×

Gorakhpur News: शाहनवाज हुसैन ने योगी के शहर में क्यों बोला, 'मैं भाजपा की ऑर्गेनिक पौध'

Gorakhpur News: शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मेरा सारा राजनीतिक जीवन भाजपा में ही बिता है। ऐसी दशा में मैं भाजपा की ऑर्गेनिक पौध हूं।

Purnima Srivastava
Published on: 16 July 2021 2:57 AM IST (Updated on: 16 July 2021 7:03 AM IST)
Gorakhpur News
X

कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान शाहनवाज हुसैन व अन्य (फोटो: सोशल मीडिया)

Gorakhpur News: बिहार सरकार में उद्योग मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन गुरुवार को गोरखपुर में थे। वह गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब द्वारा 23वें स्थापना दिवस पर आयोजित 'धरोहर' कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुराने रिश्तों को याद किया। वहीं धर्म, राष्ट्रवाद और सम्प्रदायिकता पर खुलकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी शब्द भाजपा या संघ या नहीं है। कोई भी व्यक्ति मातृभूमि का विरोध देश में रहते हुए नहीं कर सकता। राष्ट्र की बात पर सभी को एक होना चाहिए। धार्मिक और धर्मांधता में बहुत बड़ा अंतर है। सच्चा मुसलमान अपने वतन से मोहब्बत करता है। राष्ट्र के मुद्दे पर हमें एक होना चाहिए। मेरा सारा राजनीतिक जीवन भाजपा में ही बीता है। ऐसी दशा में मैं भाजपा की ऑर्गेनिक पौध हूं।

बृहस्पतिवार को जनहित के सवाल, सत्ता और पत्रकारिता विषय पर विचारोत्तेजक संगोष्ठी राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भाजपा का राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के नाते पत्रकारों और संपादकों से हमेशा मिलना जुलना होता है। 5 लाख की भीड़ को संबोधित करने की अपेक्षा पत्रकारों के सामने बोलने में बहुत अधिक दबाव रहता है। किसी राष्ट्रीय प्रवक्ता को बोलते समय दिमाग और जुबान का सामंजस्य बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर से मेरा बहुत गहरा नाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनका बहुत पुराना संबंध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कहने पर सबसे पहले गोरखपुर हवाई सुविधा शुरू करने के लिए मैं खुद यहां आया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक जिला एक उत्पाद पूरे विश्व में चर्चा का विषय बना हुआ है।



सत्ता नीम का पौधा है, जो विसंगतियों को दूर करता है

पूर्व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री व राजसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला ने संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सत्ता और पत्रकारिता का निरंकुशता और समन्वय दोनों होता है। समन्वय नहीं जयप्रकाश जी को लोकनायक बना दिया। उन्होंने समाज के सभी वर्गों को एकजुट किया था। देश में क्षेत्रीय विवाद को खत्म करने के लिए देश के सभी भाषाओं की लिपि देवनागरी कर दी जाए तो क्षेत्रीय विवाद कम हो सकता है। भाषाई आधार पर देश को बांटने वाले गणराज्य को अंगूठा दिखा रहे हैं। इस समय की राजनीति में जातिवाद क्षेत्रवाद भाषावाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। आज भाषा के आधार पर देश को बांटने का प्रयास किया जा रहा है। किसी भी देश का नागरिक ही राष्ट्र होता है। पेड़ पौधे ईट पत्थर यह भौतिक वस्तुएं राष्ट्र नहीं है। पत्रकारिता और सत्ता दोनों ही जनहित के लिए हैं। जनता का हित रोटी कपड़ा और मकान भर नहीं है। सत्ता नीम के वृक्ष की तरह होती है। छाया के साथ-साथ तमाम तरह की विसंगतियों से समाज को दूर रखने का प्रयास करती है। पत्रकारिता सत्ता के गुण दोष को परिभाषित करने के लिए होनी चाहिए।



पत्रकार श्रेष्ठ पत्रकारिता करना चाहता है, लेकिन वह मजबूर: राहुल देव

प्रख्यात पत्रकार-संपादक एवं भाषाविद राहुल देव ने कहा कि जनहित के सवाल सत्ता को पत्रकारिता तीनों अलग-अलग एक दूसरे से जुड़े हुए सवाल है। लोग कुछ ओढ़ के स्वतंत्रता के लिए सब कुछ त्याग देते हैं। स्वतंत्रता जरूरी है लेकिन स्वतंत्रता की कीमत क्या है यह देखना उसे भी जरूरी है। जनहित भौतिक और अभौतिक दोनों से मिलकर बना हुआ होता है जनहित एक बुद्ध चेतन है। आजकल कुछ शब्द बहुत ही चर्चा में है। देश हित राष्ट्र हित और राज हित। राज्यकर्ता का दृष्टि राज्य से आता है। राज्यकर्ता की प्राथमिकता है कि वह अधिक से अधिक समय तक अधिक से अधिक राज्यों पर राज्य करें। जनहित से अलग कुछ भी मनुष्य कृत में कमियां होती है। हम सब गुण दोष के मिश्रण हैं। लोकतंत्र मैं कोई भी पक्ष सत्ता में आता है तो उसके अंदर मद होता है। जो सत्ता में उसकी एक छत्र राज करने की प्रवृत्ति उत्पन्न करती है। पत्रकारिता का कार्य न्यायपालिका से मिलता जुलता है। पत्रकारिता की सत्ता से दोस्ती नहीं हो सकती है। पत्रकार का सत्तासीनों से मित्रता होना अलग बात है। न्यायपालिका पत्रकारिता लोकहित संरक्षण करते हैं।
श्री देव ने कहा कि न्यायपालिका के पास असीमित अधिकार है। जबकि पत्रकार आरक्षित और असुरक्षित है। न्यायपालिका में बैठे लोगों के पास फैसला करने के लिए असीमित समय है। जबकि पत्रकार को रोज फैसला करना पड़ता है। पत्रकार को संरक्षित रखने के लिए उनको कुछ अधिकार की आवश्यकता है। आए दिन पत्रकारों पर हमले होते रहते हैं। हर पत्रकार श्रेष्ठ पत्रकारिता करना चाहता है लेकिन परिस्थितियों से मजबूर है। उन्होंने कहा कि हमें सत्ता और पत्रकारिता का अंतर्संबंध समझना पड़ेगा। हमें देश के भविष्य की जरूरत को तय करना पड़ेगा। आज सभी राष्ट्रवादी और अन्य विचारधारा में फस गए हैं। वर्तमान समय में मध्य मार्ग नहीं है। इस समय हम राष्ट्र के रूप में बाहरी आक्रमण का मुंह तोड़ जवाब देने की स्थिति में है। लेकिन अंदर से हमारा देश जाति, क्षेत्र, भाषा धर्म के नाम पर बैठा हुआ है। जिससे हम अंदर से कमजोर होते जा रहे हैं। हमें मजबूत होने के लिए आंतरिक रूप से एकजुट होना जरूरी है। पत्रकारिता के जरिए हमें इसे कार्य को करने के लिए प्रयास करना चाहिए। राष्ट्र का मतलब पत्थर पेड़ पौधे नदी नाले नहीं है। यहां के लोग या के राष्ट्र और उनकी आत्मा राष्ट्र की आत्मा होती है। लोगों को एकजुट करना हमारी निजी चुनौती है।


इन पर बात होनी चाहिए बात
नवोदय टाइम्स तथा पंजाब केसरी (जालंधर) के संपादक अकु श्रीवास्तव ने कहा कि हम लोग कई दशकों से पत्रकारिता कर रहे हैं। समय के साथ पत्रकारिता में काफी बदलाव आया है। समय के साथ सत्ता और पत्रकारिता के प्रति अपेक्षा और आकांक्षा बढ़ी है। अब राजनीति जातीय समीकरणों पर फोकस कर रही है। जबकि समाज के सामने अन्य ज्वलंत मुद्दे हैं। इस वक्त रोजगार, सामाजिक समरसता, उद्योग, सामाजिक चेतना, शिक्षा पर बात होनी चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन अर्चना श्रीवास्तव ने किया। इसके पूर्व प्रेस क्लब के दो दशक पूरे होने पर संस्थापक सदस्यों व पूर्व अध्यक्ष को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया। रामेंद्र सिन्हा, कौशल त्रिपाठी, आनन्द राय, वागीश धर द्विवेदी, राकेश सारस्वत, एस पी सिंह, श्रीकृष्ण त्रिपाठी, संजय सिंह, सुशील वर्मा, सर्वेश दुबे, उदय प्रकाश पाण्डेय, सुजीत पांडेय, धर्मेन्द्र सिंह, अजीत यादव, सौरभ पाण्डेय, अनिल यादव, जगदम्बा तिवारी, बच्चा पांडेय, शैलेश मणि त्रिपाठी समेत कई मीडिया कर्मी सम्मानित किए गए।
इस अवसर पर अध्यक्ष मार्कण्डेय मणि, उपाध्यक्ष अतुल मुरारी तिवारी, मंत्री मनोज यादव, सयुक्त मंत्री आशीष भट्ट, कोषाध्यक्ष बैजू गुप्ता, कार्यकारिणी सदस्य दीपक त्रिपाठी, अंगद प्रजापति में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। तृतीय सत्र में शास्त्रीय संगीत का आयोजन किया गया। जिसमें अप्रमेय मिश्र व भरत शर्मा जैसे कलाकारों ने अपने संगीत से लोगों का मनोरंजन किया।


Dharmendra Singh

Dharmendra Singh

Next Story