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UP Election 2022: कालीन के लिए मशहूर भदोही विधानसभा सीट पर क्या बीजेपी दोहरा पाएगी इतिहास, देखिए क्या है सियासी समीकरण
UP Election 2022: देश के सबसे बड़े प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों की तैयारी जोरों पर है। राजनीतिक औऱ सामाजिक आंदोलनों के गढ़ रहे उत्तर प्रदेश में कई ऐसी सीटें हैं, जिनका अपना महत्व है। इन्हीं सीटों में शुमार है भदोही जिले का और औराई सुरक्षित सीट।
UP Election 2022: देश के सबसे बड़े प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) को लेकर सियासी दलों की तैयारी जोरों पर है। राजनीतिक औऱ सामाजिक आंदोलनों के गढ़ रहे उत्तर प्रदेश में कई ऐसी सीटें हैं, जिनका अपना महत्व है। इन्हीं सीटों में शुमार है भदोही जिले का और औराई सुरक्षित सीट। कहते हैं कालीन भदोही जिले में सबसे पहले यहीं से बननी शुरू हुई थी। आज इस विधानसभा में कई बड़ी कालीन निर्यातक कंपनियां हैं। जो यहां के मशहूर कालीन को दुनिया के दूसरे हिस्सों तक पहुंचाते हैं। वाराणसी औऱ मिर्जापुर से सटे इस विधानसभा क्षेत्र पर प्रदेश के तकरीबन सभी पार्टियों ने चुनाव जीता है। आइए एक नजर डालते हैं इस सीट के सियासी इतिहास पर।
औराई सुरक्षित सीट (Aurai Assembly)
सन् 1967 में अस्तित्व में आई औऱाई विधानसभा (Aurai Assembly) 2007 तक सामान्य रह। इस सीट से दो बार बीजेपी (BJP) के रंगनाथ मिश्रा चुनाव जीतने में सफल रहे। इस दौरान वो राज्य सरकार (State Government) के कई अहम महकमों के मंत्री भी रहे। लेकिन 2002 में उन्हें बाहुबली उदयभान सिंह के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। मिश्र जैसे चेहरे के लिए ये एक बड़ा झटका था क्योंकि उदयभान ने जेल से ही उन्हें चुनाव हरा दिया था। 2007 में रंगनाथ मिश्रा पाला बदलकर बहनजी के साथ हो लिए और चुनाव में एकबार फिर बसपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचने में सफल रहे। इस दौरान वो मंत्री भी बने। इसके बाद सीट सुरक्षित हो गई। 2012 के विधानसभा चुनाव (2012 Assembly Election) में सपा के टिकट पर मधुबाला पासी इस सीट से जीतकर विधानसभा पहुंची। किंतु 2017 के विधानसभा चुनाव में दिनानाथ भास्कर बीजेपी के टिकट पर इस सीट से जीत दर्ज करने में सफल रहे। उन्होंने सपा उम्मीदवार मधुबाला पासी को लगभग 20 हजार के मतों से हराया।
जातीय समीकरण
इस सीट पर 3 लाख 63 हजार 119 वोटर हैं। जिसमे दो लाख से अधिक महिला और डेढ़ लाख से अधिक महिला मतदाताओं की संख्या बतायी जाती है। एक अनुमान के अनुसार, इस सीट पर ब्राह्मण लगभग 80 हजार, ठाकुर 15 हजार, दलित 70 हजार, मुस्लिम 35 हजार, वैश्य 20 हजार, यादव लगभग 30 हजार, मौर्य 15 हजार के अलावा अन्य मतदाताओं में पाल, विश्वकर्मा, बिंद, पटेल, कुम्हार सहित अन्य जातियों के मतदाता हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल सात चरणों में मतदान होने जा रहा है। जिसके परिणाम 10 मार्च को आएंगे। ऐसे में य़े चुनाव परिणाम ही बताएंगे कि कालीन के लिए मशहूर इस सीट किसके झोली में जाता है। बीजेपी अपना पिछला परिणाम दोहराती है या सपा फिर बीजेपी से ये सीट छिनने में कामयाब होती है। 403 सदस्यों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में पिछली बार बीजेपी ने विराट जीत दर्ज करते हुए तीन सौ से अधिक सीटें जींती थी। वहीं 2012 में पूर्ण बहुमत पानी वाली सपा (SP) को करारी हार का मुंह देखना पड़ा था ।
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