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चंदौली का हिनौता घाट कांडः नक्सली हमले के 40 नामजद साक्ष्य के अभाव में बरी, विस्फोट में हुई थी 15 पुलिसकर्मियों की मौत

चंदौली का हिनौता घाट कांडः मामले में पैरवी करने वाले अधिवक्ता राकेश रत्न तिवारी, अधिवक्ता राहुल सिंह और अधिवक्ता गौरव ने कहा कि मामले में कुल लगभग 40 अभियुक्त छोड़े गए हैं। 17 साल बाद न्याय मिला है।

Ashvini Mishra
Published on: 16 Nov 2021 10:43 PM IST
Hinauta Ghat incident: 40 accused of Naxalite attack acquitted due to lack of evidence, 15 policemen were killed in the blast
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चंदौली: हिनौता घाट कांड के 40 अभियुक्त छोड़े 

Chandauli Crime News: चंदौली जिले (Chandauli District) के नक्सल प्रभावित नौगढ़ इलाके (Naxal affected Naugarh area) के हिनौता घाट कांड (Hinauta Ghat incident) के सभी आरोपियों को अपर जिला जज प्रथम की कोर्ट से बरी कर दिया गया है। सुनवाई के बाद अपर जिला जज ने मामले में कुल 40 अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। आरोपियों के अधिवक्ता राकेश रत्न तिवारी, अधिवक्ता राहुल सिंह और अधिवक्ता गौरव ने आरोपियों के पक्ष से पैरवी करते हुए इनको बरी कराने में मदद की है।

मामले में पैरवी करने वाले अधिवक्ता राकेश रत्न तिवारी, अधिवक्ता राहुल सिंह और अधिवक्ता गौरव ने कहा कि मामले में कुल लगभग 40 अभियुक्त छोड़े गए हैं। 17 साल बाद न्याय मिला है।

इनको निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया गया

बताया जा रहा है कि नौगढ़ में हुए इस हत्याकांड के बाद मुकदमा अपराध संख्या 51/2004 के मामले में इनको निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया गया है। दोष मुक्त करते हुए अपर जिला जज की कोर्ट ने अभियुक्त परमेश्वर कोल, अनूप कुमार, बहादुर, गुलाब, लालचंद, राम निहोर, मकसूदन, सुरेंद्र यादव, मुन्ना, छोटू, श्याम सुंदर, मूसा और अजीत उर्फ सलीम, विजयमल, राजेंद्र, रमई पाल, कलियर, मोहम्मद ईसा, भोला पाल, करीमन उर्फ बिहारी, मनोहर, राजू गौड़, नंदू, राधेश्याम, मुन्ना विश्वकर्मा, राम सजीवन कुशवाहा, सूरजमल, नंदलाल, राजकुमार, अशोक कुमार, मुन्नू पाल, बाबूलाल, हरिशंकर, लालब्रत, छोटेलाल, सनी उर्फ सुदामा, आनंदी सिंह सहित अन्य लोगों को मुकदमा अपराध संख्या 51/2004 के अंतर्गत दर्ज किए गए धारा 307, 396, 333, 412 भारतीय दंड संहिता और धारा 3/4 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम तथा धारा 3 व 5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के आरोप में दोषमुक्त कर दिया है।

दो वन कर्मियों व दरोगा को मौत के घाट उतार दिया था

18 नंवबर 2004 को नक्सलियों ने मझगांई वन चौकी (Mazagai Forest Outpost) पर हमला कर दो वन कर्मियों व दरोगा को मौत के घाट उतार दिया था। नक्सलियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए शासन ने यहां पीएसी के जवानों की अतिरिक्त तैनाती करते हुए काम्बिंग तेज करा दिया था। इसके जवाब में बेखौफ हो चुके नक्सलियों ने सुरक्षा बलों (security forces) पर जवाबी हमले की योजना बनाई।

आनन-फानन में सोची समझी रणनीति के तहत नक्सलियों ने पलटवार करते हुए हिनौत घाट गांव के पास की पुलिया को अपना निशाना बनाते हुए पीएसी के ट्रक को उड़ा दिया था। इसके चलते मौके पर 15 जवानों को अपनी जान की कीमत चुकानी पड़ी थी, बाद में घायल जवानों ने भी दम तोड़ा था।

लैंडमाइन्स बिछाकर पीएसी के एक ट्रक उड़ा दिए थे

बताया जा रहा है कि 20 नवंबर 2004 की अल-सुबह संगठित नक्सली गिरोह ने नौगढ़ थाना क्षेत्र के हिनौत घाट गांव के पास लैंडमाइन्स बिछाकर पीएसी के एक ट्रक के परखचे उड़ा दिए थे। इसमें पीएसी के 14 व पुलिस के एक जवान मौके पर ही शहीद हो गए थे।

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Shashi kant gautam

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