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Basti News : नगर पंचायत नगर बाजार में हुआ विकास ठप, लोग हो रहे परेशान, प्रशासन बना मूक

Basti News : 6 माह पूर्व ग्राम पंचायत से नगर पंचायत होते ही विकास का पहिया थम गया। नगर बाजार विकास के लिए तरस रहा है।

Amril Lal
Report Amril LalPublished By Shraddha
Published on: 25 July 2021 1:37 AM GMT
नगर पंचायत नगर बाजार में हुआ विकास ठप
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नगर पंचायत नगर बाजार में हुआ विकास ठप

Basti News : 6 माह पूर्व ग्राम पंचायत से नगर पंचायत होते ही विकास का पहिया थम गया। नगर पंचायत (Nagar Panchayat) नगर बाजार विकास के लिए तरस रहा है। नालियों की सफाई न होने से गांव और मोहल्लों में बीमारी फैल रही है। वहीं नगर पंचायत नगर बाजार में सम्मिलित ग्राम पंचायत के मनरेगा (Manrega) के तहत मजदूरी करने वाले मजदूर (Labour)के सामने आर्थिक स्थिति का संकट उत्पन्न हो गया है।

इस संबंध में जिला अधिकारी बस्ती सौम्या अग्रवाल (DM Basti Soumya Agarwal) ने कहा, कि नए बने नगर पंचायत (Nagar Panchayat) क्षेत्र का विकास तेजी से कराया जाएगा। बस्ती जिले के नगर बाजार ग्राम पंचायत सहित 12 ग्राम पंचायत मिलकर नगर बाजार नगर पंचायत 6 माह पूर्व नगर पंचायत दर्जा मिला। लेकिन विकास के नाम पर कुछ भी नहीं हो रहा है जनता पूरी तरह परेशान है।


विकास का यह हाल है कि नालियां गंदे पानी से ओवरफ्लो हो गई। गंदगी की वजह से मोहल्लों में बीमारी फैल रही है। सड़कों पर पानी और जगह - जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है प्रशासनिक अमला पूरी तरह से मौन है। ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा मिलते ही नगर पंचायत नगर बाजार पहले से ही तैनात सफाई कर्मियों को ब्लॉक मुख्यालय से संबद्ध कर दिए जाने की वजह से नगर पंचायत सफाई का काम पूरी तरह ठप है।

मनरेगा मजदूर हो रहे परेशान


नगर पंचायत नगर बाजार है जिसे नगर पंचायत का दर्जा तो मिल गया, लेकिन यहां संसाधनों का पूरी तरह से अभाव है। बभनान नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी रमेश गुप्ता को नगर बाजार नगर पंचायत का चार्ज दे दिया गया है, लेकिन उनके बारे में नगर पंचायत में निवास करने वाले ग्रामीणों को जानकारी ही नहीं है।

वहीं नगर पंचायत नगर बाजार के क्षेत्रवासियों ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि हम लोगों का विकास होगा नगर पंचायत का दर्जा मिलते ही शुद्ध पानी, सड़कों का विकास, बिजली 24 घंटे मिलेगी गांव की नालियां सफाई होगी लेकिन ऐसा कुछ भी यहां नहीं हो रहा है।

मनरेगा मजदूरों के सामने आर्थिक संकट

वहीं नगर पंचायत का दर्जा मिलते ही लगभग 3500 मनरेगा मजदूरों की रोजी-रोटी का संकट भी उत्पन्न हो गया है, जिसमें से लगभग 27 प्रतिशत महिला मनरेगा मजदूर हैं। मनरेगा के तहत मजदूरी करने वाले मजदूरों ने सीधा आरोप लगाया कि हम लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया नगर पंचायत बनने से अब हम लोगों को नरेगा के तहत काम कहां मिलेगा यह सवाल खड़ा हो रहा है।


ग्रामीणों ने खुद साफ़ की नालियां


ग्रामीणों ने स्वयं नालियों की सफाई की

बारिश की वजह से मिट्टी और गंदगी से नालियां जगह-जगह भठ हो गई। पानी नालियों के ऊपर से होकर सड़कों पर बह रहा है। क्योंकि नगर पंचायत होते ही यहां पर कार्यरत सभी सफाई कर्मियों को ब्लॉक मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया जिसकी वजह से जगह - जगह गंदगी तथा जल निकासी की समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं।

नगर पंचायत नगर बाजार के कुछ जगहों पर समाजसेवी रामकृपाल यादव और ग्रामीणों के सहयोग से नालियों की सफाई करवाई जा रही है। जिससे ग्रामीणों का जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों के खिलाफ रोष देखा जा रहा है। जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कहा कि अन्य विभागों से बाहर से बुलाकर विकास का कार्य कराया जाएगा और नगर पंचायत नए बने हैं वहां विकास तेजी से करवाया जाएगा। मनरेगा मजदूरों को अन ग्राम पंचायतों के द्वारा काम लिया जाएगा।

Shraddha

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