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Gorakhpur News: रेलवे स्टेशन और बस स्टेशनों से गायब हो गया कोविड हेल्प डेस्क
Gorakhpur News: गोरखपुर स्वास्थ्य विभाग के आकड़े तस्दीक कर रहे हैं कि दिल्ली, मुंबई और दूसरे प्रदेशों से आ रहे लोग कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) स्वास्थ्य विभाग के आकड़े तस्दीक कर रहे हैं कि दिल्ली, मुंबई और दूसरे प्रदेशों से आ रहे लोग कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। यह यात्री हवाई जहाज, ट्रेन के साथ ही रोडवेज और प्राइवेट बसों से आ रहे हैं। एयरपोर्ट को छोड़ दें तो बाहर से आ रहे यात्रियों की स्क्रिनिंग के लिए कहीं कोई व्यवस्था नहीं है।
रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस स्टेशनों पर स्क्रिनिंग का कोई इंतजाम नहीं है। मुंबई से सर्वाधिक यात्री गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर ही उतर रहे हैं। रोडवेज के अधिकारी को अब स्क्रिनिंग के सवाल पर ही चौंक जा रहे हैं। तीसरी लहर के खतरों के बीच यात्रियों में भी किसी प्रकार का कोई खौफ नहीं दिख रहा है। कर्मचारियों से लेकर यात्रियों में मास्क को लेकर कोई संजीदगी नहीं दिख रही है। सभी जगह लापरवाही चरम पर है।
बस स्टेशनों पर बने कोविड हेल्प डेस्क गायब
रोडवेज के तीन बस स्टेशनों पर कोविड हेल्प डेस्क गुजरे दिन की बात हो गई। कोरोना कर्फ्यू में शुरू हुई स्क्रिनिंग की व्यवस्था अब ठप हो गई है। न तो कर्मचारियों में इसे लेकर संजीदगी है, न ही यात्रियों में। दिल्ली, कानपुर, आगरा आदि शहरों से आ रहे यात्री बिना स्क्रिनिंग के ही घरों को भेज जा रहे हैं।
बस स्टेशनों पर यात्री नहीं लगा रहे मास्क
पूछताछ कांउटर पर कर्मचारी बिना मास्क के नजर आते हैं। वह किसी को टोकते भी नजर नहीं आते हैं। रेलवे बस स्टेशन पर करीब 600 बसों से यात्री रोज आते और जाते हैं। लेकिन बड़ी संख्या बिना मास्क के ही सफर कर रही है। कंडक्टर और ड्राइवर भी मास्क को लेकर संजीदा नहीं दिख रहे हैं। एआरएम केके तिवारी का कहना है कि स्क्रिनिंग की व्यवस्था फिलहाल ठप है। तीसरी लहर के खतरों के बीच इसे फिर शुरू करेंगे।
नौसढ़ बस स्टेशन पर यात्रियों की स्क्रिनिंग कोई व्यवस्था
करोड़ों की लागत से बना नौसढ़ बस स्टेशन सिर्फ ठहराव केन्द्र बन कर रह गया है। यहां से बसें नहीं चलती हैं। वाराणसी रूट पर आने और जाने वाली बसें ही चंद मिनटों के लिए रूकती हैं। यहां भी यात्रियों की स्क्रिनिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। बुकिंग क्लर्क विनय राय बताते हैं कि स्क्रिनिंग की कोई व्यवस्था नहीं है।
बस स्टेशन पर ठेले वालों का कब्जा
पहली लहर में नौसढ़ पर प्रशासन द्वारा व्यवस्था की गई थी। बस स्टेशन पर ठेले वालों का कब्जा है। कमिश्नरी कार्यालय के ठीक सामने स्थित कचहरी बस स्टेशन पर भी तीसरी लहर के दस्तक को लेकर कोई सावधानी नहीं दिखती है। कोविड डेस्क गायब है। स्क्रिनिंग करने वाला कोई कर्मचारी नहीं है। हालांकि पब्लिक एड्रेस सिस्टम से एक दो बार लोगों को वैक्सीन और मास्क को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
रेलवे स्टेशन पर संक्रमितों की नहीं हो रही स्क्रिनिंग
दुनिया के सबसे लंबे रेलवे स्टेशन गोरखपुर में न कोई स्क्रीनिंग न ही रोकटोक। कोरोना के तीसरी लहर की चेतावनी के बाद भी रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों की जांच नहीं हो रही है। मुम्बई और दिल्ली से आने वाले यात्रियों को लेकर भी बेपरवाही है। कुछ दिन पहले तक स्वास्थ्य विभाग की एक टीम यहां एंटीजन से जांच करती भी थी लेकिन वह भी अब पूरी तरह से बंद हो गया है। वर्तमान समय में तो एंटीजन जांच छोड़िए, थर्मल स्क्रीनिंग तक नहीं हो रही है।
एयरपोर्ट पर हो रही सिर्फ स्क्रीनिंग
गोरखपुर एयरपोर्ट पर भले ही एंटीजन जांच नहीं हो रही है लेकिन यहां से आने और जाने वाले प्रत्येक यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग होती है। यहां बिना मास्क के प्रवेश प्रतिबंधित है। मास्क नहीं तो प्रवेश नहीं। एक-एक यात्री की जांच के बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया जाता है। यहां आने-जाने वाले हर यात्री से कोविड प्रोटोकाल का एक फार्मेट भरवाया जाता है। इसमें यात्रियों को आधार कार्ड नम्बर के साथ ही फोन नम्बर दर्ज करना अनिवार्य होता है। यहां इन सब प्रक्रियाओं में एक यात्री को दो से तीन मिनट का समय लग जाता है।