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Basti News : चीनी मिल की चिमनी पर चढ़े नाराज किसान, मांगें न मानने पर कूदने की दे रहे धमकी

Basti News : बस्ती जिले के वाल्टरगंज चीनी मिल द्वारा कर्मचारियों का वेतन और किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान 4 साल से प्रदेश सरकार भुगतान नहीं करा पाई है।

Amril Lal
Report Amril LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 5 Oct 2021 12:33 PM GMT
Basti News : चीनी मिल की चिमनी पर चढ़े नाराज किसान, मांगें न मानने पर कूदने की दे रहे धमकी
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Basti News : वाल्टरगंज चीनी मिल द्वारा गन्ना किसानों और चीनी मिल कर्मचारियों का भुगतान ना किये जाने से नाराज किसान और कर्मचारी चीनी मिल की चिमनी पर चढ़ गए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को धमकी दी है कि जब तक भुगतान नहीं होगा ,तब तक यहां से उतरेंगे नहीं, चिमनी से कूदने की भी धमकी दे रहे हैं। घटनास्थल पर भारी पुलिस बल, बस्ती सदर तहसीलदार मौजूद हैं। वह कर्मचारियों और गन्ना किसानों को चीनी मिल की चिमनी से उतारने का प्रयास कर रहे हैं।

बस्ती जिले के वाल्टरगंज चीनी मिल द्वारा कर्मचारियों का वेतन और किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान 4 साल से प्रदेश सरकार भुगतान नहीं करा पाई है, जबकि चीनी मिल बंद चल रही है।

भुखमरी की कगार पर कर्मचारी

आपको बता दें वाल्टरगंज चीनी मिल 2018 में बंद हुई थी। लगभग 4 साल बीत गए लेकिन जिला प्रशासन गन्ना किसानों का 42 करोड़ और कर्मचारियों का 11 करोड़ बकाया का भुगतान नहीं हो पाया। इससे किसान तो परेशान हैं ही साथ ही चीनी मिल में काम करने वाले लगभग 400 कर्मचारी भी परेशान हैं जिनका भुगतान नहीं हुआ है।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि, चीनी मिल बंद होने के कारण 400 कर्मचारी जो चीनी मिल में काम कर रहे थे, आज भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं, पूरा परिवार टूट चुका है, आर्थिक संकट झेल रहा है, जिससे बच्चों की ना तो पढ़ाई हो पा रही है, न घर में बीमार का सही इलाज हो पा रहा है।

वाल्टरगंज चीनी मिल के कर्मचारी अभिमन्यु पांडे हाल ही में वेतन ना मिलने से अपना इलाज नहीं करवा पाए उनकी मौत हो गई, लेकिन चीनी मिल प्रबंधक बजाज ग्रुप का है ,बजाज ग्रुप द्वारा अभिमन्यु पांडे को आश्वासन दिया गया था कि उनके परिवार को वेतन दिया जाएगा लेकिन कुछ भी नहीं मिला।

वहीं किसानों का 42 करोड़ बकाया है ,लेकिन भुगतान ना होने के कारण किसानों के सामने बहुत बड़ी समस्या आ गई है, ना तो बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं, नाही घर में लड़कियों की शादी कर पा रहे हैं, अगर कोई बीमार हो गया पैसे के अभाव में इलाज नहीं हो पा रहा।

कार्यरत कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं

ऐसे स्थित में जहां प्रदेश सरकार गन्ना मूल्य का 15 दिन के अंदर भुगतान करने का दावा करती है ,किसानों का पैसा फंसा हुआ है। क्योंकि भाजपा सरकार के समय में ही यह चीनी मिल 2018 में बंद हुई ,इसके बाद इस चीनी मिल में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं हुआ है।

किसानों ने सीधा आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार और चीनी मिल प्रबंधक की सांठगांठ से गन्ना किसानों का भुगतान नहीं हो रहा है। इसका जवाब हम लोग आने वाले चुनाव में देंगे। कर्मचारियों ने भी सीधा आरोप लगाया कि लगभग 4 साल से हम लोगों का ₹12 करोड़ वेतन बाकी है, लेकिन चीनी मिल प्रबंधक की लापरवाही की वजह से भुगतान नहीं हो पा रहा है। कई बार जिले के आला अधिकारी सांसद विधायक को प्रार्थना पत्र दिए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

किसान ने सीधा आरोप लगाया कि 2017 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पॉलिटेक्निक कॉलेज में आए थे और उन्होंने वादा किया था, कि चीनी मिल बंद नहीं होगी और गन्ना किसानों का भुगतान होगा अगर मेरी सरकार प्रदेश में बनी। सरकार बनते ही दो हजार अट्ठारह में वाल्टरगंज चीनी मिल को बंद कर दिया गया।

चीनी मिल प्रबंधक द्वारा किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया गया। जिससे प्रदेश सरकार के खिलाफ किसानों में काफी नाराजगी है। आगामी विधानसभा चुनाव में अगर किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हुआ तो ,भाजपा को नुकसान झेलना पड़ सकता है।

सतीश चौधरी कर्मचारी, मनीराम मौर्या किसान चीनी मिल की चिमनी पर चढ़कर और एक डब्बे में डीजल लेकर जिला प्रशासन को धमकी दे रहे हैं, अगर तत्काल किसानों का भुगतान और कर्मचारियों का वेतन बकाया भुगतान नहीं किया गया तो, यहीं से आग लगाकर चिमनी पर से कूद कर अपनी जान दे देंगे। फिलहाल वाल्टरगंज चीनी मिल परिसर में एसडीएम सहित भारी पुलिस बल किसानों और कर्मचारियों को मनाने में लगा हुआ है ।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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