TRENDING TAGS :
Ghazipur Crime News: 16 लाख रुपए के साथ पकड़ा गया अफीम फैक्ट्री का निदेशक, मिठाई के डिब्बे में चुराकर रखा था पैसा
गाड़ी चेकिंग के दौरान एसीबी ने अफिम फैक्ट्री के महाप्रबंधक के गाड़ी से मिली सोलह लाख रुपए।
Ghazipur News: गाजीपुर अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक डाक्टर शशांक यादव को राजस्थान में राजस्थान भ्रष्टाचार ब्यूरो ने 16 लाख 32 हजार रूपये के साथ पकड़ा है। महाप्रबंधक डाक्टर शशांक यादव गाजीपुर जनपद के अफीम फैक्ट्री में महाप्रबंधक के पद पर तैनात है। यही नहीं शशांक यादव के पास मध्यप्रदेश स्थित नीमच फैक्ट्री का भी प्रभार उनके पास था। राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को इनके उपर कई दिनों से नजर रख रही थी।
एसीबी को शशांक के बारे में थी गुप्त सूचना
राजस्थान भ्रष्टाचार ब्यूरो के अधिकारियों को सुचना मिल रही थी की। गाजीपुर के महाप्रबंधक डाक्टर शशांक यादव व उनके साथी मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे है। इसी सुचना पर शनिवार को यादव रिश्वत के रुपये लेकर अपनी गाड़ी से चित्तौड़गढ़ होते हुए गाजीपुर जायेंगे सुचना मिलते ही एसबी के अधिकारियों ने कोटा उदयपुर मार्ग पर गाड़ियों की चेकिंग करने लगे इसी दौरान शशांक की गाड़ी गुजरी तो उसे रोक कर पूछताछ शुरू कर दिया गया। जब शशांक की गाड़ी चेक कि तो मिठाई के डब्बे से 16 लाख 32 हजार रुपये बरामद हुआ।
अफीम की गुणवत्ता अच्छी बताने के ऐवज में लिया गया रिश्वत
जांच में सामने आया की किसानों को पट्टे जारी करने व अफीम की गुणवत्ता अच्छी बताने के ऐवज में किसानों से ये रिश्वत लिया गया है। एसबी के अधिकारियों के अनुसार शशांक की गाजीपुर जनपद स्थित अफीम फैक्ट्री में तैनाती है। अधिकारियों के अनुसार शशांक कई दिनों से एसबी के रडार पर था। एसबी के अधिकारियों के अनुसार जो किसान रिश्वत नहीं देता था उन किसानों के अफीम को घटिया बताया जाता था।
नीमच अफीम लैब में कार्यरत अजीत सिंह व दीपक ने कुछ समय पूर्व छह हजार से ज्यादा किसानों से पट्टे दिलवाने के नाम पर करीब 35 करोड़ रुपये अग्रिम वसूले थे। ठाकुर चंद्रशील, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसीबी ने बताया कि यादव के खिलाफ लंबे समय से शिकायत मिल रही थी। अफीम फैक्ट्री नीमच में राजस्थान के लाइसेंसधारी किसानों की अफीम जमा की जाती है। इन दिनों यहां अफीम के सैंपलों की जांच का काम चल रहा है। अफीम में गाढ़ता व मारफीन प्रतिशत के हिसाब से ही नारकोटिक्स विभाग किसानों को पट्टे जारी करता है। विभाग के अधिकारी किसानों के खेत में अफीम की गुणवत्ता जांचते हैं। इसके बाद दफ्तर में भी जांच की जाती है।