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Chandauli Crime News: जमीन विवाद में महिला को जलाकर मारने वाले जेठ-जेठानी को आजीवन कारावास

Chandauli Crime News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद के अपर सत्र न्यायाधीश ने एक महिला के मौत के मामले में उसके जेठ व जेठानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 20-20 हजार का अर्थदंड लगाया है।

Ashvini Mishra
Report Ashvini MishraPublished By Shreya
Published on: 18 Sep 2021 6:54 AM GMT (Updated on: 18 Sep 2021 7:24 AM GMT)
Chandauli Crime News: अपर सत्र न्यायाधीश के न्याय से पीड़ितों में खुशी, मौत के मामले में जेठ व जेठानी को दी कठोर सजा
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सांकेतिक फोटो- न्यूजट्रैक

Chandauli Crime News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद के अपर सत्र न्यायाधीश ने एक महिला के मौत के मामले में उसके जेठ व जेठानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 20-20 हजार का अर्थदंड लगाया है। कम समय में इस मुकदमे में फैसला आने से जहां वादकारियों में खुशी है, वहीं लोगों का अब न्यायालय पर विश्वास बढ़ता जा रहा है।

आपको बता दें कि चंदौली जनपद के अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजय त्रिपाठी (Sanjay Tripathi) द्वारा सकलडीहा ब्लाक के सराय पकवान गांव के निवासी राजेंद्र शंकर मिश्रा के द्वारा बाबुरी थाने में लेवा गांव के निवासी विजय कुमार तिवारी तथा पत्नी सुधा तिवारी के खिलाफ हत्या का मुकदमा 25 अक्टूबर 2019 को दर्ज कराया गया था।

क्या है वादी का आरोप?

वादी ने आरोप लगाया कि उसकी पुत्री रेनू तिवारी की शादी लेवा गांव के विनय कुमार तिवारी से हुई थी, जहां जमीन के बंटवारे को लेकर हुए विवाद में उसके जेठ और जेठानी द्वारा पहले भी मारपीट कर घायल किया गया था। घटना के दिन 25 अक्टूबर, 2019 को आरोप है कि रेनू तिवारी अपने बच्चों के साथ दिए गए कमरे में थी उसी दौरान उसके भसुर विजय तिवारी और उनकी पत्नी सुधा तिवारी ने घर से रेनू को निकालने का प्रयास किया जिस पर पीड़िता ने कहा कि मेरे पति विनय तिवारी आएंगे तब मैं निकलूंगी।

उसी दौरान दोनों द्वारा रेनू तिवारी के साथ मारपीट कर मिट्टी के तेल से आग लगा देने का आरोप लगाया गया है। जिससे रेनू 70% जल गई। रेनू को घायल अवस्था में इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी वाराणसी के पॉपुलर हॉस्पिटल में 1 नवंबर 2019 को सुबह मौत हो गई। घटना के बाद रेनू के पिता राजेंद्र शंकर मिश्रा द्वारा बाबुरी थाने में विजय तिवारी, पत्नी सुधा तिवारी, सूरज तिवारी और उसकी पत्नी तथा अभिषेक तिवारी व उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। लेकिन मृतिका रेनू तिवारी ने घायलावस्था में मजिस्ट्रेट को बयान दिया था कि उसको मारने में विजय तिवारी तथा उसकी पत्नी सुधा तिवारी का ही हाथ रहा है, जिससे बाकी अभियुक्तों को विवेचना के दौरान घटना से अलग कर दिया गया।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कोर्ट ने सुनाई कठोर सजा

वहीं, इस मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने दलील भी दिया था कि आरोपियों को सजा में ढिलाई दी जाए, क्योंकि उनके बाद नवजात बच्चे हैं लेकिन अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजय त्रिपाठी ने इस मामले को जघन्य हत्या करार देते हुए पैरवी कर इसमें नियमानुसार सजा के लिए वादियों का पक्ष रखा। जिस पर न्यायाधीश ने घटना के आरोपी विजय कुमार तिवारी और पत्नी सुधा तिवारी को आजीवन कारावास देते हुए 20-20 हजार का अर्थदंड लगाया है और अर्थदंड जमा नहीं करने पर एक-एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की की भी सजा सुनाई है।

अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा कम समय में पीड़ितों के साथ न्याय करते हुए सजा सुनाने से लोगों में खुशी का माहौल है। निश्चित ही ऐसे जघन्य हत्या करने वालों के लिए एक सबक है, ताकि तत्काल किए की सजा उन्हें मिल रही है, जिससे समाज में अच्छा संदेश जाएगा और बढ़ते हुए अपराध पर अंकुश लग सकेगा।

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Shreya

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