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Ballia: बलिया पहुंचे जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लिया जायजा

यूपी के बलिया में जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ने जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद कलेक्ट्रेट सभागार में प्रशासनिक व सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर बचाव व राहत कार्यों की समीक्षा की।

Rajiv Prasad
Report Rajiv PrasadPublished By Ashiki
Published on: 8 Aug 2021 3:23 PM GMT
Water Power Minister Mahendra Singh
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जलशक्ति मंत्री का हवाई दौरा

Ballia : यूपी के बलिया में जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ने जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद कलेक्ट्रेट सभागार में प्रशासनिक व सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर बचाव व राहत कार्यों की समीक्षा की। बाढ़ प्रभावित इलाकों में समय से राहत सामग्री, पका-पकाया भोजन के पैकेट, स्वच्छता, मानव व पशु सुरक्षा के लिए जरूरी दवाओं की उपलब्धा व दवा किट का वितरण आदि के सम्बन्ध में कड़े दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन की तैयारियों पर संतोष जताया और जिलाधिकारी के नेतृत्व की सराहना की।

मुख्यंत्री को सराहा

महेंद्र सिंह ने कहा कि बलिया को बाढ़ से बचाने के लिए सरकार ने कोई कमी नहीं छोड़ी। यहां के लिए जितने प्रस्ताव गए, सभी को स्वीकृत किया गया। सबसे अहम बात कि बचाव कार्य के लिए जो धनराशि अप्रैल में मिलती थी, उसे हमारे मुख्यमंत्री जी ने जनवरी में ही जिलों में भिजवा दिया, ताकि समय से कार्य पूरा करके खत्म भी किया जा सके। इसी का नतीजा रहा कि समय से सभी परियोजनाएं पूरी भी हो गयी।


जहां बिजली नहीं, वहां इमरजेंसी लाइट की व्यवस्था

समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि तैयारी में अब भी कोई कमी रह गयी है तो उसे तत्काल पूरा कर लें। जहां पानी आ गया है वहां तो तैनात रहें ही, जहां पानी आने वाला हो, वहां के लिए भी तैयारी पहले ही कर लें। अनुमन्य राहत सामग्री का वितरण युद्धस्तर पर हो। इसलिए जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री बनाकर तैयार कर लिया जाए। विस्थापित परिवार को पका पकाया फूड पैकेट दिया जाए। जरूरतमंदों को साड़ी व अन्य जरूरी कपड़े भी दे सकते हैं। इसमें सामाजिक सहयोग भी लें। शुद्ध पेयजल सबसे जरूरी सेवाओं में एक है, इसलिए आवश्यकता पड़े तो बड़े गैलन के माध्यम से उपलब्ध कराने का प्रयास करें। जलभराव वाले क्षेत्रों में बिजली काट दी जाती है, ऐसे में वहां प्रकाश व्यवस्था के लिए टॉर्च, मोमबत्ती, लालटेन, मिट्टी तेल, इमरजेंसी लाइट की व्यवस्था जरूर कर लें। टापू बने गांवों में जनरेटर के माध्यम से प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। हर गांव में एकाध बैट्री की व्यवस्था कर दें, ताकि लोग मोबाइल चार्ज कर सकें।

युद्धस्तर पर लगें कर्मचारी

उन्होंने सीडीओ को निर्देश दिया कि पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, निगरानी समिति व स्वच्छता समिति को आपस में समन्वय बनाकर गांव में बैठकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान कराने का प्रयास सुनिश्चित कराएं। बाढ़ प्रभावित हर गांव में एक-एक नोडल तैनात कर उनकी जवाबदेही तय कर दिया जाए। डीपीआरओ को निर्देश दिया कि स्वच्छता का विशेष ध्यान रखे , ताकि संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। इसके लिए युद्धस्तर पर फॉगिंग, छिड़काव, ब्लीचिंग कराते रहें। एडीएम से कहा कि कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित रहे और उस पर आने वाली सूचना पर तत्काल रिस्पांस मिले।


विधायक ने भी दी जानकारी

बैठक में बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि बैरिया क्षेत्र के 8 गांवों की करीब 25 से 30 आबादी प्रभावित है। लेकिन, सुदूर इलाकों में एक भुवालछपरा व नौरंगा के लोगों को कस्बों में आने के लिए दो घंटे नाव से आना पड़ता है। इसलिए वहां चिकित्सा के क्षेत्र में सुसज्जित व्यवस्था सबसे जरूरी है। क्षेत्र में सचल मेडिकल टीम भी रहे। विधायक ने बीएसटी बंधे के डेंजर जोन एनएच-31 पर रामगढ़ के पास रिस्की प्वाइंट को बताते हुए कहा कि अगर एनएच टूटा तो बड़ी तबाही होगी। इस पर जलशक्ति मंत्री ने बाढ़ खंड के एक्सईसन को पूरी ताकत लगाकर वहां अलर्ट रहने का निर्देश दिया। बेल्थरारोड विधायक धनन्जय कन्नौजिया ने कोईरी मुहान ताल को जल संरक्षण केंद्र के रूप में विकसित करने की मांग की। बैठक में जिलाधिकारी अदिति सिंह, एसपी डॉ. विपिन ताडा, सीडीओ प्रवीण वर्मा, एडीएम रामआसरे सहित सिंचाई व बाढ़ खंड के अभियंता मौजूद थे।

तटबंधों पर कैंप करें इंजीनियर

जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि पानी के बढ़ने की अभी भी सम्भावना है। इसलिए बाढ़ खंड के सभी इंजीनियर तटबंधों पर कैंप करें। तटबंधों पर लगातार भ्रमण कर संवेदनशील जगहों पर नजर रखें। डेंजर जोन जहां है वहां जनरेटर लगवाकर प्रकाश व्यवस्था कर निगरानी करें। जनप्रतिनिधियों से भी सम्पर्क बनाकर रहें और उनसे भी राय-मशविरा करते रहें।


मानव संग पशुओं की भी करनी है चिंता

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि बाढ़ की आपदा में मानव जाति संग पशुओं की भी उतनी ही चिंता करनी है। सीवीओ को निर्देश दिए कि पशुओं के लिए भी चारा, दवाई, टीकाकरण की व्यवस्था अत्यंत जरूरी है। सीएमओ से कहा कि सभी सीएचसी-पीएचसी पर स्टाफ तैनात रहे। हर बाढ़ चौकी पर स्वास्थ्य विभाग की टीम जरूरी दवाओं के साथ तैनात रहे। आवश्यक दवाओं से लैस किट तैयार रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल वितरण की जा सके। गर्भवती महिलाओं को क्या सावधानी बरतनी है, इसके लिए जागरूक किया जाए।

वायरलेस सेट के साथ सिपाही हर गांव में रहें

मंत्री श्री सिंह ने पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा से कहा कि बाढ़ के समय गांवों से सम्पर्क टूटने की आशंका रहती है। ऐसे में हर प्रभावित गांव में वायरलेस सेट के साथ सिपाही हर समय रहें। पुलिस जवान गांव में बैठकर एक दूसरे के सहयोग के प्रति जागरूक करेंगे तो वह और कारगर होगा। बचाव कार्य के लिए जिले में आए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, गोताखोर, नाव चालक आदि की सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाए। उन्हें समय से भोजन-पानी व अन्य संसाधन मिले।

114 करोड़ की 12 परियोजनाएं हुईं स्वीकृत

बलिया में समीक्षा बैठक के बाद जन प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि दो तरफ से नदियों से घिरा होने की वजह से बलिया हम सबके लिए संवेदनशील जनपद है। यहां बैरिया तहसील के 10 गांव व सदर तहसील के 5 गांव बाढ़ से प्रभावित है। यहां 34 बाढ़ चैकी स्थापित है। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के 25-25 व पीएसी के 15 जवान तैनात हैं। उनके पास नावें व स्टीमर भी है। इसके अलावा जिले में 190 बड़ी नावें उपलब्ध है। परिवारों को शिफ्ट करने व उनके लिए खाने पीने की पूरी व्यवस्था है। जनता के साथ प्रशासन पूरी तरह खड़ा है। उन्होंने कहा कि यहां के जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन ने जो प्रस्ताव दिया, सभी पर विचार करते हुए 114 करोड़ की 12 बड़ी परियोजनाएं स्वीकृत हुई। जनवरी में धन भेज दिया गया और इसी का नतीजा रहा कि मानसून से पहले परियोजनाएं पूरी हो गयी। मंत्री श्री सिंह ने बताया कि अधिक बारिश की वजह से राजस्थान के कोटा बैराज से 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे चंबल का जलस्तर 9 मीटर बढ़ा है। जाहिर सी बात है कि इसकी वजह से गंगा का भी जलस्तर बढ़ेगा।

Ashiki

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