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Deoria : यूक्रेन में फंसा एमबीबीएस का छात्र, डरे परिवार के लोगों ने की सकुशल वतन वापसी की मांग
रूस यूक्रेन के बीच आज सुबह युद्ध शुरू हो गया है। जिसके बाद से मेडिकल छात्रों समेत करीब 20,000 से अधिक भारतीय नागरिक यूक्रेन में फस गए हैं। जिन्हें वापस लाने के लिए सरकार की ओर से कोशिशें जारी है।
देवरिया: यूक्रेन तथा रूस में आज युद्ध (Russia Ukraine War) छिड़ने के बाद वहां पर पढ़ाई करने वाले छात्रों में दहशत कायम है। उन्हीं में से एक उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के रामपुरकारखाना कस्बे के रहने वाले प्रणव नाथ सिंह यादव भी हैं, जो बीते साल 2018 में एमबीबीएस की शिक्षा ग्रहण करने के लिए यूक्रेन गए है। पीड़ित छात्र प्रणव नाथ सिंह यादव दिसम्बर 2021 में बहन की शादी समारोह में शामिल होने के लिए यूक्रेन से देवरिया आये थे, और 3 फरवरी 22 को यूक्रेन चले गए है। इस समय यूक्रेन शहर में हैं और अपने हॉस्टल में में फंसे पड़े हैं। छात्र प्रणव नाथ की उम्र 24 साल है और वह इस समय यूक्रेन के एक यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस चौथे साल का छात्र है। पीड़ित छात्र के पिता जी बलिया जिले में स्वास्थ विभाग में फार्मासिस्ट के पद पर नौकरी कर रहे हैं।
परिवार में दहशत का माहौल
परिवार वालों को आज जब युद्ध की सूचना मिली तो पूरे परिवार दहशत का माहौल है और पूरे घर में मायूसी छाई हुई है वहीं कस्बे के लोग और परिवार वालों ने मिलकर प्रणव नाथ सिंह यादव की सलामती की भगवान से दुआ की है। वीडियो कॉल के जरिए अपने घर के परिजनों से बात करते हुए छात्र ने बताया कि यूक्रेन के शहर में आपातकाल जैसी स्थिति है और मॉल एटीएम मशीनों, सब्जी मंडी में लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लगी है।
परिवार ने लगाई वतन वापसी की गुहार
प्रणव नाथ सिंह यादव का पूरा परिवार पीएम से वतन वापसी की गुहार लगाई है। वहीं वीडियो कॉल के जरिए छात्र ने बताया कि वह कुछ देर पहले अभी अपने हॉस्टल से निकल कर राशन को इकट्ठा किया गया है और यूक्रेन शहर से 200 किलोमीटर, 600 किलोमीटर की दूरी पर बमबारी हो रही है और कई स्थानों पर रूस की सेना ने फ्लैग भी लगा लिया है।
रामपुर कारखाना स्थित आवास पर यूक्रेन में फसे छात्र के चाचा मुरलीधर यादव ने बताया कि प्रणव यूक्रेन की राजधानी से 400 किमी दूर है। युद्ध के बाद परिवार के लोग परेशान हैं। प्रणव के पिता बलिया में रहते हैं, वह नौकरी करते हैं। उन्होंने कहा सरकार से हम लोगो की मांग है कि हमारे बच्चे को सकुशल वतन वापसी कराए।