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Chandauli News: आशा वर्कर निजी अस्पतालों से मोटा रकम लेकर गरीबों को कराती हैं भर्ती

आशा कार्यकर्ता पैसा लेकर रोगियों को निजी अस्पतालों में भेजते हैं हीं सरकारी अस्पतालों में सुविधा होने के बावजूद भर्ती नहीं होने देते..

Ashvini Mishra
Report Ashvini MishraPublished By Deepak Raj
Published on: 14 Aug 2021 10:29 PM IST
Symbolic picture taken from social media
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प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स-सोशल मीडिया)

Chandauli News: चंदौली जनपद में निजी हॉस्पिटल एवं सरकार की तरफ से नियुक्त आशा बहुओं द्वारा आम गरीब मरीजों के दोहन के साथ उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया जाता है। जनपद में कुल 1926 आशा बहुओं की नियुक्ति है। सूत्रों की माने तो आशा बहुओं की सेटिंग झोलाछाप फर्जी नर्सिंग होम के साथ है और वह गांव से भोले भाले मरीजों को पकड़कर सेटिंग वाले हॉस्पिटल में ले जाती है। जहां जांच से लेकर उपचार पर मोटी रकम दी जाती है। कुछ निजी हॉस्पिटलों द्वारा आशाओं को मासिक वेतन भी दिया जाता है।


प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स-सोशल मीडिया)


इस तरह का खुलासा निजी हास्पिटल के कर्मचारियों ने नाम नही बताने पर किया। जनपद में संचालित निजी हास्पिटल के स्टाफ द्वारा सीधा सीधा बताया गया कि जनपद में ग्रामीण अंचल से लेकर शहरी अंचल तक सैकड़ों की संख्या में नर्सिंग होम चल रहे हैं, जिसको अधिकतर फर्जी डॉक्टर चलाते है और वही उपचार से लेकर ऑपरेशन तक करते हैं। ऐसे हॉस्पिटलों द्वारा आशा बहुओं की सेटिंग किया गया है कि वह मरीज को अपने गांव से लाएंगे तो उन्हें जांच आदि पर जहां कमीशन दिया जाएगा वहीं 5 से 7 हजार महीने पगार भी दिया जाता है।

आशा बहुओं के चलते निजी चिकित्सालय की दुकान चल रही है

आशा बहुओं के चलते निजी चिकित्सालय की दुकान चल रही है और फर्जी डॉक्टरों के यहां जाने पर गरीब मरीजों का दोहन भी होता है।उपचार के नाम पर जहां भारी-भरकम बिल बनाया जाता है वही उनकी जिंदगियों के साथ खिलवाड़ भी किया जाता है। जहाँ बिना रोग के रोग बताकर ऑपरेशन कर दिया जाता है। कई ऐसे फर्जी मामले पहले आ चुके हैं। सरकारी चिकित्सालय में गरीबों के उपचार एवं सहयोग के लिए आशा बहुओं की नियुक्ति की गई है।

आशा बहु खाती तो है सरकार की लेकिन काम निजी चिकित्सालयों का करती हैं। निजी चिकित्सालयों का यह धंधा स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से फल-फूल रहा है। जबकि कई बार पीड़ित मरीजों द्वारा आशा बहूओं की शिकायत हुई है, लेकिन उन पर कोई कठोर कार्यवाही नहीं हुआ है। जनपद में कुल 1926 आशा बहू नियुक्त है जो कि गांव के गरीबों के उपचार एवं प्रसव में सहयोग करेगी। इस खुलासे के बाद जहाँ विभाग में खलबली मची है वही इस संबंध में अभी कोई भी पीड़ित पक्ष सामने बोलने को तैयार नहीं है।

हालांकि इस संबंध में चंदौली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीपी द्विवेदी ने बताया है कि जहां भी आशाओं की संलिप्तता एवं निजी चिकित्सालयों की मिलीभगत का मामला प्रकाश में आया उसी समय तत्काल आशा बहुओं की सेवा की समाप्ति के साथ निजी चिकित्सालयों के रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिए जाएंगे। मैं मरीजों एवं पीड़ितों से अपील भी करता हूं कि आशा बहु जहां भी निजी चिकित्सालय में आपको भर्ती कराती हैं उसकी शिकायत मुझसे करें और मैं इस पर तत्काल एक्शन लूंगा।



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Deepak Raj

Deepak Raj

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