Chandauli Flood News: चंदौली में बाढ़ का कहर, कई गांव बने टापू, पलायन को मजबूर हुए ग्रामीण

Chandauli Flood News: गंगा के तटवर्ती इलाकों के लेखपालों को 24 घंटे ड्यूटी देने तथा लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए लगाया गया है।

Ashvini Mishra
Written By Ashvini MishraPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 9 Aug 2021 2:44 AM GMT
Flood News
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घर बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं लोग pic(social media)

Chandauli Flood News: हर बार की तरह उस साल भी यूपी के जिलों में बाढ़ तबाही मचा रहा है। बाढ़ के चलते लोग अपना घरबार छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं। प्रशासन भी लोगों को राहत देने में जुट गया है। चंदौली जनपद के गंगा के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ विकराल रूप धारण कर रहा है। और यहां के लोग पलायन कर रहे हैं।

चंदौली जनपद के गंगा के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की विभीषिका अपना रंग दिखाने लगी है। गंगा अपने कछारी क्षेत्र को लांघते हुए गांव में घुसने लगी है। जिससे लोगों की मुसीबतें दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जहां कई शमशान घाट पानी में विलीन हो गए हैं। वहीं अब तटवर्ती इलाके के मंदिर भी पानी से लबालब होने लगे हैं। जिससे नित्य प्रतिदिन बजने वाले घंटा घड़ियाल की आवाज बंद हो गई है। मंदिर में पूजा पाठ का क्रम पानी भरने के कारण बंद हो गया है। लोग अपने को सुरक्षित बचाने के लिए ऊंचे स्थान पर जाने लगे हैं।

जलमग्न हुए कई गांव pic(social media)

प्रशासन मुस्तैद

बता दें कि बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा सकलडीहा तहसील के चहनिया एवं धानापुर ब्लाक के दर्जनों गांव केे लोग मुसीबत में पड़े हैं। बाढ़ के कारण हसनपुर तिरगवा, टांडा, सोनबरसा, मरुखपुर, नादि निधौरा, बूढ़ेपुर, महुअरा, कावर, महुआरी, नौघरा, नरौली सहित दर्जनों गांव में कटान होने लगा है। जिससे लोगों की जोती जमीन व रिहायसी इलाके गंगा में विलीन हो रहे हैं। बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन भी तैयारी में लगा हुआ है।

गंगा के तटवर्ती इलाकों के लेखपालों को 24 घंटे ड्यूटी देने तथा लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए लगाया गया है। हालांकि बाढ़ का पानी धीरे-धीरे बढ़ रहा है और रविवार से स्थानीय जनपद में भी बारिश चालू हो गई है। जिससे लोगों को दूनी मुसीबत की मार झेलनी पड़ रही है। बाढ़ का पानी बढ़ने से जीव जंतुओं का भी खतरा बढ़ गया है। लोगों को उनसे सुरक्षित रहने के लिए नींद हराम हो गई है। इसी तरह गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा तो, तटवर्ती इलाके के दर्जनों गांव से लोगों को पलायन कर भागना पड़ेगा। जिससे फसल सहित जान माल का नुकसान भी होगा।

2016 में बाढ़ ने मचाई थी तबाही

लोगों को बीते 2016 के बाढ़ की पुनरावृति की आशा होने लगी है। उस बाढ़ में कई गांव चारों तरफ से घिर गए थे। जिससे आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया था। नाव केेे सहारे लोग आवागमन कर रहे थे। उस समय बाढ के दौरान भीषण तबाही हुई थी। जहां लोगों के खाने-पीने के सामान सहित घर बर्बाद हो गए थे। वहीं पशुओं के चारा के लिए भी बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। उस बाढ़ की याद आने पर लोगों के जेहन में भय व्याप्त हो जाता है। अगर गंगा में इसी तरह बढ़ाव रहा तो दो-तीन दिनों मे वही बाढ़ स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

बाढ़ की सूचना के बाद भावी जनप्रतिनिधियों का भी चहलकदमी बढ़ गया है। जहां सैदराजाा विधानसभा के भाजपा विधायक सुशील सिंह लोगों की मदद के प्रशासन क साथ तैयार है। वहीं समाजवादी पार्टी के सैैयदराजा पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्ल्यू भी बाढ़ पर नजर बनाए हुए हैं।

Pallavi Srivastava

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