Basti Accident News: जिंदगी मौत का सफर बन रही है यहां, गुजरने से पहले हो जाएं सावधान

Basti Accident News: सर्दी के मौसम में बस्ती एनएच-28 पर रफ्तार संग साल-दर-साल हादसों की संख्या में इजाफा हो रहा है। आंकड़ों को आप देख कर आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि एक्सीडेंट का किस तेजी के साथ ग्राफ बढ़ता जा रहा है।

Amril Lal
Report Amril LalPublished By Deepak Kumar
Published on: 25 Nov 2021 4:47 AM GMT
Basti Accident News: जिंदगी मौत का सफर बन रही है यहां, गुजरने से पहले हो जाएं सावधान
X

जिंदगी मौत का सफर बन रही है यहां, गुजरने से पहले हो जाएं सावधान। 

Basti Accident News: सर्दी के मौसम में सबसे ज्यादा मार्ग दुर्घटनाएं होती हैं, बस्ती एनएच-28 (Basti NH-28) पर रफतार संग साल-दर-साल हादसों की संख्या में इजाफा हो रहा है, हर साल हादसों में मरने वालों की संख्या का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। बहुत से लोग मार्ग दुर्घटनाओं में जान गवां रहे है और बहुत से अपंग भी हो रहे हैं। जगह-जगह अवैध कट्स और यातायात नियम का पालन न होने की वजह से एक्सीडेंट का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। इसे रोकने के लिए व्यापक स्तर पर पहल होनी चाहिए। पेश है एक रिपोर्ट:-

जिले में नेशनल हाइवे (National Highway) बनने से गाड़ियों की रफतार तो बढ़ी, लेकिन सड़क सुरक्षा के व्यापक इंजेजाम न होने से हादसों की संख्या में साल-दर साल इजाफा होता जा रहा है, पिछले 5 सालों में हादसों में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिले के 80 किलो मीटर हाइवे पर 13 डेंजर प्वाइंट (Accident Point) चिन्हित किए गए हैं। जहां पर सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं। हादसों में मरने व घायल होने की बात की जाए तो 2018 में 382 हादसे हुए, जिसमें 261 की मौत और 249 लोग घायल हुए, 2019 में 388 हादसे हुए जिसमें 245 की मौत और 240 घायल हुए, 2020 में 288 हादसे हुए जिसमें 245 की मौत और 175 घायल हुए।


आंकड़ों को आप देख कर आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि एक्सीडेंट का किस तेजी के साथ ग्राफ बढ़ता जा रहा है, हादसों में ज्यादातर मरने वालों की उम्र 25 से 40 वर्ष के बीच है। जब कोई बड़ा हादसा होता है तो प्रशासन स्तर से पुलिस, आरटीओ और एनएचआई को निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन कुछ समय बीतने के बाद फिर वही पुराना सिस्टम शुरू हो जाता है। सर्दी के मौसम में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती है, हाइवे पर खड़े वाहन और फाग की वजह से आए दिन दुर्घनाएं सामने आती हैं। दुर्घनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा कोई ठास कदम नहीं उठाया जाता, जिसकी वजह से साल-दर-साल आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।

हाइवे पर एक्सीडेंट (Accident On Highway) सबसे बड़ी वजहे अवैध कट्स हैं, पेट्रोल पम्प और ढ़ाबों के सामने हाइवे के डिवाइडर को काट कर रास्ता बना दिया गया है, जिसकी वजह हाइवे को क्रास करते समय हादसा हो जाता है, अवैध रूप से रास्ता बनाने वालों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस के अलावा हाइवे पर पेट्रोल पम्प और ढाबों के सामने सड़क पर ही गाड़ियों को पार्किंग करने की वजह से भी अक्सर एक्सीडेंट हो जाता है।

वहीं मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आईजी राजेश मोदक (IG Rajesh Modak) ने पहल की है। आईजी का कहना है की जब ठंढ़ के मौसम में जब कोहरा पड़ने लगता है तो सबसे ज्यादा एक्सीडेंट के मामले सामने आते हैं, इस की सबसे बड़ी वजह है प्रापर लाइट न होना, अंधाकृत कट्स, प्रापर जेबरा नार्किंग न होना, प्रापर एंडीकेटर न होना एक्सीडेंट की मूलभूत वजहें है, आईजी रेंज राजेश मोदक (IG Rajesh Modak) ने कहा की तीनों जनपदों के एसपी को निर्देश दिया गया है की एक्सीडेंट के जो ब्लैक प्वाइंट हैं उन को चिंहित करें, एएसपी (ASP) और सीओ (CO) स्तर के अधिकारियों को लगाया जाए ताकि एक्सीडेंट की संख्या को कम किया जा सके, जो ब्लैक प्वाइंट है उन को चिंहित कर एक्सीडेंट के कारणों का पता लगाया जाए जिन वजहों से ज्यादा एक्सीडेंट हो रहे हैं उन को सर्दी में फाग शुरू होने से पहले दुरूस्त कर लिया जाए।


आईजी (IG Rajesh Modak) ने साथ ही तीनों जनपदों के एसपी को यह भी निर्देश दिया है की ऐसे ढाबों और पेट्रोल पम्प को चिंहित किया जाए जहां पर पार्किंग की प्रापर व्यवस्था नहीं है वहां पर हैवी गाडियों को सड़क पर पार्क कर दिया जाता है, जिसकी वजह से कोहरे में एक्सीडेंट हो जाता है, आईजी ने कहा की नवम्बर में यातायात माह भी चल रहा है लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है, ताकि जब लोग सड़कों पर चलें तो यातायात नियमों का पालन करें।

जिस तरह से नेशनल हाइवे (National Highway) पर साल दर साल हादसों में मरने और घायलों की संख्या बढ़ती जा रही है उस को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा के लिए व्यापक स्तर पर पहल होनी चाहिए, आम लोगों को भी यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

Next Story