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UP Election 2022: 9 जनवरी को अखिलेश के गढ़ में हुंकार भरेंगे ओवैसी, क्या सपा को होगा नुकसान?

2014 में यहां मुलायम सिंह यादव और 2019 में अखिलेश यादव चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। ओवैसी की अखिलेश के गढ़ में यह पहली रैली होगी।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 7 Jan 2022 10:05 PM IST
UP Election 2022
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अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

UP Election 2022: यूपी चुनाव के लिए अपनी जमीन उपजाऊ करने में लगे एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) 9 जनवरी को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के गढ़ में हुंकार भरेंगे। ओवैसी की 9 तारीख को आजमगढ़ में रैली होगी। यह सपा प्रमुख अखिलेश यादव का संसदीय क्षेत्र है।

2014 में यहां मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और 2019 में अखिलेश यादव चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। ओवैसी की अखिलेश के गढ़ में यह पहली रैली होगी। इससे 6 महीने पहले वह आजमगढ़ सराय गए थे लेकिन कोई रैली नहीं की थी, अब 9 तारीख को मुबारकपुर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करने जा रहे हैं।

इस रैली के जरिए ओवैसी मुस्लिम मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की पुरजोर कोशिश करेंगे। आजमगढ़ जिले मुस्लिमों की संख्या काफ़ी है। यहां मुस्लिम-यादव (एमवाई) फैक्टर सपा को मजबूती देता है। उसी वोट बैंक पर ओवैसी की नजर है। आजमगढ़ में विधानसभा की 10 सीटें आती हैं और इसमें सेंधमारी की ओवासी की पूरी कोशिश है।

ओवैसी का यूपी चुनाव 2022 में पूरा फोकस मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर है। क्योंकि उत्तर प्रदेश में करीब 19% मुस्लिम मतदाता है। यह मतदाता अभी तक विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के वोटर माने जाते हैं। क्योंकि एमवाई फैक्टर के जरिए मुलायम से लेकर अखिलेश यादव तक सत्ता हासिल कर चुके हैं।

अब उसी मुस्लिम मतदाता को अपने पाले में लाने के लिए यूपी में डेरा डाल रखा है। ओवैसी पश्चिमी यूपी के साथ पूर्वांचल पर भी अपनी नजर गड़ाए हुए हैं। क्योंकि यहां भी अच्छी खासी मुस्लिमों की आबादी है। वह प्रदेश की उन्हीं सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए जा रहे हैं जहां अल्पसंख्यकों के वोट ज्यादा है।

पिछले दिनों उन्होंने पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद मंडल में अलग-अलग जगहों पर जनसभा की। मुरादाबाद मंडल का समीकरण आप इस तरह से समझिए कि 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां की 6 सीटों में बीजेपी का खाता नहीं खुला था। तीन सीट बहुजन समाज पार्टी और तीन समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी। यहां मुस्लिमों की अच्छी खासी तादाद है।

अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाद अब ओवैसी ने अपनी नजर आजमगढ़ पर गड़ाई है। यहां भी 10 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाता काफी मायने रखते हैं। यही वजह है कि 9 जनवरी को वह मुबारकपुर में एक बड़ी जनसभा करने जा रहे हैं। एआईएमआईएम के यूपी प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली भी आजमगढ़ के ही रहने वाले हैं और वह ओवैसी की रैली की तैयारियों में पूरी तरह से जुटे हुए हैं।

इससे पहले ओवैसी समाजवादी पार्टी से गठबंधन की फिराक में भी थे। उन्होंने कहा था कि बीजेपी, कांग्रेस को छोड़कर वह किसी से भी गठबंधन कर सकते हैं। ओमप्रकाश राजभर से उनकी बातचीत लगभग फाइनल भी हो चुकी थी लेकिन आखिरी मौके पर वह अखिलेश के साथ चले गए और ओवैसी अकेले छूट गए।

हालांकि अखिलेश यादव ने उन्हें भाव भी नहीं दिया था। वह अब यूपी की 100 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का दम भर रहे हैं। अखिलेश ने यह कहते हुए गठबंधन से इनकार कर दिया था कि उनके भड़काऊ भाषण से सीधे बीजेपी को फायदा होगा। शायद यही वजह है कि सपा से गठबंधन ना होने के बाद अब ओवैसी ने अखिलेश यादव और उनकी पार्टी पर आक्रामक हमले करने शुरू कर दिए हैं।

आज भी (शुक्रवार) को लखनऊ में हुई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने जहां बीजेपी पर हमले किए तो वहीं सपा, बसपा और कांग्रेस को अल्पसंख्यकों को सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था, वहीं कांग्रेस सपा बसपा ओवैसी को बीजेपी की बी टीम बताते हैं उनका कहना है कि ओवैसी जहां भी चुनाव लड़ते हैं उससे बीजेपी को फायदा होता है।



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Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

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