा है। वहीं रामपुर से समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता आजम खान के बेहद करीबी रहे दिनेश सिंह लोधी (Dinesh Singh Lodhi) को टिकट दिया है।

दिनेश लाल निरहुआ 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के खिलाफ मैदान में उतरे थे। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अखिलेश ने उन्हें ढाई लाख से ज्यादा मतों से हराया था। वहीं, सपा के कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan) के गढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व समाजवादी पार्टी के नेता को मैदान में उतारकर बड़ा ओबीसी (OBC) दांव खेला है।

सपा-बसपा के हैं ये प्रत्याशी

आजमगढ़ (Azamgarh) में अखिलेश यादव ने दलित प्रत्याशी (SP Dalit Candidate) को मैदान में उतारा है। उन्होंने बलिहारी बाबू के बेटे सुशील आनंद (Sushil Anand) को अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि, मायावती ने मुस्लिम कार्ड खेला है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने शाह आलम (Shah Alam) उर्फ़ गुड्डू जमाली को टिकट दिया है। रामपुर में बसपा की ओर से प्रत्याशी नहीं उतारे जाने की खबर है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अभी तक कोई उम्मीदवार भी घोषित नहीं किया है। रामपुर में सपा की ओर से आजम खान के परिवार से कोई चुनाव लड़ सकता है। आज़म की बहू के बारे में चर्चाएं हैं।

कौन हैं दिनेश लाल निरहुआ?

बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल निरहुआ भोजपुरी स्टार हैं। वो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। आलाकमान ने उन्हें आजमगढ़ से अपना प्रत्याशी घोषित किया था। निरहुआ का पूर्वांचल, बिहार में खासा जलवा है। इसी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने आजमगढ़ में अखिलेश यादव के खिलाफ उन्हें मैदान में उतारा था। पार्टी ने अब उपचुनाव में भी उन्हीं पर भरोसा जताया है। साल 2019 के चुनाव में अखिलेश यादव को कुल 6 लाख 21 हजार 578 और निरहुआ को 3 लाख 61 हजार 704 वोट मिले। इस तरह दिनेश लाल यादव निरहुआ को अखिलेश यादव ने 2 लाख 59 हजार 874 मतों से हराया था।

घनश्याम सिंह लोधी कौन हैं?

घनश्याम लोधी यूपी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने सपा पर दलितों, पिछड़ों के की उपेक्षा का आरोप लगाया था। घनश्याम लोधी दो बार एमएलसी रह चुके हैं। उन्हें सपा में आजम खान के बेहद करीबी माना जाता था। जब उन्हें सपा ने एमएलसी प्रत्याशी बनाया था तो उनका पर्चा हेलिकॉप्टर से भेजा गया था। इससे पार्टी में उनके रसूख की खूब चर्चा हुई थी। दो बार एमएलसी रह चुके घनश्याम लोधी को सबसे पहले समाजवादी पार्टी के समर्थन से कल्याण सिंह की राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के टिकट पर रामपुर-बरेली स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र से 2004 में एमएलसी बने थे। इसके बाद इसी क्षेत्र से 2016 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर एमएलसी बने। अब बीजेपी ने उन्हें रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव चला है।



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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